Eclipse on examinations of students in Chandigarh

चंडीगढ़ में छात्रों की परीक्षाओं पर ग्रहण

Eclipse on examinations of students in Chandigarh

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प्रशासन के आदेशों से बनी असमंजस की स्थिति

मंगलवार से हैं सीबीएसई की परीक्षाएं, स्टूडेंट्स व अभिभावक चिंतित क्या परीक्षा दे रहे बच्चों पर भी लागू होगा फैसला!

सोमवार को प्रशासन ने 4 मई से उन स्टूडेंट्स की स्कूलों में एंट्री पर बैन लगा दिया जिन्होंने अभी तक वैक्सीन नहीं लगवाई

चंडीगढ़ (अर्थ प्रकाश/ साजन शर्मा)। चंडीगढ़ प्रशासन के सोमवार को जारी हुए उन आदेशों ने असमंजस की स्थिति पैदा कर दी। जिसमें कहा गया कि स्कूलों में 4 मई से उन स्टूडेंट्स की एंट्री नहीं होने दी जाएगी जिन्होंने अभी तक वैक्सीन नहीं लगवाई है। इस आदेश से ऐसा जाहिर हो रहा है कि छात्रों की परीक्षाओं पर भी वैक्सीन का ग्रहण लग गया है। मंगलवार से चूंकि सीबीएसई की दसवीं और बाहरवीं क ी परीक्षाएं शुरू होने जा रही हैं और ये परीक्षाएं जून के दूसरे माह तक चालू रहेंगी। प्रशासन के आदेशों ने परीक्षा में उतरने जा रहे स्टूडेंट्स व उनके अभिभावकों की नींद उड़ा दी। एजूकेशन सेक्रेट्री पूर्वा गर्ग की ओर से हालांकि स्पष्टीकरण दिया गया कि बोर्ड परीक्षाओं में उतरने जा रहे स्टूडेंट्स के लिए यह निर्णय प्रभावी नहीं होगा, फिर भी डायरेक्टर एजूकेशन इस संबंध में स्पष्टीकरण जारी करेंगे। उधर हेल्थ सेक्रेट्री यशपाल गर्ग की ओर से कहा गया कि निर्णय 4 मई से 12 से 18 साल के युवाओं पर लागू होगा। यह निर्णय केवल स्कूलों में फिजिकल मोड की अटेंडेंस को लेकर है। परीक्षाओं को लेकर इसमें कोई जिक्र नहीं है लिहाजा किसी तरह की कन्फयूजन नहीं होनी चाहिए। उधर सीबीएसई की परीक्षाओं में बिना वैक्सीन स्टूडेंट्स की एंट्री को लेकर प्रशासन की तरफ से देर शाम तक कोई स्पष्टीकरण जारी नहीं हुआ लिहाजा अभिभावक व स्टूडेंट्स इसको लेकर चिंतित दिखे  और धड़ाधड़ अखबारों के कार्यालय में फोन घनघनाने शुरू हो गए। देर रात तक यही स्थिति बनी रही। यहां ये भी स्पष्ट कर दें कि वैक्सीनेशन के मामले में चंडीगढ़ प्रशासन एडवाइजर धर्मपाल व हेल्थ सेक्रेट्री यशपाल गर्ग के नेतृत्व में बेहतरीन काम कर रहा है और इससे कोरोना महामारी के फैलाव को रोकने में भी जबरदस्त मदद मिली है।

प्रशासन ने इसलिए लागू किया फैसला

यहां बता दें कि 12 से 14 साल के स्टूडेंट्स में वैक्सीनेशन अभी महज 37 प्रतिशत हो पाई है। चूंकि कोरोना के लगातार केस बढऩे लगे हैं लिहाजा प्रशासन इसको लेकर चिंतित है। यही वजह है कि सोमवार को उन स्टूडेंट्स के स्कूल आने पर प्रतिबंध लगाने का आर्डर जारी हुआ जिसमें 4 मई से वैक्सीन न लगवाने वाले स्टूडेंट्स के ऑफलाइन कक्षाएं लगाने पर बैन लगा दिया गया है और उन्हें घर में ही ऑनलाइन कक्षाएं लगाने को कहा गया है। उधर 15 से 18 आयु वर्ग के ग्रुप में हालांकि 92 प्रतिशत बच्चों में पहली डोज की वैक्सीनेशन होने का दावा किया जा रहा है। दसवीं से बारहवीं के बच्चे इसी ग्रुप में पड़ते हैं। अगर प्रशासन का दावा सही भी है तो 8 प्रतिशत बच्चों ने अभी भी वैक्सीन नहीं लगवाई है।

केंद्र का सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा, नहीं लगाई जा सकती वैक्सीन जबरदस्ती

केंद्र सरकार वैक्सीनेशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दे चुकी है कि वैक्सीन लगाने के मामले में कोई जोर जबरदस्ती नहीं की जा सकती। बिना मंजूरी के वैक्सीन नहीं लगाई जा सकती। वैक्सीन के बाद इश्यू होने वाला वैक्सीन सर्टिफिकेट भी किसी पर्पस के लिए जरूरी नहीं है। इस संबंध में पहले एडवाइजर धर्मपाल स्पष्ट कर चुके हैं किसी को भी जबरदस्ती वैक्सीन नहीं लगाई जा रही। हम केवल यह आश्वस्त कर रहे हैं कि वैक्सीन न लगवाने से न केवल अपनी बल्कि अपने सगे संबंधियों की जिंदगी लोग खतरे में डाल रहे हैं।