गुरुग्राम मेट्रो का संचालन अब जीएमआरएल को मिलेगा: डीएमआरसी से हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू
- By Gaurav --
- Tuesday, 16 Sep, 2025
Gurugram Metro will now be operated by GMRL:
Gurugram Metro will now be operated by GMRL: हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन लिमिटेड ने गुरुग्राम रैपिड मेट्रो का संचालन डीएमआरसी से जीएमआरएल को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी होने तक डीएमआरसी और जीएमआरएल संयुक्त रूप से मेट्रो का संचालन करेंगे।
मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी की अध्यक्षता में हुई एचएमआरटीसी की 62वीं बोर्ड बैठक में यह निर्णय लिया गया। हस्तांतरण को सुचारू बनाने के लिए संयुक्त समितियां बनाई गई हैं। समय-सीमा और कार्यप्रणाली को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
गुरुग्राम मेट्रो ने अप्रैल से जुलाई 2025 के बीच शानदार प्रदर्शन किया है। इस दौरान 62.49 लाख यात्रियों ने मेट्रो का उपयोग किया। यह पिछले वर्ष की तुलना में 13.59% अधिक है। किराया राजस्व में 11.87% की वृद्धि हुई है।
एचएमआरटीसी के एमडी चंद्रशेखर खरे के अनुसार, परिचालन व्यय में 6.33% की कमी आई है। गैर-किराया स्रोतों से आय अप्रैल-जुलाई 2025 में 21.11 करोड़ रुपये रही। पिछले वर्ष यह 15.56 करोड़ रुपये थी। मेट्रो वायाडक्ट और पिलर्स पर 22 विज्ञापन स्थलों की ई-नीलामी से 58.34 करोड़ रुपये का वार्षिक राजस्व अनुमानित है। इसमें एचएमआरटीसी का हिस्सा 35 करोड़ रुपये से अधिक होगा।
कई महत्वपूर्ण मेट्रो और रैपिड रेल परियोजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की गई
बैठक में, क्षेत्र में चल रही कई महत्वपूर्ण मेट्रो और रैपिड रेल परियोजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की गई। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने प्रस्तावित दिल्ली (मुनीरका)-रोहतक नमो भारत कॉरिडोर की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) पर काम शुरू कर दिया है। यह महत्वाकांक्षी कॉरिडोर दिल्ली आईजीआई टर्मिनल 1, 2 और 3, यशोभूमि (द्वारका सेक्टर-25), नजफगढ़, बहादुरगढ़ और रोहतक को जोड़कर सहज क्षेत्रीय कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।
इसी प्रकार, गुरुग्राम-फरीदाबाद-नोएडा/ग्रेटर नोएडा नमो भारत कॉरिडोर के डीपीआर पर कार्य शुरू हो चुका है। गौरतलब है कि इसे 5 मई, 2025 को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई बैठक में मंजूरी दी गई थी।
दिल्ली-पानीपत-करनाल नमो भारत कॉरिडोर भी तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। इसकी संशोधित डीपीआर इस समय केन्द्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के विचाराधीन है। शुरुआती तौर पर, दिसंबर 2020 में 103.02 किमी और 17 स्टेशनों के साथ मंजूर हुई इस परियोजना का विस्तार अब 136.30 किमी और 21 स्टेशनों तक किया गया है। संशोधित डीपीआर के अनुसार इसकी लागत 33,051.15 करोड़ रुपये अनुमानित है, जिसमें हरियाणा का हिस्सा लगभग 7,472.11 करोड़ रुपये होगा। यह परियोजना प्रदेश के लिए बेहतर वित्तीय और आर्थिक लाभ सुनिश्चित करेगी।
इस बीच, दिल्ली-शाहजहांपुर-नीमराना-बहरोड़ (एसएनबी) नमो भारत कॉरिडोर की डीपीआर भी मंत्रालय के विचाराधीन है। इससे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में उच्च गति की क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के विस्तार में हरियाणा की भूमिका और भी मजबूत होगी।