हाईकोर्ट ने 1259 जेबीटी टीचरों को बर्खास्त करने का आदेश

हाईकोर्ट ने 1259 जेबीटी टीचरों को बर्खास्त करने का आदेश

हाईकोर्ट ने 1259 जेबीटी टीचरों को बर्खास्त करने का आदेश

हाईकोर्ट ने 1259 जेबीटी टीचरों को बर्खास्त करने का आदेश

कोर्ट ने 2017 में नियुक्त टीचरों की नियुक्ति को अवैध करार दिया

चंडीगढ़, 20 जुलाई (साजन शर्मा)
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण फैसला दिया। कोर्ट ने 2017 में नियुक्त 1259 जेबीटी टीचरों की नियुक्ति को अवैध करार दे दिया। याची पक्ष के वकील विक्रम श्योराण ने जानकारी दी कि हाईकोर्ट ने 3 महीने के भीतर इन टीचरों को नोटिस देकर बखार्स्त करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने माना कि विज्ञापन जारी होने की तिथि के दिन जो योग्य उम्मीदवार थे, उनकी भर्ती वैध होगी। कोर्ट ने उन्हीं की भर्ती करने का निर्देश दिया है। अगर उनकी भर्ती के बाद भी कुछ पद रिक्त रहते है तो भर्ती के दिन योग्य रहे उम्मीदवार जो परिणाम की प्रतीक्षा सूची में हैं को नियुिक्त दी जाए। जो पद खाली रह जाएंगे उनको दोबारा विज्ञापित कर नए सिरे से भर्ती प्रक्रिया जारी की जाए।

ये था मामला
विक्रम श्योराण ने बताया कि हरियाणा सरकार ने 2012 में 8760 जेबीटी टीचरों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। इस भर्ती के लिए कट आफ डेट 11 दिसंबर 2012 थी। इस भर्ती में केवल वही उम्मीदवार योग्य थे जिन्होंने अध्यापक राज्य पात्रता (एचटैट) परीक्षा पास की थी। हरियाणा सरकार ने 2012 में  अध्यापक  राज्य पात्रता परीक्षा आयोजित नहीं की थी जिस कारण  कट आफ डेट तक इस भर्ती में केवल वही उम्मीदवार आवेदन कर सके जिन्होंने 2011 में परीक्षा पास की थी। इस बीच हरियाणा सरकार ने अप्रैल 2013 में राज्य पात्रता परीक्षा आयोजित कर दी। सरकार का कहना था कि प्रशासनिक कारणों से 2012 में अध्यापक  राज्य पात्रता परीक्षा आयोजित नहीं हो सकी लिहाजा अब अप्रैल  2013 में जो परीक्षा हो रही है उसे अध्यापक  राज्य पात्रता परीक्षा 2012 की माना जाए।
इसी को आधार बनाकर हाईकोर्ट में काफी संख्या में याचिका दायर की गई कि सरकार ने 2012 में अध्यापक  राज्य पात्रता परीक्षा नहीं ली और अब सरकार परीक्षा ले रही है लिहाजा उनको इस भर्ती में भाग लेने की इजाजत दी जाए। कोर्ट ने 2013 में अध्यापक राज्य पात्रता परीक्षा में प्रोविजनल तौर पर परीक्षा में भाग लेने की इजाजत दे दी। इस बीच अध्यापक  राज्य पात्रता परीक्षा का परिणाम घोषित हो गया और काफी संख्या में प्रोविजनल तौर पर भाग लेने वाले उम्मीदवारों ने परीक्षा पास भी कर ली।
अब टीचर भर्ती बोर्ड के पास दो तरह के उम्मीदवार थे। एक वो जो कट आफ डेट यानि 11 दिसंबर 2012 के दिन पद के लिए योग्य थे  जबकि दूसरे जिन्होने कट आफ डेट 11 दिसंबर 2012 के बाद अध्यापक पात्रता परीक्षा 2013 में पास की।
टीचर भर्ती बोर्ड ने जेबीटी भर्ती का परीक्षा का परिणाम घोषित कर केवल कट आफ डेट यानि 11 दिसंबर 2012 के दिन योग्य उम्मीदवारों को ही नियुक्ति देने का  फैसला  लिया और उनकी नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए। कट आफ डेट यानि 11 दिसंबर 2012 के बाद 2013 में परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवार जिन्होने जेबीटी भर्ती  की परीक्षा में अच्छे अंक लिए थे ने कोर्ट में केस दायर कर कहा कि उनके अंक कट आफ डेट 11 दिसंबर 2012 को योग्य उम्मीदवारों से ज्यादा है इसलिए एक संयुक्त मैरिट सूची बना कर उन्हें भी नियुक्ति दी जाए। इस दौरान सरकार की तरफ से कोर्ट में आश्वासन दिया गया कि राज्य में टीचरों की काफी पोस्टें खाली हैं और वह दोनों सूची के उम्मीदवारों को नियुक्ति दे देगी। इस पर कोर्ट ने कहा कि सरकार संयुक्त मेरिट लिस्ट बना कर नियुक्ति दे सकती है लेकिन विज्ञापन में तय पदों से ज्यादा पदों पर नहीं। कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया कि कट आफ डेट 11 दिसंबर 2012 के बाद योग्य हुए उम्मीदवारों की नियुक्ति इस याचिका के अंतिम फैसले पर निर्भर करेगी।
इसके बाद सरकार ने संयुक्त मैरिट सूची जारी की। पहली मैरिट सूची जो कट आफ डेट 11 दिसंबर 2012 के लिहाज से थी में कई योग्य उम्मीदवार काफी संख्या में भर्ती से बाहर  हो गए। सरकार ने उनको नोटिस देकर उनकी सेवा समाप्त कर दी। इस दौरान प्रतीक्षा सूची के उम्मीदवार भी बाहर हो गए। संयुक्त मैरिट सूची से प्रभावित उम्मीदवार जो कट आफ डेट के दिन योग्य थे ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया कि कट आफ डेट के बाद आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को नियुक्ति देना लीगली गलत है, इसलिए इनकी नियुक्ति रद्द कर  उनको नियुक्त दी जाए।
विक्रम श्योराण के अनुसार इन याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट  के जस्टिस जी एस संधावालिया पर आधारित बेंच ने कहा कि कट आफ डेट के बाद के उम्मीदवारों को मौका देना सरकार का गलत निर्णय था। कोर्ट ने सरकार के उस आदेश को गलत करार दिया जिसके तहत कट आफ डेट के दिन योग्य चयनित टीचर को हटा कर दूसरी सूची के उम्मीदवारों को नियुक्ति दे दी थी। कोर्ट ने हटाए गए सभी टीचर को नियुक्ति , वरिष्ठता क्रम व वित्तीय लाभ भी  अप्रैल -मई 2017 के दिन से देने का आदेश दिया।