If you also have joint pain and high fever
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सावधान! अगर आपको भी है जोड़ों में दर्द और तेज बुखार, झेलने पड़ सकते हैं गंभीर परिणाम; जानें बचाव के तरीके

If you also have joint pain and high fever

If you also have joint pain and high fever

If you also have joint pain and high fever- यदि आपको पहले बुखार भी उसके बाद (Joint Pain) हाथों-पैरों व जोड़ों में दर्द हो रहा है। उठने बैठने और चलने में तकलीफ हो रही है तो सावधान हो जाइए। समय रहते अगर उपचार नहीं लिया तो आपको गंभीर परिणाम झेलने पड़ सकते हैं। ऐसे में लोग जब भी (Fever) बुखार आता है और (Joints) जोड़ों में दर्द होता है तो लोग इसे हलके में ले लेते हैं और साधारण सी (Fever) बुखार की गोली और दर्द निवारक गोली ले लेते हैं। लेकिन आपकी जरा सी लापरवाही आपकी सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। 

बता दें कि जैसे ही मौसम में तब्दीली आई है इसके साथ ही (Viral Fever) वायरल बुखार सभी को हो रहा है जिसे (chikungunya viral fever) चिकनगुनिया वायरल बुखार कहते हैं। यह एक वायरल बुखार है, जो संक्रमित मच्छरों के काटने से होता है। (chikungunya Virus) चिकनगुनिया वायरस से (infected mosquitoes) संक्रमित मच्छर जब किसी व्यक्ति को काट लेता है तो यह वायरस उस व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाता दै। चिकनगुनिया के संक्रमण में अचानक बुखार और जोड़ों में दर्द की समस्या हो सकती है। इसके अलावा सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और जोड़ों में सूजन के साथ ही शरीर पर चकत्ते भी हो सकते हैं। (chikungunya viral fever) चिकनगुनिया वायरस को उसका यह नाम किमाकॉन्डे भाषा से मिला है, जिसका अर्थ मुडऩे या झुकने से है।(chikungunya viral fever)  चिकनगुनिया वायरस से संक्रमित व्यक्ति के जोड़ों में इतना दर्द होता है कि वह व्यक्ति उस हिस्से से मुड़ या झुक जाता है। इस बीमारी का सबसे पहला मामला साल 1952 में अफ्रीकी देश तंजानिया के दक्षिणी हिस्से में सामने आया था।

चिकनगुनिया के मामले (Africa, Asia, Europe and the Indian and Pacific Oceans) अफ्रीका, एशिया, यूरोप और हिंद व प्रशांत महासागरीय देशों में सामने आते रहे हैं। साल 2000 के बाद चिकनगुनिया के बहुत से मामले अमेरिकी देशों में भी सामने आए। (chikungunya viral fever) चिकनगुनिया से संक्रमित व्यक्ति के साथ यह वायरस अन्य इलाकों में भी फैल सकता है। अभी तक (chikungunya) चिकनगुनिया के खिलाफ किसी तरह की कोई वैक्सीन नहीं बन पायी है। यही नहीं (chikungunya) चिकनगुनिया के संक्रमण से लडऩे क लिए दवा भी नहीं है। इसलिए आपको पूरी बाजू के कपड़े पहनने चाहिए। रात को सोते समय भी मच्छर भगाने वाली दवा और मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।

symptoms of chikungunya- चिकनगुनिया के लक्षण 

किसी भी बीमारी के बारे में समझने के लिए सबसे पहले जरूरी है कि उसके लक्षणों को समझा जाए। चिननगुनिया का पहला लक्षण को बुखार ही है। इसके अलावा चकत्ते आदि भी होते हैं। जब संक्रमित मच्छर किसी व्यक्ति को काट लेता है तो इसके वायरस को शरीर में विकसित होने और लक्षण दिखने में 2 से 12 दिन तक लग सकते हैं। चिकनगुनिया के निम्न लक्षण होते हैं –

  • तेज बुखार (102 डिग्री फारेनहाइट या इससे ज्यादा) -high fever
  • मांसपेशियों में दर्द -muscle pain
  • गठिया -gout
  • आंखा आना -get blind
  • जी मिचलाना -Nausea
  • उल्टी -Vomiting

due to chikungunya- चिकनगुनिया के कारण 

(chikungunya Viral) चिकनगुनिया एक वायरल बीमारी है, जो संक्रमित मच्छरों से इंसानों में फैलती है। यह समस्या चिकनगुनिया वायरस से फैलता है। (person infected with chikungunya) चिकनगुनिया से संक्रमित व्यक्ति सीधे किसी अन्य व्यक्ति को (infected) संक्रमित नहीं कर सकता है। (person infected with chikungunya) चिकनगुनिया से संक्रमित व्यक्ति को यदि कोई मच्छर काट ले और वही मच्छर किसी दूसरे व्यक्ति को काट ले तो दूसरा व्यक्ति भी (infected with chikungunya) चिकनगुनिया से संक्रमित हो सकता है। मच्छरों के काटने से इस तरह से वायरस एक व्यक्ति से दूसरे में फैलता है।

अच्छी बात यह है कि (CDS) सीडीएस के अनुसार अभी तक किसी भी (infected) संक्रमित मां से उसके मासूम बच्चे में दूध के जरिए (chikungunya) चिकनगुनिया फैलने का कोई सुबूत नहीं है। चिकनगुनिया वायरस एडीज इजिप्ती और एडीज एल्बोपिक्टस मच्छरों के जरिए फैलता है। बता दें कि यही मच्छर डेंगू फैलाने के लिए भी जाने जाते हैं। एडीज इजिप्ती चिकनगुनिया वायरस ट्रॉपिकल और सब ट्रॉपिकल इलाकों में पनपते हैं, जबकि एडीज एल्बोपिक्टस मच्छर समशीतोष्ण जलवायु जलवायु में जिंदा रहते हैं।

(chikungunya) चिकनगुनिया कुछ मामलों में संक्रमित मां से उसके नवजात शिशु में प्रसव के दौरान फैल सकता है। कुछ बहुत ही कम मामलों में रक्ताधान के दौरान संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में (chikungunya Virus) चिकनगुनिया का वायरस पहुंच सकता है।

Diagnosing Chikungunya- चिकनगुनिया का निदान 

अगर आपके क्षेत्र में (Chikungunya) चिकनगुनिया के केस बढ़े हुए हैं या आप किसी ऐसी जगह से लौटे हैं, जहां चिकनगुनिया का प्रकोप है और आपको (High Fever) तेज बुखार के साथ जोड़ों में दर्द की समस्या भी है तो आपको जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाना चाहिए। हो सकता है डॉक्टर लक्षणों की पहचान करते हुए कुछ (Blood Test) ब्लड टेस्ट का सुझाव देंगे, जिनसे चिकनगुनिया वायरस और इसके खिलाफ बनने वाली एंटीबॉडीज की पहचान हो सके। (Chikungunya) चिकनगुनिया का निदान करने के लिए डॉक्टर कई तरीके अपनाते हैं। इसके लिए एलीसा जैसे (serological test) सेरोलॉजिकल टेस्ट किए जाते हैं।

prevent chikungunya- चिकनगुनिया से बचाव 

चिकनगुनिया उन बीमारियों में से एक है, जिनका अभी तक वैज्ञानिक इलाज नहीं खोज पाए हैं। इसके लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है। इसलिए चिकनगुनिया से बचाव ही इसका इलाज है। यदि आप स्वयं को मच्छरों के काटने से बचा सकते हैं तो आप चिकनगुनिया से भी बच सकते हैं।

  • जहां मच्छरों का प्रकोप हो वहां आने-जाने से बचें
  • मच्छरों या कीड़ों से बचाने वाली क्रीम का इस्तेमाल करें
  • लंबी बाजू की शर्ट और पैंट पहनें
  • घर के अंदर और बाहर मच्छरों को नियंत्रित करने के लिए जरूरी कदम उठाएं
  • मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी का इस्तेमाल करें और मच्छर मारने या भगाने वाली दवा का छिडक़ाव करें
  • अपने घर और आसपास, खाली जगहों पर गमलों, बाल्टियों, टायर आदि में पानी इक_ा न होने दें
  • खिडक़ी के पास तुलसी का पौधा रखने से भी घर में मच्छर कम आते हैं
  • घर में कपूर जलाने से भी मच्छर दूर रहते हैं
  • खूब सारा पानी पिएं और स्वयं को हाइड्रेटेड रखें।

treatment of chikungunya- चिकनगुनिया का इलाज 

चिकनगुनिया का अभि तक वैज्ञानिक इलाज नहीं खोज पाए हैं, इसकी कोई वैक्सीन या दवा भी नहीं है तो ऐसे में प्रश्न ये उठता है कि चिकनगुनिया कैसे ठीक होता है? चिकनगुनिया के सिर्फ लक्षणों का इलाज होता है। डॉक्टर, लक्षणों के अनुसार मरीज का इलाज करते हैं।

  • चिकनगुनिया में तेज बुखार और दर्द से राहत देने के लिए एसीटामिनोफेन और पेरासिटामोल जैसी दवाएं दी जाती हैं।
  • चिकनगुनिया में एस्पिरिन और नॉन-स्टेरॉयडल एंटी इंफ्लेमेटरी दवाएं कतई न लें। डेंगू होने पर आपके शरीर से काफी ज्यादा रक्तस्राव भी हो सकता है। यह दवाएं प्लेटलेट्स गिराने के लिए जिम्मेदार हो सकती हैं।
  • अगर आप किसी तरह की अन्य समस्या के लिए दवा ले रहे हैं तो कोई भी नई दवा लेने से पहले अपने डॉक्टर से बात कर लें।
  • अगर आप चिकनगुनिया से संक्रमित हो चुके हैं तो स्वयं को मच्छरों के काटने से बचाएं, क्योंकि आप मच्छरों के जरिए अन्य लोगों को भी संक्रमित कर सकते हैं।
  • चिकनगुनिया होने पर कम से कम एक सप्ताह के लिए बेड रेस्ट करें।
  • नियमित तौर पर प्रतिदिन कम से कम 5 लीटर पानी पिएं। ओआरएस यानी नींबू, चीनी और नमक के पानी का घोल पिएं।
  • अगर आपका बुखार उतर गया है और शरीर का तापमान सामान्य हो गया हो, उसके बाद भी कम से कम एक हफ्ते आराम करें।
  • पूरी तरह से आराम के लिए सूती वस्त्र पहनें।
  • ज्यादा दूध और चीनी के साथ कम पत्ती वाली चाय पिएं, गर्मागर्म सूप का सेवन करें। शरबत का सेवन भी कर सकते हैं।

 

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