हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

-परिषद की मानद महासचिव ने प्रतिनिधिमंडल को 10 दिन के भीतर आवश्यक कार्यवाही का दिया आश्वासन

चंडीगढ़, 20 जून: हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्यवाही करने की बजाय कर्मचारियों के उत्पीडऩ के खिलाफ कर्मियों ने आंदोलन का बिगुल बजा दिया। चंडीगढ़ कार्यालय पर सांकेतिक धरना दिया। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के महासचिव सतीश सेठी व पंचकूला जिला सचिव विजय पाल, सरदार मंजीत सिंह, सोनू व नितिन के नेतृत्व में शिष्टमंडल ने धरना स्थल पर पहुंचकर धरने एवं प्रदर्शन का पुरजोर समर्थन किया। 
उन्होंने भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई करने की बजाय मामला उजागर करने वाले कर्मचारियों का दमन करने और परिषद की मानद महासचिव के आंदोलन में भाग लेने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही करने के तुगलकी फरमान का विरोध किया। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के राज्य प्रधान सुभाष लांबा ने जानकारी देते हुए बताया कि बाल कल्याण परिषद कर्मचारी यूनियन ने परिषद कार्यालय के बाहर भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ व अपनी मांगों को लेकर सांकेतिक धरना दिया। जिसकी अध्यक्षता राज्य प्रधान सुखिवंदर सिंह की।
मानद महासचिव के आदेश कर्मचारियों के लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला करने जैसे
उन्होंने बताया कि प्रदर्शन के दवाब में परिषद की मानद महासचिव रंजीता मेहता ने यूनियन प्रतिनिधिमंडल से बात की। साथ ही दस दिन में मामले का अध्धयन करके आवश्यक कार्यवाही करके यूनियन के साथ दोबारा बैठक करने का विश्वास दिलवाया। 
उन्होंने धरने को विफल बनाने के लिए अवकाश रद्द करने और यूनियन पदाधिकारियों को जानबूझकर मुख्यालय से बाहर भेजने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। नेताआें ने बताया कि परिषद के कर्मचारियों की यूनियन ने 23 जून 2021 को महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री कमलेश ढांडा को परिषद के भृष्ट अधिकारियों के खिलाफ शिकायत भेजी थी। परंतु एक साल में कोई कार्यवाही नहीं हुई। वर्तमान परिषद महासचिव सचिव रंजीता ने कहा कि उन द्वारा 13 मई को कार्यभार संभाला है इसलिए पहले वह मामले का अध्ययन करेंगी। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि यदि दस दिन में न्याय नहीं मिला तो परिषद के कर्मचारी एसकेएस के सहयोग से आंदोलन को तेज के लिए मजबूर होंगे।