Chief Minister's specialty is to solve complex problems

Haryana : जटिल समस्याओं को चुनौती के रूप में सिरे चढ़ाना मुख्यमंत्री की खूबी, विगत साढ़े 8 वर्षों में आईटी के अनुप्रयोग से बदला-बदला नजर आ रहा हरियाणा

Manoharl-lal-CM-Haryana

Chief Minister's specialty is to solve complex problems

Chief Minister's specialty is to solve complex problems : चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जब प्रदेश के 20वें मुख्यमंत्री  के रूप में शपथ ली थी तो उस समय प्रदेश की राजनीति में एक गुणात्मक बदलाव आया। मुख्यमंत्री ने हरियाणा एक-हरियाणवी एक को अपनी कार्यशैली का आधार मानकर प्रदेश की राजनीति  की परिभाषा को बदलने का काम किया। जटिल समस्याओं को चुनौती के रूप में स्वीकार कर इन्हें सिरे चढ़ाना मुख्यमंत्री की खूबी रही है और उन्होंने सिद्ध कर दिया कि चुनौती कितनी भी बड़ी क्यों न हो, पूरे आत्मविश्वास व सहज तरीके से सिरे चढ़ाना ही उनका संकल्प है। वर्ष 2014 से लेकर अब तक मुख्यमंत्री ने न केवल अपने अनुभव का लोहा मनवाया है बल्कि एक सफल और सुलझे हुए रणनीतिकार राजनेता होने का परिचय भी दिया है।
 
आईटी गुरु के रूप में उभरे मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने सत्ता संभालते ही पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय के सिद्धांत को अपनी कार्यशैली का केंद्र बिंदु मानकर 25 दिसंबर, 2014 को सुशासन दिवस के अवसर पर सीएम विंडो की अवधारणा की शुरुआत की थी। उनका मुख्य उद्देश्य था कि लोगों को चंडीगढ़ आये बिना ही सीधी मुख्यमंत्री तक अपनी बात पहुंचा पाए, इसलिए हर जिला लघु सचिवालय व उपमंडल स्तर पर सीएम विंडो काउंटर खोले गए। लोगों में भी इसके प्रति काफी उत्साह देखने को मिला और 12 लाख से अधिक लोगों ने सीएम विंडो के माध्यम से अपनी शिकायत, सुझाव व मांगों को सीधे मुख्यमंत्री तक पहुँचाया, जिनमें से 10 लाख से अधिक समस्याओं का समाधान हो चुका है। भिवानी, पलवल, कुरुक्षेत्र, सिरसा व महेंद्रगढ़ जिलों में तीन-तीन दिन जनसंवाद कर लोगों से जुड़े मुख्यमंत्री और उनके साथ मुख्यमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी तथा जिला उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक तथा जिला प्रशासन का अन्य अमला लोगों के बीच उपस्थित रहा और मौके पर ही समस्याओं का समाधान किया गया।  पंच परमेश्वर की अवधारणा पर चलते हुए मुख्यमंत्री ने चुने हुए नए पंचायती राज संस्थानों के जन प्रतिनिधियों के बीच बैठकर पूछा कि - आप अपनी पंचायत की भविष्य की कोई विकास योजना बताइये, सरकार उसको अमलीजामा पहनाएगी। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने लोगों से पूछा कि पिछले साढ़े 8 वर्षों में उनकी सरकार द्वारा किये गए कोई एक अच्छे कार्य व निर्णय के बारे में बतायें। मुख्यमंत्री के इन सवालों पर युवाओं में काफी उत्साह देखने को मिला, किसी ने ऑनलाइन ट्रांसफर पालिसी, किसी ने एचकेआरएन, भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता, हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग से बिना सिफारिश नौकरी मिलना, तो किसी ने विभागों की ऑनलाइन सेवाओं को अच्छा बताया। मुख्यमंत्री स्वयं जानकारी देते हैं कि हमने एक  ऐसा डेटाबेस तैयार किया है कि जिस दिन गांव में किसी बच्चे का जन्मदिन होगा उस दिन उस बच्चे को मुख्यमंत्री की ओर से पीपीपी में दिए गए मोबाइल नंबर पर एसएमएस के जरिये जन्मदिन की शुभकामना का संदेश भेजा जायेगा। सरकारी विभागों में अधिक से अधिक आईटी का प्रयोग व ऑनलाइन सिस्टम से वर्ष 2014 के बाद से आज हरियाणा बदला-बदला नजर आ रहा है।
 
प्रॉपर्टी आईडी बनाना था एक गंभीर चुनौती, मुख्यमंत्री ने सहज स्वीकार किया

हरियाणा के 88 शहरों की प्रॉपर्टी आईडी बनाना एक बड़ी चुनौती थी परंतु श्री मनोहर लाल ने इसे सहज स्वीकार करते हुए वर्ष 2018 में प्रॉपर्टी आईडी के लिए सर्वे करवाने का निर्णय लिया। इस सर्वे के आधार पर लगभग 46 लाख से अधिक प्रॉपर्टी आई.डी. बनाई जा चुकी हैं। इनमें से नियमित कॉलोनियों में 36 लाख संपत्तियां पाई गई और अनअप्रूव्ड एरिया या अनियमित कॉलोनियों में 10 लाख संपत्तियां पाई गई। इन प्रॉपर्टी आई.डी. को नवंबर, 2022 में पोर्टल पर अपलोड किया गया, ताकि संपत्ति मालिक स्वयं अपनी प्रॉपर्टी आईडी को सत्यापित कर सके। शहर के लोगों में इस बात की ख़ुशी नजर आई कि वर्षों पुरानी प्रॉपर्टी आईडी की समस्या को किसी मुख्यमंत्री ने हल करवाने की पहल की है। जनसंवाद के बाद ऑडियो संवाद के माध्यम से मुख्यमंत्री प्रत्येक शनिवार सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों से सांय 5 बजे से 6 बजे तक जुड़ते हैं। अनेक बार तो ऑडियो संवाद में 10 हजार लोगों से भी ज्यादा से जुड़ते हैं। इस दौरान वे स्वयं मोबाइल पर लोगों से बात करते हैं। मुख्यालय पर मुख्यमंत्री स्वयं अपने डैशबोर्ड पर इन सबकी सीधी समीक्षा करते हैं और अधिकारियों से पल-पल की जानकारी लेते हैं।

मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना पीपीपी के माध्यम से प्रदेश के सभी परिवारों का आर्थिक डाटा उपलब्ध हुआ

मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना पीपीपी के माध्यम से प्रदेश के सभी परिवारों का आर्थिक डाटा उपलब्ध हुआ, जिससे अंत्योदय परिवारों की पहचान संभव हो पाई।  ऐसे परिवारों को योजनाओं का सीधा लाभ मिला जिसकी चर्चा देशभर में हुई है और अन्य प्रांतों ने अपने यहाँ भी पीपीपी मॉडल को अपनाने में रुचि दिखाई है। आईटी के प्रयोग से जहाँ सरकारी कार्यों में पारदर्शिता आई है वहीँ जवाबदेही भी सुनिश्चित हुई है। मुख्यमंत्री का संकल्प है कि सभी सुविधाएं और योजनाएं जनता तक सीधे पहुंचे इसी को चरितार्थ करने के लिए आज मुख्यमंत्री की छवि आईटी विशेषज्ञ के रूप में उभरी है। 

 

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