कांग्रेस ने ही लागू की स्वामीनाथन आयोग की 175 सिफारिशें: कुमारी सैलजा

कांग्रेस ने ही लागू की स्वामीनाथन आयोग की 175 सिफारिशें: कुमारी सैलजा

Swaminathan Commission

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किसान से सी-2 प्लस 50 प्रतिशत का वादा करने वाली भाजपा सत्ता मिलते ही पलटी

कांग्रेस ने 72 हजार करोड़ रुपये किसानों को लोन माफी दी, इसमें हरियाणा के 2200 करोड़  

चंडीगढ़, 18 फरवरी। Swaminathan Commission: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं उत्तराखंड की प्रभारी कुमारी सैलजा ने कहा कि साल 2014 में किसानों से सी-2 प्लस 50 प्रतिशत फॉर्मूले के तहत फसल की कीमत देने का वादा कर सत्ता हासिल करने वाली भाजपा केंद्र में सरकार बनाते ही अपने वादे से पलट गई। जबकि, कांग्रेस स्वामीनाथन आयोग की 201 में से 175 सिफारिशों को पहले ही लागू कर चुकी थी। दस साल में किसानों के ऋण का एक भी रुपया माफ न करने वाली भाजपा के मुकाबले कांग्रेस ने किसानों के 72 हजार करोड़ रुपये के लोन माफ किए थे। मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि डॉ मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली देश की कांग्रेस सरकार ने किसानों के ऋण माफ किए तो उसमें हरियाणा के किसानों को 2200 करोड़ रुपये का फायदा हुआ था। इसके साथ ही 1600 करोड़ रुपये के हरियाणा के किसानों के बिजली बिल भी माफ किए गए थे।

स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के तहत किसान को मुनाफा देने के बीजेपी के अधूरे वादे को भी कांग्रेस गारंटी के साथ पूरा करेगी, इसका ऐलान राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे व राहुल गांधी कर चुके हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने को लेकर भाजपाई गलत बयानबाजी कर रहे हैं। इन्हें पता होना चाहिए कि कांग्रेस सरकार ने आयोग की 201 में से 175 सिफारिशों को तो लागू भी कर दिया था। कांग्रेस ने ही पूरे देश में फसली लोन पर ब्याज दर को 11 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत किया था। कुमारी सैलजा ने कहा कि स्वामीनाथन की सिफारिश के अनुसार ही खेती को पूरी तरह से टैक्स मुक्त रखा गया था। कांग्रेस ने कभी भी खाद, बीज, दवाई, ट्रैक्टर, सिंचाई समेत खेती के तमाम उपकरणों पर टैक्स नहीं लगाया। इतना ही नहीं अलग-अलग योजनाओं के तहत खेती के संसाधनों पर 100 प्रतिशत तक की छूट भी दी।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने ही लोन न चुकाने की स्थिति में जमीन कुर्क करने व किसान को जेल में डालने पर प्रतिबंध लगा दिया था। एक भी किसान की जमीन अपने कार्यकाल में कुर्क नहीं होने दी। किसानों को संरक्षण देने के लिए ही अधिग्रहण का मजबूत कानून बनाया। इसमें प्रावधान किया गया कि किसान की मर्जी के खिलाफ कोई भी उसकी जमीन का एक ईंच भी अधिग्रहित नहीं कर सकेगा। कुमारी सैलजा ने कहा कि बीजेपी ने सत्ता हासिल करने के बाद इस कानून को कमजोर कर दिया। इसलिए किसान फिर से 2013 वाला भूमि अधिग्रहण कानून लागू करने की मांग को लेकर भी आंदोलन कर रहे हैं। 

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