ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह और तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने आज यहां जारी प्रेस वक्तव्य में
Rural Development and Panchayati Raj Minister Anirudh Singh
कहा कि
केंद्र सरकार की तानाशाही सोच, सत्ता के घमंड और लोकतांत्रिक संस्थाओं के खुले दुरुपयोग पर आज न्यायालय ने करारी हार की मुहर लगा दी है। यंग इंडियन मामले में कांग्रेस नेतृत्व सोनिया गांधी और राहुल गांधी के विरुद्ध प्रवर्तन निदेशालय द्वारा चलाई गई पूरी कार्रवाई को अदालत ने अवैध, असंवैधानिक और दुर्भावना से प्रेरित बताया है।
अदालत ने साफ शब्दों में कहा है कि ईडी के पास न तो कोई वैध एफआईआर है और न ही इस मामले में कोई अधिकार क्षेत्र। बिना एफआईआर के केस गढ़ना केंद्र सरकार की हताशा और राजनीतिक डर को उजागर करता है।
उन्होंने कहा कि यह फैसला साबित करता है कि ईडी को भाजपा का चुनावी हथियार बना दिया गया था।
पिछले दस वर्षों से मोदी सरकार जिस तरह विपक्ष को डराने, कुचलने और चुप कराने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है, आज उस राजनीति की सरेआम पोल खुल गई है। यह कोई जांच नहीं, बल्कि बदले की राजनीति थी और आज वह राजनीति अदालत में ध्वस्त हो गई।
उन्होंने कहा कि इस मामले में न तो मनी लॉन्ड्रिंग हुई, न कोई अवैध आय सामने आई और न ही संपत्ति के किसी गैरकानूनी हस्तांतरण का कोई प्रमाण मिला। सारे आरोप झूठ, भ्रम और साज़िश पर आधारित थे, जिनका उद्देश्य सिर्फ लोकतंत्र की आवाज़ को दबाना था।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को अब देश से माफी मांगनी चाहिए कि उसने कानून की संस्थाओं को बंधक बनाकर विपक्षी नेताओं को बदनाम करने की साजिश रची। भाजपा को यह समझ लेना चाहिए कि डर, एजेंसी और झूठ के सहारे लोकतंत्र को लंबे समय तक कुचला नहीं जा सकता।
कांग्रेस पार्टी और उसका नेतृत्व संविधान, लोकतंत्र और देश की जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए सड़क से संसद तक संघर्ष करता रहेगा। हम न डरेंगे, न झुकेंगे और न ही चुप बैठेंगे। सत्य हमारे साथ है, और सत्य की जीत होकर रहेगी।