असली मालिक की ओर से भेजी गई टीम से ही फर्जी एग्रीमेंट से कर रहे थे सिनेमा की जमीन का सौदा, चार आरोपित गिरफ्तार

असली मालिक की ओर से भेजी गई टीम से ही फर्जी एग्रीमेंट से कर रहे थे सिनेमा की जमीन का सौदा, चार आरोपित गिरफ्तार

असली मालिक की ओर से भेजी गई टीम से ही फर्जी एग्रीमेंट से कर रहे थे सिनेमा की जमीन का सौदा

असली मालिक की ओर से भेजी गई टीम से ही फर्जी एग्रीमेंट से कर रहे थे सिनेमा की जमीन का सौदा, चार आरोपि

फर्जी दस्तावेज बनाकर छायादीप सिनेमाघर के मालिक को ही सिनेमाघर बेचते हुए पुलिस ने रंगेहाथ चार प्रापर्टी डीलरों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों ने सिनेमाघर के मालिक के नाम से भूमि का एग्रीमेंट दो लोगों के नाम से बनाया। इसके बाद जमीन पर कब्जा करने वाले सत्तार खान से फर्जी समझौता नामा तैयार किया और संपत्ति के पूर्व के दाखिल खारिज आदि कागजात निकालकर 13 करोड़ में बेचने के फिराक में थे।

मामले की भनक लगने पर सिनेमाघर के मालिक ने पहले पुलिस को सूचित किया फिर खरीदार बनकर आरोपियों के पास पहुंच गया था। जहां पुलिस ने उन्हें रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। कोतवाली प्रभारी विद्याभूषण नेगी ने बताया कि नई दिल्ली के डिफ्रेंस कालोनी निवासी तनमीत सिंह ने बृहस्पतिवार को धारा पुलिस चौकी में तहरीर दी थी।

बताया कि उनका नेशविला रोड पर छायादीप नाम से सिनेेमा हॉल है। जिसकी देखरेख व कोर्ट पैरवी के लिए रकम सिंह को रखा है। दो-तीन दिन पहले रकम सिंह ने फोन कर सिनेमा हॉल बेचने के बाबत पूछा, जिस पर उन्होंने मना कर दिया था।

खरीदार बनकर आरोपियों के पास पहुंचे

रकम सिंह ने बताया कि उनके नाम से किसी संदीप जैन व रविंद्र जैन ने 50 लाख की रजिस्टर्ड रसीद बनाई है, जिसमें सौरभ पोखरियाल और लक्ष्मीचंद गवाह बने हैं। कुछ लोग सिनेमा घर को बेचने के फिराक में हैं। बताया कि इसके बाद सिनेमाघर का मालिक तनमीत सिंह ने पुलिस को सूचना दी और खरीदार बनकर आरोपियों के पास होटल पैसफिक पहुंच गया, जहां पुलिस ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर सिनेमाघर बेचने वाले चारों रविंद्र सिंह, संदीप कुमार जैन, लक्ष्मी चंद और सुधीर पोखरियाल को गिरफ्तार कर लिया।   

चारों करते हैं प्रापर्टी डीलिंग का काम 

कोतवाल ने बताया कि चारों आरोपी प्रापर्टी डीलर है। पता चला कि रविंद्र ने सिनेमा घर को ढूंढा था। इसके बाद चारों ने षड्यंत्र के तहत उक्त भूमि का एग्रीमंट सिनेमा घर के मालिक तनमीत के नाम से बनवाया। जिस पर सुुधीर पोखरियाल और लक्ष्मी चंद ने गवाह के तौर पर हस्ताक्षर किए। इसके बाद कब्जाधारी सत्तार खान से फर्जी समझौतानामा तैयार किया। वकील