गृह मंत्री अमित शाह आज करेंगे उच्च स्तरीय बैठक, बाढ़ से निपटने की तैयारियों की करेंगे समीक्षा

गृह मंत्री अमित शाह आज करेंगे उच्च स्तरीय बैठक, बाढ़ से निपटने की तैयारियों की करेंगे समीक्षा

गृह मंत्री अमित शाह आज करेंगे उच्च स्तरीय बैठक

गृह मंत्री अमित शाह आज करेंगे उच्च स्तरीय बैठक, बाढ़ से निपटने की तैयारियों की करेंगे समीक्षा

देश में मानसून का सीजन (Monsoon) शुरू होने वाले हैं. ऐसे में इस दौरान होने वाली परेशानियों से निपटने के लिए सरकार ने अभी से ही तैयारियां शुरू कर दी हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) मानसून के दौरान देश में बाढ़ की स्थिति से निपटने की तैयारियों की समीक्षा के लिए आज एक उच्च स्तरीय बैठक करेंगे. गृह मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है. दरअसल, मानसून के सीजन में देशभर के कई राज्यों में बाढ़ के हालात पैदा हो जाते हैं. जबकि बिहार, असम, उड़ीसा जैसे राज्यों में भारी बारिश की वजह से बाढ़ आ जाती है. इस वजह से लोगों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ता है. हर साल सैकड़ों लोगों को बाढ़ की वजह से जान भी गंवानी पड़ती है.

गौरतलब है कि देश में मानसून के इस मौसम में पहले लगाए गए अनुमान से अधिक बारिश होने की उम्मीद है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यह जानकारी दी जिससे भरपूर कृषि उत्पादन और मुद्रास्फीति पर लगाम लगने की उम्मीद जगी है. हालांकि, निचले इलाकों में भारी बारिश की वजह से बाढ़ आने का खतरा भी पैदा हो गया है. ऐसे में सभी राज्यों ने अभी से ही तैयारियों को करना शुरू कर दिया है. बाढ़ की वजह से लोगों का जन-जीवन अस्त व्यस्त तो होता ही है, साथ ही सरकार को भी बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है. बाढ़ की वजह से अक्सर बड़े पैमाने पर बुनियादी सुविधाओं को नुकसान पहुंचता है.

आईएमडी ने अधिक बारिश का जताया अनुमान

आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा, मानसून के इस मौसम में औसत बारिश के दीर्घकालिक अवधि औसत के 103 फीसद रहने की संभावना है. आईएमडी ने अप्रैल में कहा था कि देश में सामान्य वर्षा होगी जो दीर्घकालिक अवधि औसत का 99 प्रतिशत होगी, जो कि 1971-2020 तक के 50-वर्ष की अवधि में प्राप्त औसत वर्षा है. पूरे देश का दीर्घकालिक अवधि औसत 87 सेंटीमीटर है. महापात्र ने कहा कि मानसून के लिहाज से प्रभाव वाले क्षेत्र – गुजरात से लेकर ओडिशा तक के राज्य जो कृषि के लिए वर्षा पर निर्भर हैं – में दीर्घावधि औसत के 106 प्रतिशत से अधिक सामान्य वर्षा का अनुमान है.

उन्होंने कहा कि मध्य भारत और दक्षिण प्रायद्वीप में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है, जबकि उत्तर-पूर्व और उत्तर-पश्चिम क्षेत्रों में सामान्य बारिश होने की संभावना है. यह लगातार चौथा वर्ष है जब भारत में सामान्य मानसून का अनुभव होने की संभावना है. इससे पहले, भारत में 2005-08 और 2010-13 में सामान्य मानसून देखा गया था. महापात्र ने कहा कि निकट भविष्य में भारत में सामान्य मानसून देखने को मिल सकता है क्योंकि सामान्य से कम बारिश का दशक समाप्त होने वाला है. उन्होंने कहा, हम अब सामान्य मानसून युग की दिशा में बढ़ रहे हैं.