Farmers declare they will block GT Roadछ किसानो का ऐलान, सरकार ने धान की सरकारी खरीद शुरू नहीं की तो करेंगे जीटी रोड जाम

किसानो का ऐलान, सरकार ने धान की सरकारी खरीद शुरू नहीं की तो करेंगे जीटी रोड जाम

block GT Road

Farmers declare they will block GT Road if the government does not start

Farmers declare they will block GT Road: भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) की हलका स्तरीय बैठक। किसान भवन पुंडरी में जिलाध्यक्ष गुरनाम सिंह फरल की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक मे युवा प्रदेशाध्यक्ष विक्रम कसाना एडवोकेट ने मुख्य तौर पर भाग लिया। बैठक के बाद  ब्लाक प्रधान रणधीर बरसाना व युवा जिला महासचिव बलिंद्र हजवाना के नेतृत्व में मार्किट कमेटी सचिव गुलाब नैन को मंडी की समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपा।

युवा प्रदेशाध्यक्ष विक्रम कसाना ने कहा कि अगर सरकार ने धान की खरीद शुरू नहीं की तो भाकियू (चढूनी) किसान को साथ लेकर 22 सितंबर को कुरुक्षेत्र जीटी रोड जाम कर देंगी।उन्होंने कहा कि धान के सीजन को ध्यान में रखते हुए धरतीपुत्र किसानों के लिए मंडी में पीने के पानी, शौचालय की साफ-सफाई, बिजली और लदान-उठान की उचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। मंडी में कंप्यूटर कांटे से ही धान की तलाई होनी चाहिए। मंडी में श़ैड के नीचे पड़े गेहूं के कट्टे और फीड पर पडा सरिया, सीमेंट,व पत्थरों को तुरंत वहां से हटाया जाये।उन्होंने कहा कि मंडियों में बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण किसानों को हर बार परेशानी का सामना करना पड़ता है।

प्रदेश सरकार को चाहिए कि धान खरीद की प्रक्रिया को सुचारु बनाने के लिए पहले से ही सारी व्यवस्थाएं मुकम्मल की जाएं। मंडियों में साफ-सफाई, पीने का स्वच्छ पानी, रात के समय रोशनी और टॉयलेट की सफाई के साथ-साथ किसानों को धान बेचने में कोई दिक्कत न हो, इसके लिए कर्मचारियों की तैनाती की जाए। उन्होंने कहा कि मंडियों में धान की आवक ने दस्तक देनी शुरू कर दी है और सरकार किसान हित में बिना देरी किए मंडियों में धान की सरकारी खरीद शुरू करवाए, ताकि पहले से ही बेमौसमी बरसात की मार से पीडि़त किसानों को कुछ राहत मिल सके।

बरसात व बाढ़ किसानों की कमर तोडक़र रख दी है। जिला अध्यक्ष गुरनाम फरल ने यह भी ज़ोर दिया कि सरकार द्वारा खरीदी गई धान का समय पर उठान और लदान सुनिश्चित किया जाए ताकि किसानों को बार-बार मंडियों में न भटकना पड़े। खरीद के बाद समय पर भुगतान होना चाहिए,जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति पर अतिरिक्त दबाव न पड़े। उन्होंने किसानों से भी अनुरोध किया कि वे अपनी फसलें अच्छी तरह साफ-सुथरी करके ही मंडियों में लाएं ताकि गुणवत्ता को लेकर किसी प्रकार की रुकावट न आए और उन्हें वाजिब दाम मिल सके।