पंचायती राज संस्थाओं की शक्तियों का किया विकेंद्रीकरण - मुख्यमंत्री

पंचायती राज संस्थाओं की शक्तियों का किया विकेंद्रीकरण - मुख्यमंत्री

Panchayati Raj Institutions

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सरपंच, पंचायत समिति व जिला परिषद के चेयरमैन अपने फंड से करवा सकते हैं विकास कार्य

नई-पंचायतों को सुशासन पर चलने की मुख्यमंत्री की सलाह

प्रशिक्षण कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार

चंडीगढ़, 16 जनवरी - Panchayati Raj Institutions: हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा पिछले 8 वर्षों में सुशासन को आधार मानकर पारदर्शिता के साथ किए गए कार्यों की सराहना वैसे तो चहूं ओर हो रही है। अब राज्य में पंचायती राज संस्थानों के नव-निर्वाचित जनप्रतिनिधि भी सुशासन का पाठ पढ़ेंगे। इसके लिए हरियाणा ग्रामीण विकास संस्थान नीलोखेड़ी द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की गई है।

नववर्ष-2023 हरियाणा के लिए होगा खास / New year-2023 will be special for Haryana

वर्ष 2023 की शुरूआत हरियाणा के लोगों के लिए खास है क्योंकि एक ओर जहां प्रदेश को पंचायतों के नए चुने हुए जनप्रतिनिधि मिले हैं वहीं दूसरी ओर पहली बार पंचायतों में चुनकर आई 50 प्रतिशत महिलाओं की ग्रामीण विकास की योजनाएं बनाने एवं उनके क्रियान्वयन में भूमिका भी लोगों को पहली बार देखने को मिलेगी।

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विकास कार्यों के लिए पंचायती राज संस्थाओं मिला है 1100 करोड़ रुपये का बजट / Panchayati Raj institutions have got a budget of Rs 1100 crore for development works

मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल, जो पिछले तीन वर्षों से प्रदेश के वित्त मंत्री का कार्यभार भी देख रहे है और मितव्यवता पर जोर देते हुए उन्होंने वित्त प्रबंधन में एक कुशल अर्थशास्त्री का परिचय दिया है। इस वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही के लिए गांवों में विकास कार्यों के लिए पंचायती राज संस्थाओं को 1100 करोड़ रुपये का बजट जारी किया है, इसमें से 850 करोड़ केवल पंचायतों को दिया गया है। नई पंचायतों द्वारा विकास करवाने की पहली झलक इसी अवधि में देखने को मिलेगी।

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मुख्यमंत्री की पहल पर ही पिछले कार्यकाल के दौरान हरियाणा के लोगों को पहली बार पढ़ी-लिखी पंचायतें मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। अब नवनिर्वाचित इन सभी शिक्षित पंचायतों को हरियाणा पंचायती राज अधिनियम व पंचायतों की कार्य प्रणाली से पूर्णत:शिक्षित करने  के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं क्षेत्र भ्रमण के कार्यक्रम तय किए गए है।

हरियाणा ग्रामीण विकास संस्थान नीलोखेड़ी, राजीव गांधी राज्य पंचायती राज एवं सामुदायिक विकास संस्थान नीलोखेड़ी तथा क्षेत्रीय पंचायती राज एवं सामुदायिक विकास संस्थान, भिवानी में प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन होना है।

मुख्यमंत्री ने तुरन्त प्रभाव से 31 मार्च,2023 तक के लिए 850 करोड़ रुपये से अधिक का बजट जारी कर पंचायतों को खुले मन से विकास करवाने का मार्ग प्रशस्त किया है।

सर्वसम्मति से चुने प्रतिनिधियों के लिए 300 करोड़ की धनराशि की जारी / Rs 300 crore released for unanimously elected representatives

सर्वसम्मति से पंचायतों में चुने गए प्रतिनिधियों के लिए मुख्यमंत्री ने अलग से 300 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की है। इस बार 70 हजार जनप्रतिनिधियों में से 40 हजार जनप्रतिनिधि सर्वसम्मति से चुने गए हैं जो प्रदेश की सामाजिक सौहार्द व आपसी भाईचारे का प्रतीक है।

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पंचायती राज संस्थाओं की शक्तियों का किया विकेंद्रीकरण / Decentralization of the powers of Panchayati Raj Institutions

मुख्यमंत्री की पहल पर पंचायतों को विकास कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान करने के लिए अधिकृत किया गया है। इसके साथ-साथ इन कार्यों की तकनीकी स्वीकृति के लिए जूनियर इंजीनियर से लेकर चीफ-इंजीनियर तक जिम्मेदारी दी गई है।

हरियाणा इंजीनियरिंग वर्कस पोर्टल के माध्यम से होंगे ई-टेंडर / E-tender will be done through Haryana Engineering Works Portal

प्रदेश सरकार ने सरपंच, पंचायत समिति व जिला परिषद के चेयरमैन को अपने फंड व ग्रांट इन ऐड से छोटे या बड़े चाहे जितनी भी राशि के काम हों, करवाने का अधिकार दिया है। कार्यों में तेजी लाने के लिए ई-टेंडर प्रणाली को अपनाया गया है। इससे कार्यों में पारदर्शिता, गुणवत्ता तथा तेजी आएगी।

मुख्यमंत्री का मानना है कि आज आईटी के युग में हर व्यवस्था ऑनलाईन हो रही है। पंचायतों के लिए ई-टेंडर के नाम पर कुछ नेता राजनीति कर रहे हैं जो सही नहीं है। हरियाणा में अब पढ़ी-खिली पंचायते हैं जो अफसरों से काम करवाने में सक्षम है, वे ऐसे नेताओं की राजनीति अपने उपर हावी नहीं होने देंगी, आईटी का प्रयोग करना आज की पंचायते भली-भांति जानती है।

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