Delhi Katra Expressway Project
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40 हजार करोड़ रुपए की लागत वाले प्रोजेक्ट से दिल्ली-अमृतसर का आठ घंटे का सफर सिर्फ आधा रह जाएगा

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लुधियाना: 5 जून, 2023 : (कार्तिका सिंह/अर्थ प्रकाश):: 

हाईकोर्ट का दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे के निर्माण पर रोक लगाने से इंकार 
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे के पंजाब से गुजरने वाले हिस्से के निर्माण पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने साफ तौर पर कहा है कि इस केस में याचिकाकर्ताओं को राहत देने की कोई वजह नजर नहीं आ रही, इसलिए इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर रोक लगाना अनुचित होगा। यह प्रोजेक्ट पंजाब के लुधियाना, जालंधर, अमृतसर, पठानकोट समेत कई जिलों से होकर निकलना है।
 

वकील चेतन मित्तल और अभिलक्ष्य गैंद ने हाईकोर्ट में बताया प्रोजेक्ट रुकने से पंजाब की डवलपमेंट पर पड़ेगा प्रतिकूल असर
प्रोजेक्ट पर रोक लगाने की मांग को लेकर लुधियाना के दर्शन सिंह समेत कई लोगों ने हाईकोर्ट में पेटीशन दायर की थी, जिसमें जमीन अधिग्रहण के बदले जारी हुए मुआवजे पर आपत्ति जताई गई। इस दौरान हाईकोर्ट में नेशनल हाईवे अथारिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के वकील चेतन मित्तल और अभिलक्ष्य गैंद ने कहा कि यह प्रोजेक्ट सिर्फ पंजाब ही नहीं ब्लकि पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण है। इस एक्सप्रेसवे के बंद होने से हजारों लोगों का रोजगार छिन जाएगा और याचिकाकर्त्ताओं के पास इस प्रोजेक्ट के खिलाफ स्टे लेने के लिए कोई ठोस वजह भी नहीं है। क्योंकि जिस निर्माण के लिए वे मुआवजे की मांग कर रहे हैं, वह निर्माण हाईवे प्रोजेक्ट से बाहर है। सिर्फ चारदीवारी हाईवे प्रोजेक्ट के अंर्तगत आती है, जिसका मुआवजा पहले ही पास किया जा चुका है। वहीं, अपना पक्ष रखते हुए याचिकाकर्ता के वकील ने हाईकोर्ट में कहा कि याचिकाकर्ताओं को निर्माण के लिए पास हुए सप्लीमेंटरी अवार्ड की जानकारी नहीं है और उन्हें कोई अतिरिक्त मुआवजा भी नहीं मिला। उन्होंने इस मामले में अदालत से अतिरिक्त समय की मांग ही और तब तक प्रोजेक्ट पर रोक लगाने की गुजारिश की लेकिन हाईकोर्ट ने साफ तौर पर स्टे आर्डर जारी करने से मना कर दिया।
 
इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 39,500 करोड़ रुपए है जोकि 669 किलोमीटर लंबा होगा। इस प्रोजेक्ट के बनने के बाद दिल्ली-अमृतसर का सफर आठ घंटे से कम होकर सिर्फ आधा रह जाएगा। इसी तरह दिल्ली से कटरा के बीच सफर भी 12 घंटे से कम होकर आधा रह जाएगा। लोगों को कीमती समय और पैसों की बचत होगी। यह प्रोजेक्ट सिख धार्मिक स्थलों श्री हरिमंदिर साहिब, श्री बेर साहिब, श्री गोइंदवाल साहिब, श्री खडूर साहिब और श्री तरनतारन साहिब को भी आपस में जोड़ेगा। इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा और भी कई फायदे होंगे।
 

यह है मामला
याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में कहा कि जमीन अधिग्रहण के लिए उन्हें जो मुआवजा मिला है, उसमें सिर्फ जमीन का मुआवजा शामिल है। जबकि वहां बहुत सारे घर हैं, जिसका अलग से मुआवजा नहीं मिला। एडवोकेट चेतन मित्तल और अभिलक्ष्य गैंद ने हाईकोर्ट में बताया कि वहां कोई घर नहीं है, सिर्फ एक घर है, वह भी प्रोजेक्ट के दायरे में नहीं आता। सिर्फ उस घर की बाउंड्री वाल ही प्रोजेक्ट के दायरे में आती है और इस दीवार के लिए मुआवजा जारी किया जा चुका है।