Glimpses of Haryana welfare budget

अभिभाषण में दिखी हरियाणा के कल्याणकारी बजट की झलक

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Glimpses of Haryana welfare budget

Glimpses of Haryana welfare budget: हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण से संकेत मिल रहे हैं कि राज्य का बजट जहां लोक कल्याणकारी होगा वहीं प्रदेश को अनेक योजनाओं का तोहफा भी हासिल होने वाला है। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने अपनी सरकार के साढ़े तीन साल के कार्यकाल को पूरे नंबर दिए हैं वहीं आगामी डेढ़ साल के कार्यकाल का खाका भी खींच दिया है।

राज्य की गठबंधन सरकार के लिए यह चुनाव काल भी है। यानी अगले वर्ष के आखिर में जब हरियाणा की जनता खुद को चुनाव के लिए तैयार कर रही होगी, तब गठबंधन सरकार की योजनाएं, उसकी नीतियां और कार्यक्रम उसके सामने एजेंडे की भांति होंगी, जिन पर जनता को निर्णय लेना होगा। राज्यपाल के अभिभाषण में 32 पेज हैं, वहीं इसमें 127 बिंदुओं पर प्रकाश डाला गया है। गठबंधन सरकार अंत्योदय की भावना से आगे बढ़ रही है और राज्यपाल के अभिभाषण से अंदाजा लगता है कि सरकार जहां ग्रामीण विकास को प्राथमिकता देगी वहीं रोजगार, स्वास्थ्य और चिकित्सा क्षेत्र पर भी उसका पूरा ध्यान है।

 अभिभाषण से जानकारी मिलती है कि सरकार एक लाख एकड़ में धान की जगह दूसरी फसलों के उत्पादन का लक्ष्य तय किया है। हरियाणा में भूमिगत जल में लगातार गिरावट आती जा रही है, एक कृषि प्रधान राज्य में सरकार का यह प्रयास अनुपम है। फसल विविधीकरण योजना लागू करके प्रदेश सरकार ने पहले ही किसानों को धान जैसी ज्यादा पानी लेने वाली फसल का विकल्प तैयार कर दिया है वहीं अब मोटा अनाज यानी बाजरा और अन्य फसलों का भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छा बाजार तैयार हो रहा है।

सरकार ने कुरुक्षेत्र में 20 करोड़ की लागत से शहद गुणवत्ता जांच प्रयोगशाला स्थापित करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा बरसाती पानी का संरक्षण करने, एक लाख एकड़ में सूक्ष्म सिंचाई योजना स्थापित करने का भी लक्ष्य है। सरकार शहरों के विकास के लिए ग्रामीण तर्ज पर नगर दर्शन पोर्टल तैयार कर रही है। इसके अलावा यमुनानगर में 5352 करोड़ की लागत से थर्मल प्लांट स्थापित किया जाएगा। राज्य सरकार चिकित्सा के क्षेत्र में भी प्रदेश के लोगों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य में 100 बेड के 6 अस्पताल खोलने के अलावा 14 डिस्पेंसरी भी स्थापित करने की योजना है।

राज्य सरकार की योजना केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के तहत हरियाणा के युवाओं को अग्निवीर बनाने की है। इसके लिए 20-20 करोड़ की लागत से दो सशस्त्र बल संस्थान स्थापित करने की तैयारी है। सेनाओं में हरियाणा के युवाओं की प्रतिभागिता सर्वाधिक है, ऐसे में अग्निपथ योजना के तहत प्रदेश के युवाओं को सेना की भर्तियों के लिए तैयार करने में इन संस्थानों की अहम भूमिका होगी। सरकार प्रतिवर्ष एक लाख की इनकम वाले परिवारों की आय बढ़ाने की भी योजना बना रही है।

हालांकि में परिवार पहचान पत्र योजना के जरिए बुजुर्गों को पेंशन, राशन कटने के मामले सामने आए हैं, जिनके बाद विपक्ष सरकार पर हमलावर हुआ है। राज्य सरकार को ऐसे मामलों का निपटारा भी समय रहते करना चाहिए। क्योंकि विपक्ष चुनाव में इन्हें मुद्दा बनाने की तैयारी में है। प्रदेश में परिवार पहचान पत्र और प्रापर्टी आईडी जैसी योजनाओं से आम आदमी को काफी लाभ मिला है, लेकिन उनके संबंध में शिकायतों ने इनकी उपयोगिता पर सवाल उठाए हैं।

राज्यपाल के अभिभाषण में सबसे ज्यादा आकर्षक पंचायतों की आय बढ़ाने के लिए किए जाने वाले उपाय हैं। सरकार का प्रस्ताव है कि बिजली खपत पर टैक्स व स्टांप शुल्क पर अधिभार देकर पंचायतों की आय बढ़ाई जाए। पंचायतें सभ्यता का मूल हैं, उनकी मौजूदगी कभी खत्म नहीं होंगी। गांव-देहात की बेहतरी के लिए मौजूदा सरकार ने अनेक प्रयास किए हैं। ई-टेंडरिंग जैसी प्रणाली देकर और पढ़ी-लिखी पंचायतों का गठन करवा कर राज्य सरकार ने वास्तव में गांवों की सूरत बदलने का प्रयास किया है।

हालांकि नवनिर्वाचित सरपंचों ने ई-टेंडरिंग को मुद्दा बनाते हुए सरकार का विरोध शुरू कर रखा है। क्या सरपंच और उनके विरोध को सही ठहरा रहे विपक्ष के पास इसका जवाब है कि ई-टेंडरिंग से उनके अधिकार में कमी आई है, उन्हें पहले अपने गांव के विकास की योजनाएं तो बनानी चाहिए, अगर सरकार की ओर से उनमें अड़चन आती है तो वे इसका विरोध करें। बहरहाल, गठबंधन सरकार केंद्र सरकार की तर्ज पर कल्याणकारी बजट लाकर प्रदेश के दीर्घकालीन ठोस विकास की नींव रख रही है। एक निर्वाचित सरकार से इसी की उम्मीद की जाती है, हालांकि सरकार को कर्मचारियों से संबंधित मामलों का निपटारा करना चाहिए। विपक्ष के अभिभाषण में कथित गलत दावों का भी उसे जवाब देना होगा। 

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