कैसे की जा सकती है ईवीएम से छेड़छाड़ .. ?

कैसे की जा सकती है ईवीएम से छेड़छाड़ .. ?

How can EVMs be tampered with

How can EVMs be tampered with

( अर्थ प्रकाश/ बोम्मा रेडड्डी )

विशाखापट्टनम :: (आंध्र प्रदेश) ईवीएम पर एक वैज्ञानिक ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि अमेरिकी सरकार ने भी इस बात को मान्यता दी है और एक जीईओ जारी कर इस बात की पुष्टि की है कि अब से ईवीएम का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। अमेरिका में रहने वाले डालमिया नाम के एक भारतीय वैज्ञानिक ने वेबसाइट में कुछ सबूतों के साथ इसे शामिल किया है ईवीएम से छेड़छाड़ करने के लिए?  उन्होंने विस्तार से बताया कि ऐसा कैसे हो सकता है. इस मामले को जानने के बाद भी अगर हम मूर्ख बने रहेंगे और इस पर प्रतिक्रिया नहीं देंगे तो यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि आंध्र में होने वाले चुनावों में इस भारतीय देश में लोकतंत्र का अस्तित्व ही  खत्म हो जाएगा आंध्राप्रदेश में 78 विधान सभा क्षेत्रो में हुए चुनाव एक तरफ़ा इसी हथकंडे के कारण हुआ यह निर्धारित किया जा सकता है  थे, इसकी पुष्टि के कुछ सबूत हैं आंध्र प्रदेश में ले गए एवंसारे के सारे नए हैं और जिसमें डिफॉल्ट चिप लगा हुआ है यह टेक्निकल रूप से अनौपचारिक ढंग से पता कर लिया गया हैऔर एवं को टेंपरिंग कैसे किया जा सकता है 4G टेक्नोलॉजी ( एक मिनी टावर ) की जरूरत है 

    लेकिन  5G टेक्नोलॉजी में कोई टावर की जरूरत ही नहीं होती है माइक्रो सिम कार्डसे भी छोटा के के बराबर एक चिप इस ईवीएम में इंस्टॉल किया जा सकता है किसी भी जगह और काम करना चालू करता है यह बताया गया जिससे टेंपरिंग करना इजी है कहा। उक्त सारी जानकारीअमेरिका में सेवारत डालमिया वेबसाइट पर डाल रखा हैयह कोई छुपी बात नहीं है कहा
       
  5G टेक्नोलॉजी के वर्तमान में लगाए गए नए एवं मेंअगर यह छिपा है तो उसे को भारत के हर जगह में बैठकर आंध्र प्रदेश में हुई चुनाव को प्रभावित किया जा सकता है कहा ।
         विदेश में बैठकर भी भारत में किया जा सकता है बस उसे एवं का सीरियल नंबरकिस जगह में लगा है उसका स्थान का निर्धारण होना जरूरी है इतनी बात जानने के बाद अगर सरकार मौन रहती है तो इससे बड़ा प्रजातांत्रिक .देश में इससे बढ़ा दुर्भाग्य कुछ और हो नहीं सकता है
       इस मामले को आंध्र प्रदेश के कई राजनीतिक दल एक जगह बैठकर सुना और इस पर कई लोगों ने ईमेल के माध्यम से सूचना आयोग को सुप्रीम कोर्ट जज को और चुनाव आयोग को भी पत्र लिखा लेकिन उसका जवाब अभी आना बाकी है 
       इसके पहले ही इसको कोर्ट में तलब करने की कोशिश जारी है .इस तरह के एवं को लाने के पहले आंध्र प्रदेश में 70000 EVM पड़े हैंजो पिछले चुनाव में ठीक-ठाक कम कर रहे थेसिर्फ इसमें एक बैटरी के सिवा और कोई छेड़छाड़ करने की जरूरत नहीं थी लेकिन क्यों डर किनारा किया गया जो पिछले चुनाव में प्रयोग हुए उनका उपयोग में क्यों नहीं लाया गया ,? 
   सिर्फ उसमें बैटरी को नए सिरे से लगाना होता है जो मुश्किल से माचिस के डब्बे के बराबर होता है उन EVM को लाकर आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में एक जगह रखकर इन नए को क्यों उपयोग किया गया इसमें एक राज्य छिपा है ?  
इसलिए की नया EVM लगाया कि इसमें एक डिफ्लट चिप लगी है वह डिफॉल्ट छिपा है जिसमे YSR पार्टी को वोट डालो तो वो TDP पे खाते में जाएगा और TDP को डालो तो YSR पार्टी के खाते में वोट जमा होगा 
एक और सूचना यह मिला की यह डिफॉल्टचिप लगी हुई EVM सिर्फ आंध्र तेलंगाना उड़ीसा में भेजा गया को   यह भी पता लग गया

इस पर क्लिक करके इस यूट्यूब के माध्यम सेपूरी जानकारी और टेंपरिंग के बारे मेंबटाटा हुआ व्यक्ति एक साइंटिस्ट है और प्रोफेसर भी है देखे.....और वॉइस ट्रांसलेशन पर अपनी भाषा में सुन सकते हैं

आंध्रा में चुनाव में उपयोग में लाऐ गऐ EVM की ज्यूडिशरीविश्व की सबसे अच्छी टेक्नोलॉजीअनुसंधान करताऔर चुनाव आयोग की कमेटी को बिठाकर जांच कराई जा सकती है यह कई विपक्षी दल ने कहा है।