हरियाणा में केबिनेट के फर्जी लेटर पर बेशकीमती जमीन हथियाने की हुई कोशिश

Haryana Land Scam Exposed

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पूर्व सीएम खट्टर भी रह गए हैरान, 3 कर्मचारियों की भूमिका निकली संदिग्ध

अर्थ प्रकाश संवाददाता
चंडीगढ़। Haryana Land Scam Exposed: 
हरियाणा की पूर्व मनोहर सरकार के एक फर्जी कैबिनेट लेटर के बाहर आने से प्रदेश में बड़ा फर्जीवाड़ा होने से बच गया। इस पत्र के जरिए 3 जिलों गुरुग्राम, रोहतक और सोनीपत की 500 करोड़ की बेशकीमती जमीन हथियाने की कोशिश की जा रही थी, मगर ऐन वक्त पर गृह विभाग ने इस जालसाजी को पकड़ लिया। इस प्रकरण में गुरुग्राम के अलावा पंचकूला के प्रॉपर्टी डीलरों की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है। 

दरअसल गुरुग्राम के बादशाहपुर और राजीव चौक क्षेत्र की बेशकीमती जमीनों को रिलीज करने के लिए कैबिनेट मीटिंग का एक फर्जी पत्र तैयार किया। इस पत्र में 15 और 21

इस दौरान कोई कैबिनेट बैठक ही नहीं हुई। तत्कालीन सीएम मनोहर लाल की अध्यक्षता में नवंबर महीने में कैबिनेट बैठक हुई थी।
इस गड़बड़झाले में सचिवालय के भी 3 कर्मियों की संलिप्तता मिली है। सूत्रों की माने तो फर्जी पत्र तैयार करने वाले लोग राजस्व विभाग के स्थानीय कर्मचारियों से मिलीभगत कर जमीन की रजिस्ट्री कराने की तैयारी में थे। लेकिन इससे पहले इसका खुलासा होने से उनके अरमानों पर पानी फिर गया। मुख्य सचिव ने तीनों कर्मचारियों से पूछताछ की तो उसमें गुरुग्राम के एक व्यक्ति के नाम का खुलासा हुआ है।

मनोहर लाल को 3 दिन पहले शिकायत

3 दिन पहले इस मामले की शिकायत पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के पास पहुंची थी। कैबिनेट का लेटर देखकर पूर्व मुख्यमंत्री खट्टर खुद हैरान रह गए और उन्होंने आनन-फानन में मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद से जानकारी ली। हाउसिंग फॉर आल में तैनात एक वरिष्ठ कर्मचारी ने गृह विभाग में तैनात एक कर्मचारी को वॉट्सऐप पर पत्र भेजकर उसके कागजात निकलवाने को कहा। जब कर्मचारी कैबिनेट ब्रांच के अधीक्षक के पास पत्र लेकर पहुंचा तो उसे देखते ही अधीक्षक के होश उड़ गए। जब कर्मचारियों के आपसी तार जोड़े गए तो पता चला कि हाउसिंग फॉर आल में तैनात कर्मचारी को उसके हिसार के एक दोस्त ने कागज निकालने के लिए कहा था।

पंचकूला-गुरुग्राम के डीलर शामिल

मुख्य सचिव ने जब ब्रांच के कर्मचारियों से बात की पता चला कि कैबिनेट मीटिंग का पत्र पूरी तरह फर्जी है। कैबिनेट के इस लेटर में कैबिनेट ब्रांच के अधीक्षक के सिग्नेचरों की जब जांच की गई तो वह भी फर्जी निकले। इसके बाद मुख्य सचिव के आदेशों के बाद इस मामले में सचिवालय के तीन कर्मियों से पूछताछ की गई। जिसमें मामले से जुड़े लोगों की जानकारी सामने आ गई है। बताया जा रहा है की इस फर्जीवाड़े के पीछे पंचकूला और गुरुग्राम के कुछ प्रॉपर्टी डीलर शामिल हो सकते हैं।