फ्रीकी-फायर (अनूठी आग) - पहली मैनेजमेंट कॉमिक्स के रोचक अंश

फ्रीकी फायर (अनूठी आग) - पहली मैनेजमेंट कॉमिक्स के रोचक अंश - मोशी अपने भीतर के भेड़िये के संग।

फ्रीकी-फायर (अनूठी आग) - पहली मैनेजमेंट कॉमिक्स के रोचक अंश

Moshy 'मैं और मेरा समय'

जीवन के विकास में हमने अपनी कथनी और करनी में बहुत अंतर कर दिया है। मोशी इस अंतर के कारण को कभी समझ नहीं पाए। उन्हें इसका सिर्फ़ एक ही कारण दिखता है और वो है भीतर की असुरक्षा। ये असुरक्षा उसी को होती है जो अपने द्वारा किये गए काम की अधिक कीमत लगाता है और उसका आंकलन नहीं कर पाता। वो भी असुरक्षित होते हैं जो दूरदर्शी नहीं होते, वो छोटे-छोटे लाभ-हानि के चक्करों में घनचक्कर बने घूमते रहते हैं।

मोशी ने सबा को मैसेज भेजने के बाद कुछ सोचा और तेज़ी से अपने केबिन से बाहर निकल गए। गैलेरी में वो विशि से टकरा गए। विशि के पूछने पर मोशी ने वही अपना चिर-परिचित उत्तर दे दिया कि मैं अपने भीतर के भेड़िये के संग थोड़ा बाहर घूमने जा रहा हूँ। पो-लीडर्स में सभी को मोशी की ये आदत मालूम है और ये भी पता है कि मोशी के भीतर को ये भेड़िया क्या है? विशि से थोड़ी बात करके मोशी बाहर आकर खड़े ही हुए थे कि उन्हें एक ऑटो आता दिखा और वो कूदकर उसमें बैठ गए और ऑटो वाले को सीधी दिशा में चलते रहने को कहा। मोशी जब भी ऑफिस से यूँ निकलते हैं तो वो अपनी कार नहीं लेते हैं बल्कि किसी भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट को आनंद ले लेते हैं। तकरीबन 3 या 4 किलोमीटर के बाद मोशी ऑटोवाले से रुकने को कहते हैं और बिना कुछ पूछे उसे दो सौ रुपये देकर एक मॉल के भीतर चले जाते हैं।

मॉल के भीतर घूमते हुए मोशी हँसते हैं कि मैं क्या-क्या पागलपन करता रहता हूँ। क्या ये काम के दबाव को ना सहन कार पाना है? या फिर क्या ये अपनी जिम्मेदारियों से भागना है? या फिर ये एक तरीका है अपने भीतर इकठ्ठी हुई नकारात्मकता को निकालने को? कुछ भी हो मुझे थोड़ा समय बाहर घूमने से यदि नई ऊर्जा मिलती है तो इसमें बुराई ही क्या है?

अचानक मोशी के फ़ोन की घंटी बज उठी। मोशी - उम विशि का फ़ोन...अब इसे क्या परेशानी हो गयी। मोशी ने निर्विकार भाव से फ़ोन काट कर जेब में रख लिया। थोड़े ही समय में विशि का फ़ोन फिर आया और अब मोशी को लग गया कि ज़रूर कोई विशेष बात है अन्यथा विशि इतनी जल्दी से फ़ोन नहीं करते। लेकिन मोशी ने फ़ोन ना लेने का निर्णय लिया। मोशी को लगभग 32 मिनट मॉल में घूमते हुए बीत चुके हैं और इतने समय में विशि ने मोशी को कई बार फ़ोन किया। चलो अब चलना चाहिए - मोशी। मोशी मॉल के बाहर आ ही रहे थे कि तभी उनकी निगाह गार्ड रूम में बैठे एक गार्ड पर पड़ी, जो चाय की चुस्कियों का मज़ा ले रहे थे। मोशी भी उसके रूम में घुस गए।

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