Ensured the Release of Sikh Prisoners: प्रधानमंत्री आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर हस्तक्षेप कर सिख बंदियों की रिहाई सुनिश्चित करें: सरदार सुखबीर सिंह बादल
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Ensured the Release of Sikh Prisoners: प्रधानमंत्री आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर हस्तक्षेप कर सिख बंदियों की रिहाई सुनिश्चित करें: सरदार सुखबीर सिंह बादल

Ensured the Release of Sikh Prisoners: प्रधानमंत्री आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर हस्तक्षेप कर सिख बंदियों की रिहाई सुनिश्चित करें: सरदार सुखबीर सिंह बादल

Ensured the Release of Sikh Prisoners: प्रधानमंत्री आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर हस्तक्षेप कर सि

चंडीगढ़/11अगस्त: Ensured the Release of Sikh Prisoners: शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से व्यक्तिगत तौर पर हस्तक्षेप कर  आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर जिसे आजादी का अमृत महोत्सव के रूप में भी मनाया जा रहा है, पर  आजीवन कारावास की सजा पूरी होने के बाद भी देश के विभिन्न जेंलों में बंद सभी सिख बंदियों की रिहाई सुनिश्चित करने की अपील की है।

Ensured the Release of Sikh Prisoners: प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में अकाली दल अध्यक्ष ने कहा है कि उन्होने 2019 में श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव के अवसर पर सिख बंदियों की रिहाई के लिए प्रतिबद्धता जताई थी, जब उन्होने  उनकी उम्रकैद की सजा कम करने के साथ साथ भाई बलवंत सिंह राजोआणा की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था।

इस बात पर  जोर देते हुए कि यह प्रतिबद्धता इस तथ्य की स्वीकृति है कि इन सिख बंदियों को सलाखों के पीछे रखना और उन्हे अकथनीय शारीरिक और भावनात्मक कैद से गुजरने के लिए मजबूर करना संवैधानिक तर्क की और कानून और सभी सभ्य मूल्यों की अवहेलना है। सरदार बादल ने सिख बंदियों की शीघ्र रिहाई के लिए जोरदार अपील की है।

Ensured the Release of Sikh Prisoners: निर्धारित सजा की अवधि को पूरा कर लिया है

सरदार सुखबीर सिंह बादल ने प्रधानमंत्री को बताया कि सिख बंदियों ने अदालतों ़द्वारा निर्धारित सजा की अवधि को पूरा कर लिया है। उन्होने कहा, ‘‘ विभिन्न जेलों में उनकी कैद की अवधि न्यायिक आदेशों के कार्यकाल से कहीं अधिक है और उन्हे सलाखों के पीछे 27 साल हो चुके हैं’’।

Ensured the Release of Sikh Prisoners: भावनात्मक अंसतोष की भावना

अकाली दल अध्यक्ष ने बंदियों को लगातार हिरासत में रखे जाने से न केवल देशभक्त अल्पसंख्यक सिख समुदाय के भावनात्मक अंसतोष की भावना फैल रही है, बल्कि यह गलत तत्वों को कलह फैलाने और राष्ट्रीय एकता की भावना को कमजोर करने का भी अवसर दे रही है। उन्होने कहा कि अकाली दल द्वारा बंदियों की तत्काल रिहाई की निष्पक्षता और औचित्य को अकाली दल द्वारा बार बार उजागर किया गया है और देश में मानवाधिकारों और नागरिक स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्ध व्यक्तियों और संगठनों सहित देश के प्रतिष्ठित स्वतंत्र और सभी नागरिकों द्वारा इसका समर्थन किया गया है। उन्होने प्रधामंत्री से आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर सिख बंदियों की रिहाई सुनिश्चित करने की अपील की है।