Electricity hike is the highest in history, industries will collapse, appeal to the government to save them: Archana Tyagi
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Himachal : बिजली वृद्वि इतिहास की सर्वाधिक, टूट जाएंगे उद्योग, सरकार से लगाई बचाने की गुहार: अर्चना त्यागी

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Electricity hike is the highest in history, industries will collapse, appeal to the government to sa

Electricity hike is the highest in history, industries will collapse, appeal to the government to save them: Archana Tyagi: बददी। नालागढ़ उद्योग संघ ने राज्य सरकार और प्रदेश मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और उद्योग मंत्री हर्ष वर्धन चौहान से मांग उठाई है कि हिमाचल के उद्योग जगत को बचाने के लिए प्रभावी पग उठाने की जरुरत है। पिछले दो साल से हर प्रकार के टैक्सों की वृद्वि ने बीबीएन सहित पूरे प्रांत के कारखानों को संकट में डाला हुआ है और इनको संभालने में कोई भी दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। 

यहां जारी प्रेस बयान में नालागढ़ उद्योग संघ की अध्यक्ष अर्चना त्यागी, महासचिव अनिल कुमार शर्मा व मुख्य संरक्षक राम गोपाल अग्रवाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश राज्य में, उद्योग पहले से ही उच्च परिवहन लागत, एजीटी/सीजीसीआर, साथ ही न्यूनतम मजदूरी की उच्च लागत के कारण अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं। यह निस्संदेह उद्योगों के हित में निराशा है,  हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड ने 1.04.2024 से बिजली टैरिफ में 1 रुपये प्रति यूनिट की अत्यधिक वृद्धि की है। विद्युत बोर्ड के इतिहास में यह अब तक की सबसे अधिक वृद्धि है।  

नियामक आयोग में सुनवाई के दौरान  कहा गया कि इस बढ़ोतरी का असर किसी भी उद्योग पर नहीं पड़ेगा। अर्चना त्यागी ने कहा कि  सितंबर 2023 में हिमाचल प्रदेश सरकार ने बिजली शुल्क 11 फीसदी से बढ़ाकर 19 फीसदी कर दिया गया, यह शायद देश में सबसे अधिक है। हिमाचल प्रदेश में हाल ही में कुछ उद्योगों ने उपर्युक्त कारणों से अपना परिचालन बंद कर दिया है और आर्थिक रूप से अव्यवहार्य हो गए हैं तो कुछ ने पलायन कर दिया। 

हिमाचल प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्र अन्य क्षेत्रों की तुलना में अपने युवाओं के लिए अधिकतम रोजगार पैदा करता है।  त्यागी ने सरकार के साथ साथ मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, उद्योग मंत्री, मुख्य सचिव, उद्योग सचिव से अनुरोध किया कि कृपया 1 रुपये की दर से बिजली सब्सिडी जारी रखें ताकि उद्योग जीवित रह सके और अन्य राज्यों द्वारा उत्पन्न प्रतिस्पर्धा का सामना कर सके।

 

 

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