How to Identify Pure and Fake Sweet in This Festival Season 2023

Pure and Fake Sweet: मिठाई के शौकीन है तो इस बार हो जाएं सावधान! इस त्योहारी सीजन में जान लीजिए कैसे करनी है मीठे ज़हर की पहचान ?

How to Identify Pure and Fake Sweet

How to Identify Pure and Fake Sweet in This Festival Season 2023

How to Identify Pure and Fake Sweet: क्योंकि अब त्योहारों का मौसम शुरू हो चुका है और बाज़ारो में भी खूब रौनक होने लग गयी है। लोगों के लिए तो हर वीकेंड शॉपिंग डे बन जाता है। जहां फेस्टिवल सीजन में नए-नए खरीददारी के ऑफर आ रहे है वहीं लोगों का अपने घरों के लिए सामान बटोरने की तेज़ी भी लगी है। लेकिन अक्सर ये ऑफर और त्योहारी महीने लोगों की जेब के साथ उनकी सेहत के साथ भी खिलवाड़ कर जाते है। ऐसा तब होता है जब हम बाज़ारों में बिक रहे सामान के रंग-रूप और चमक के बहकावे में आकर बिना सोचे-समझे चीज़े खरीद लेते है और इसका खामियाज़ा हमे तब भुगतना पड़ता है जब हमारी चीज़े ख़राब निकलती है और हमारी सेहत पर प्रभाव डालती है।

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अब बाज़ारो में रंग-बिरंगी स्वादिष्ट मिठाईयां ने भी अपनी दस्तक देदी है, पर किसे पता है कि ये मिठाईयां असली है नकली है ? बाजार में जैसे ही किसी चीज की मांग बढ़ती है, तो उसमें मिलावट भी तेजी से होने लगती है। फिर वह खाने-पीने की चीज ही क्यों न हो। सेहत को ताक पर रख कर त्योहारी सीजन में मिठाइयों में मिलावट की जाती है। ऐसे में हम जो मिठाइयां घर ला रहे हैं, वह शुद्ध है या नहीं, इसके प्रति सतर्कता बेहद जरूरी है। तो आइए जानें कैसे मिठाइयों की शुद्धता को परखा जाए ताकि आपके स्वास्थ्य से कोई खिलवाड़ न हो।

क्‍यों बढ़ रही है मिलावट
देश में हर चीज की कीमतें बढ़ चुकी हैं। मिठाई बनाने के लिए प्रयोग होने वाली सामग्री, जैसे दूध, घी, मावा, चीनी, मैदा सहित सभी चीजों के दाम बढ़े हैं।इससे मिठाई बनाने का खर्च बढ़ गया है. इस वजह से बहुत से दुकानदार मिठाई बनाने के लिए मिलावटी घी से लेकर नकली दूध, मावा और पनीर का प्रयोग करते हैं. दूसरी वजह त्‍योहारी सीजन में ज्‍यादा मांग के कारण न तो ग्राहक मिठाई की क्‍वालिटी को लेकर ज्‍यादा पूछ-परख करता है और न ही सरकार मिठाईयों की चेकिंग करती है. इस वजह से मिलावटी मिठाइयां ज्‍यादा बनाई और बेची जाती है।

जांच-परख कर खरीदें मिठाई
मिलावटी मिठाइया या कोई और खाद्य सामग्री किसी भी व्‍यक्ति को गंभीर रूप से बीमार कर सकती है। सबसे अधिक लोग पेट से संबंधित बीमारियों से पीड़ित होते हैं। मिलावटी मिठाइयां खाने से लीवर पर सूजन आ जाना, फूड प्वाइजनिंग, पेट में दर्द जैसी समस्‍या ज्‍यादा होती हैं। इसलिए मिठाई खरीदते समय हमेशा सतर्कता बरतें।

ऐसे करें मावा की पहचान
मावे में थोड़ी चीनी डालकर गर्म करें, यदि वह पानी छोड़ने लगे तो मावा नकली है। थोड़ा मावा खाकर देखें अगर असली होगा तो मुंह में नहीं चिपकेगा जबकि, नकली मावा चिपक जाएगा। इसके अलावा मावे को हाथ पर रगड़ें। असली होने पर इसमें से घी की महक आएगी और खुशबू देर तक रहेगी।

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दूध और घी में भी हो रही मिलावट
आए दिन हम खबरों में पढ़ते हैं कि दूध व मावे में जगह पानी, यूरिया, सफेद रंग, वॉशिंग पाउडर मिलाकर मिठाइयां तैयार की जाती है। इतना ही नहीं घी और तेल में भी बड़े पैमाने पर मिलावट होती है, जो अपकी सेहत को खतरे में डालते हैं। असली घी से बने मिठाई गर्म होने के बाद रंग नहीं बदलते हैं। नकली घी से तैयारी मिठाई को जब आप गर्म करेंगे तो उसमें से बदबू आएगी और गहरे भूरे रंग की हो जाएगी। 

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असली चांदी वर्क की करें पहचान
दीवाली जैसे त्योहारों में जब मिठाई की डिमांड सबसे अधिक होती है, तो मिलावटखोर दुकानदार उसपर वर्क चांदी व सोने की जगह एल्युमिनियम लगाकर उसे आकर्षक बना देते हैं। असली चांदी वर्क हाथ से मसलने पर गायब हो जाते हैं, जबकि एल्युमिनियम के वर्क मसलने के बाद गोली के रूप में बदल जाते हैं। शरीर के अंदर जाकर यह एल्युमिनियम पच नहीं पाता है और जमा होकर कई रोगों को जन्म देता है।

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क्या होता है चांदी का वर्क 
चांदी का वर्क दरअसल Silver Leaf चांदी से बनाई गई एक बहुत बारीक़ सी परत होती है। इसे मिठाई, जैसे काजू कतली, बेसन चक्की, बंगाली मिठाई आदि बनाने के बाद उसके ऊपर लगाया जाता है। वर्क लगी मिठाई देखने में शानदार लगती है, जिसे देख किसी के भी मुंह में पानी आ जाता है। मिठाई के अलावा इस चांदी का इस्तेमाल सजावट के लिए पान, मीठी सुपारी, इलाइची, खजूर, च्यवनप्राश आदि किया जाता है। 

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मिठाई के रंगों के बहकावे में न आए
बाजार में इन दिनों अलग अलग रंगों की मिठाइयों का खूब ट्रेंड है। दुकानदार कई बार केमिकल कलर्स का प्रयोग करते हैं, जो पेट में जाकर शरीर को काफी नुकसान पहुंचाता है। नकली रंगों से तैयार मिठाई पानी में डालने पर रंग छोड़ने लगती है जबकि असली रंग जैसे केसर और हल्दी के प्रयोग से नेचुरल कलर्स से बनी मिठाइयां घंटों तक पानी में रखने के बाद भी रंग नहीं छोड़ता है। इसकी खुशबू भी बेहतरीन होती है।

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