यमन से आई अच्छी खबर, केरल की नर्स निमिषा प्रिया की मौत की सजा रद्द, ग्रैंड मुफ्ती के ऑफिस ने की पुष्टि

Nimisha Priya Hanging Punishment
नई दिल्ली: Nimisha Priya Hanging Punishment: यमन में हत्या के दोषी भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की मौत की सजा को पलटकर पूरी तरह से रद्द कर दिया गया है. भारतीय ग्रैंड मुफ्ती, कंथापुरम एपी अबूबकर मुसलियार के कार्यालय ने सोमवार को यह जानकारी दी. इसके अनुसार ये निर्णय यमन की राजधानी सना में आयोजित एक हाई लेवल मीटिंग बैठक के बाद लिया गया. इस मीटिंग में उसकी सजा को रद्द करने का फैसला लिया गया.
हालाँकि, जिस व्यक्ति की हत्या के आरोप में निमिषा को सजा सुनाई गई उसके भाई अब्दुल फत्ताह महदी ने ऐसी किसी भी बात से इनकार किया है. फत्ताह ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि 'ग्रैंड मुफ़्ती' कंथापुरम एपी अबूबकर मुसलियार (केरल के एक इस्लामी नेता) के कार्यालय का यह बयान कि फाँसी रद्द करने पर सहमति बन गई है, 'पूरी तरह से झूठा' है.
बता दें, न्यूज एजेंसी ANI ने जानकारी की कि सूत्रों से पता चला है कि निमिषा प्रिया मामले में कुछ लोगों द्वारा साझा की जा रही जानकारी गलत है. इससे पहले, आंध्र प्रदेश के कंथापुरम के भारतीय ग्रैंड मुफ्ती अबुबकर मुस्लैयार के कार्यालय ने एक बयान जारी कर कहा था कि निमिषा प्रिया की मौत की सजा, जिसे पहले निलंबित कर दिया गया था, रद्द कर दी गई है.
एएनआई के अनुसार अबूबकर मुसलियार के कार्यालय ने अपने बयान में कहा, 'निमिषा प्रिया की मौत की सजा को रद्द कर दिया गया है. उसकी सजा को पहले सस्पेंड किया गया था. अब उसकी मौत की सजा को पूरी तरह से रद्द करने का फैसला लिया गया.
केरल की 37 वर्षीय भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को जून 2018 में एक यमनी नागरिक की हत्या के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद 16 जुलाई को फांसी दी जानी थी. इस फैसले को देश की सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने नवंबर 2023 में बरकरार रखा था. हालांकि, भारत सरकार के संगठित प्रयासों के बाद उसकी फांसी स्थगित कर दी गई.
इससे पहले विदेश मंत्रालय ने निमिषा प्रिया को बचाने लेकर प्रयास करने का आश्वासन दिया था. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि विदेश मंत्रालय ने प्रिया के परिवार को यमन में जटिल कानूनी प्रक्रिया से निपटने में मदद के लिए एक वकील नियुक्त किया है.
इसमें शरिया कानून के तहत क्षमादान या माफी के विकल्प तलाशना भी शामिल है. निमिषा प्रिया एक प्रशिक्षित नर्स है और उन्होंने कुछ वर्षों तक यमन के निजी अस्पतालों में काम किया. निमिषा का परिवार पैसे के कारणों से 2014 में भारत लौट गया. उसके बाद ऐसा संयोग हुआ कि उसका परिवार वापस यमन नहीं लौट पाया क्योंकि वहां नए वीजा जारी करना बंद कर दिया था.
इसके बाद में साल 2015 में उसने वहां अपना एक क्लिनिक खोलने की योजना बनाई और एक यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी का साथ लिया. वहां के कानूनों के चलते निमिषा खुद क्लिनिक नहीं खोल सकती थी. फिर निमिषा और महदी केरल घुमने आए. इसके बाद महदी ने निमिषा से शादी करने का दावा करने लगा.
निमिषा प्रिया की मां द्वारा दायर याचिका में कहा गया था कि कुछ समय बाद निमिषा का क्लिनिक शुरू हो गया. फिर महदी ने क्लिनिक के मालिकाना हक को लेकर गड़बड़ी करने लगा. उसने सभी को यह बताकर कि निमिषा उसकी पत्नी है, उसकी मासिक आय से पैसे भी लेने शुरू कर दिए. बाद में निमिषा ने आरोप लगाया कि महदी उसे और उसके परिवार वालो को तंग करने लगा. महदी ने उसका पासपोर्ट भी जब्त कर लिया था. ऐसा इसलिए किया गया ताकि वह यमन छोड़कर न जाए.
उसने उसे कई बार बंदूक की नोक पर धमकाया. उसने क्लिनिक से सारा पैसा और उसके गहने भी छीन लिए. याचिका में ये भी आरोप लगाया गया कि परेशान होकर उसने सना पुलिस से शिकायत की. हालांकि महदी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई बल्कि पुलिस ने निमिषा को गिरफ्तार कर लिया. छह दिनों तक जेल में रखा.
यह भी आरोप लगाया गया है कि जेल से लौटने पर यातनाओं की गंभीरता कई गुना बढ़ गई. साल 2017 में निमिषा ने अपने क्लिनिक के पास एक जेल के वार्डन की मदद लेकर महदी को एक हाईपावर दर्दनाशक दवा दिया जिससे उसकी मौत हो गई.