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चंडीगढ़ बस स्टैंड 17 पर सिटको का  'द शेफ-17 बंद

CITCO's 'The Chef-17' closed at Chandigarh Bus Stand 17

CITCO's 'The Chef-17' closed at Chandigarh Bus Stand 17

CITCO's 'The Chef-17' closed at Chandigarh Bus Stand 17- चंडीगढ़I चंडीगढ़ के सेक्टर-17 स्थित अंतरराज्यीय बस अड्डे (ISBT) पर आम जनता के लिए वर्षों से सस्ती और विश्वसनीय भोजन सेवा देने वाला प्रतिष्ठान ‘द शेफ-17’को  बिना किसी सार्वजनिक घोषणा या जानकारी के बंद कर दिया गया है। इस चुपचाप किए गए फैसले ने पारदर्शिता की गंभीर कमी और सार्वजनिक हितों के साथ संभावित खिलवाड़ पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

इस मुद्दे को उठाते हुए आरटीआई कार्यकर्ता डॉ. राजिंदर के. सिंगला ने पंजाब के राज्यपाल सह यूटी चंडीगढ़ के प्रशासक को पत्र लिखकर ‘द शेफ-17’ और उससे सटे ट्रांजिट लॉज की अचानक और गोपनीय तरीके से बंदी की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।

डॉ. सिंगला ने पत्र में लिखा, “चार दशकों से अधिक समय तक आम यात्रियों और नागरिकों को सस्ती दरों पर भोजन सेवा देने वाले ‘द शेफ-17’ को जिस प्रकार से बिना सूचना बंद किया गया है, वह न केवल चिंताजनक है बल्कि यह स्पष्ट संकेत देता है कि इस सार्वजनिक सेवा को जानबूझकर असफल किया गया।”

उनके अनुसार, 28 मार्च 2025 को सिटको की बोर्ड मीटिंग में प्रस्ताव संख्या 225.8 के तहत ‘द शेफ-17’ और ट्रांजिट लॉज को बंद कर उसकी जिम्मेदारी चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग (सीटीयू) को सौंप दी गई। परंतु इस निर्णय की कोई सार्वजनिक घोषणा नहीं की गई, जिससे जनता को गुमराह किया गया।

डॉ. सिंगला ने यह भी आरोप लगाया कि यह कदम एक सुनियोजित रणनीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य आईएसबीटी परिसर में निजीकरण को बढ़ावा देना है, जिससे आगे चलकर महंगे भोजन और सार्वजनिक सुविधा की हानि हो सकती है। उन्होंने शंका जताई कि सिटको और सीटीयू अधिकारियों के बीच मिलीभगत हो सकती है, और इस निर्णय के पीछे वित्तीय स्वार्थ छुपे हो सकते हैं।

उन्होंने यह भी प्रश्न उठाया कि जब सचिवालय की कैंटीनें जो सीमित वर्ग को भोजन सेवा देती हैं और अक्सर मुलाजिमों के उधार पर भोजन भी प्रदान करती हैं, घाटे के बावजूद चल रही हैं, तो फिर सार्वजनिक सेवा देने वाले ‘द शेफ-17’ को ही क्यों बंद किया गया?

डॉ. सिंगला ने सूचना के अधिकार (आरटी आई ) अधिनियम के तहत आवेदन संख्या 1754-A दिनांक 12 मई 2025 को दाखिल कर इस संबंध में जरूरी दस्तावेज मांगे हैं। लेकिन उन्होंने आशंका जताई है कि जब तक जानकारी उपलब्ध होगी, तब तक यह निर्णय एक अपरिवर्तनीय तथ्य बन चुका होगा।

उन्होंने राज्यपाल से इस ‘मनमाने और अपारदर्शी’ कदम पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है, ताकि जनता के अधिकारों और हितों की रक्षा की जा सके।

डॉ. सिंगला ने यह पत्र प्रधानमंत्री कार्यालय, गृह मंत्रालय, चंडीगढ़ के सलाहकार, मुख्य सचिव, महालेखा परीक्षक, वित्त विभाग और सिटको के संबंधित अधिकारियों को भी भेजा है।

जैसे-जैसे यह मुद्दा सोशल मीडिया और जनचर्चा में आ रहा है, आम नागरिकों द्वारा इस लोकप्रिय और सस्ती भोजन सेवा के अचानक बंद होने पर नाराज़गी जताई जा रही है। ऐसा माना जा रहा है कि ‘द शेफ-17’ का यह प्रकरण चंडीगढ़ में सार्वजनिक संस्थाओं की पारदर्शिता, जवाबदेही और स्मार्ट सिटी के विकास मॉडल को लेकर व्यापक बहस की शुरुआत कर सकता है।