भक्तों की आस्था: इत्र और हिना से भी किया जाता है श्रृंगार

भक्तों की आस्था: इत्र और हिना से भी किया जाता है श्रृंगार, बढ़ती ठंड से बचाने के लिए भगवान को पहनाए गर्म कपड़े

faith of devotees

भक्तों की आस्था: इत्र और हिना से भी किया जाता है श्रृंगार

वैसे तो ईश्वर पर ठंड गर्मी या बरसात किसी भी मौसम का प्रभाव नहीं पड़ता न ही उनको किसी भोजन की आवश्यकता होती है। मगर अपने आराध्य के प्रति भक्तों की भावनाएं बदलते मौसम के हिसाब से अपने इष्ट के प्रति उजागर होती हैं।

अलीगढ़: वैसे तो ईश्वर पर ठंड, गर्मी या बरसात(By the way, cold, heat or rain on God) किसी भी मौसम का प्रभाव नहीं पड़ता, न ही उनको किसी भोजन की आवश्यकता होती है। मगर अपने आराध्य के प्रति भक्तों की भावनाएं बदलते मौसम के हिसाब से अपने इष्ट के प्रति उजागर होती हैं। इन्हीं भावनाओं के चलते भक्त अपने भगवान को परिवार के सदस्य के तौर पर सहेजते हैं। 

भगवान भी भक्त की इसी भावना के वशीभूत होते हैं। तभी तो ठंड का प्रकोप बढ़ने पर मंदिरों व घरों में भक्तों ने अपने-अपने इष्ट देवी-देवताओं का पहनावा व खानपान तक बदल डाला है। कोई ऊनी कपड़े तो कोई वेलवेट से सिले गर्म कपड़े भगवान को पहना रहा है। वहीं उनके भोग में भी गर्म खाद्य जैसे बादाम, पिस्ता, काजू, गुड़ आदि का भोग लगाया जा रहा है। 

गर्म हवा के लिए ब्लोअर की सुविधा

श्री मनकामेश्वरी देवी मंदिर पुष्पांजलि कालोनी, स्वर्ण जयंती नगर में मां दुर्गा को शॉल ओढ़ाई गई है। श्री लक्ष्मी-नारायण व श्री हनुमान जी को वेलवेट से बने गर्म कपड़े पहनाए गए हैं। साथ ही गर्म हवा के लिए भगवान के सामने ब्लोअर भी लगाया गया है। 

भगवान को लगता है विशेष प्रकार का भोग

मंदिर के पुजारी व चित्रकूट ज्योतिष संस्थान के अध्यक्ष पंडित शारदा अवस्थी ने बताया कि भगवान को सुबह गर्म दूध का भोग लगाया जाता है। साथ में बादाम, पिस्ता व काजू आदि मेवे व गोंद से बने व्यंजनों का भोग लगता है। विशेष प्रकार से पकाए चावलों का भोग भी चढ़ता है। 

वहीं श्री वार्ष्णेय मंदिर के राम दरबार में श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण जी व हनुमान जी को ठंड से बचाने के लिए शॉल ओढ़ाई गई है।

इत्र भी बचाती ठंड से

ज्योतिषाचार्य पंडित शारदा अवस्थी ने बताया कि मौसम के हिसाब से भगवान को इत्र भी लगाया जाता है। ठंड में केसर व हिना का इत्र लगाया जा रहा है। वहीं गर्मी में गुलाब व मोगरा का इत्र भगवान को अर्पित किया जाता है। केसर व हिना का इत्र गर्म तासीर का होता है।