सीबीआई ने हाई कोर्ट के वकील और बिचौलिया को जज के नाम पर 30 लाख रिश्वत मांगे के आरोप में धरा

Lawyer and Middleman Arrested
चंडीगढ़। Lawyer and Middleman Arrested: बठिंडा में तैनात जज के नाम पर 30 लाख रुपये रिश्वत मांग रहे एक नामी वकील और बिचौलिये को सीबीआई ने गिरफ्तार किया है। पकड़े गए वकील की पहचान सेक्टर 15 निवासी जतिन सलवान के रूप में हुई है जोकि पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में वकालत करता है। वहीं उसका साथी सतनाम सिंह पेशे से प्रापर्टी डीलर है। इन दोनों को सीबीआइ ने वीरवार देर रात सेक्टर 9 से पकड़ा था।
शुक्रवार को इन्हें ड्यूटी मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया और बुड़ैल जेल भेज दिया गया। सीबीआई ने दोनों के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। सीबीआई बठिंडा में तैनात जज की भूमिका की भी जांच कर रही है। सीबीआई को इस मामले में कुछ सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत की भी आशंका है।
सीबीआइ के मुताबिक दोनों तलाक के एक मामले में रिश्वत मांग रहे थे। इनके खिलाफ फिरोजपुर के रहने वाले हरसिमरनजीत सिंह ने शिकायत दी थी। उन्होंने बताया कि उनकी बहन का तलाक का केस बठिंडा की अदालत में लंबित है। एडवोकेट जतिन सलवान ने उस केस में उनके हक में फैसला करवाने का दावा करते हुए 30 लाख रुपये मांगे। इधर, हरसिमरनजीत ने इस बारे में सीबीआई को सूचना दे दी।
सीबीआइ ने वकील को पकड़ने के लिए ट्रैप लगाया। वकील और बिचौलिये ने शिकायतकर्ता को सेक्टर 9 के एक कैफे बुलाया। वहां सीबीआई की टीम पहले से मौजूद थी। वहां सीबीआई ने उन्हें रिश्वत की रकम की पहली किस्त के चार लाख रुपये के साथ दबोच लिया।
सीबीआई के पास आरोपित वकील की रिकार्डिंग भी है जिसमें वह रिश्वत की रकम को स्वीकार कर रहा है। आरोपित रिकार्डिंग में कह रहा है कि ''''''''रिश्वत दे पैसे कदी घट नहीं हुंदे'''''''' यानी रिश्वत की रकम कभी कम नहीं होती।
एडवोकेट जतिन सलवान को 2016 में चंडीगढ़ पुलिस ने भी गिरफ्तार किया था। पुलिस ने एक बिजनेसमैन सुखबीर सिंह शेरगिल के ड्राइवर को 2.6 किलो अफीम और 15 लाख रुपये जाली करेंसी के साथ पकड़ा था। जांच के दौरान पता चला था कि शेरगिल को फंसाने के लिए कुछ लोगों ने मिलकर यह साजिश रची थी, जिनमें एडवोकेट सलवान का भी नाम शामिल था।
इस मामले में सलवान और अन्य लोगों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था, हालांकि बाद में एडवोकेट सलवान को जमानत मिल गई थी। सलवान समेत अन्य आरोपितों के खिलाफ यह मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन है।