Chandigarh Administration Tax Revenue Target Decreased

चंडीगढ़ प्रशासन का बड़ा फैसला; टैक्स रेवेन्यू टारगेट 7 प्रतिशत घटाया, कलेक्शन में कमी हुई तो किया ऐसा

Chandigarh Administration Tax Revenue Target Decreased

Chandigarh Administration Tax Revenue Target Decreased

Chandigarh Tax Revenue Target: बजट एस्टीमेट 2023-24 के टैक्स रेवेन्यू में कमी भांपते हुए चंडीगढ़ प्रशासन ने इसका टारगेट सात प्रतिशत तक घटा दिया है। बजट एस्टीमेट के मुताबिक वित्तिय वर्ष 2023-24 में टैक्स रेवेन्यू से प्रशासन को 4,678 करोड़ रुपये एकत्रित करने थे। अगर वर्तमान कलेक्शन के पैट्रन पर नजर डालें तो यह 4,350 करोड़ रुपये तक ही एकत्रित होने जा रहा है। रिवाइज्ड एस्टीमेट के मुताबिक 2023-24 का विभिन्न हैड में टैक्स रेवेन्यू बजट एस्टीमेट से काफी कम होता दिखाई दे रहा है। जीएसटी कलेक्शन टारगेट 100 करोड़ रुपये तक घट गया है। स्टांप एंड रजिस्ट्रेशन में 52 करोड़, स्टेट एक्साइज में 70 करोड़, सेल्स टैक्स में 65 करोड़ एवं व्हीकल्स पर टैक्स में 28 करोड़ घट गया है।

हैरतंगेज बात यह है कि एक तरफ तो टैक्स रेवेन्यू का कलेक्शन कम कर दिया गया है जबकि दूसरी तरफ खर्चा करीब 10 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया है। खासतौर से सैलरी, वेज एवं अलाउंसिज में यह रिवाइज्ड एस्टीमेट में बढ़ा दिया गया है। बजट एस्टीमेट के मुताबिक टोटल एक्सपेंडिचर (खर्चा) का एस्टीमेट 6087 करोड़ रुपये है। कैपिटल एक्सपेंडिचर बढ़ाने के बजाये यूटी प्रशासन ने इसमें 72 करोड़ रुपये का कट लगा दिया है। आरटीआई एक्टीविस्ट आरके गर्ग ने आरटीआई मे यह जानकारी हासिल की। उन्होंने बताया कि यूटी ने अपने रेवेन्यू टारगेट को डाउनसाइज कर दिया है क्योंकि वह बजट एस्टीमेट के मुताबिक अपना टारगेट हासिल करने में सफल नहीं रहा।

एडहॉकिज्म की वजह से प्रशासन अपना रेवेन्यू लॉस कर रहा है। फाइनेंशियल प्रूडेंस अपनाने में प्रशासन विफल रहा है। इस वित्तिय वर्ष के बाद ही असल स्थिति सामने आ पाएगी क्योंकि जो आंकड़े अभी दिये गए हैं, वह फाइनल नहीं हैं। इनफ्रास्ट्रक्चर को बड़ी चोट पहुंची है क्योंकि कैपिटल बजट का सदुपयोग नहीं किया गया है। आरके गर्ग के मुताबिक केंद्र को बेहतर मौद्रिक नतीजे मिलें लिहाजा उन्हें दखल देना होगा। जो भी नॉन परफोर्मर हैं उन्हें बाहर का रास्ता दिखाना होगा। उनका कहना है कि चंडीगढ़ प्रशासन अपने आर्थिक मसलों को सही तरीके से हैंडल नहीं कर पा रहा। उसे लगातार रेवेन्यू लॉस सहना पड़ रहा है। दूसरी ओर प्रशासन के विभिन्न विभागों की सोसायटी खूब फायदे व लाभ में चल रही हैं।

रिवाइज्ड एस्टीमेट 2023-24, जिसमें 328 करोड़ का कट किया गया

हैड बजट (करोड़ में) रिवाइज्ड (करोड़ में)
जीएसटी 2,400 रु 2,300 रु
स्टांप्स एंड रजिस्ट्रेशन 330 रु 278 रु
स्टेट एक्साइज 1,000 रु 930 रु
सेल्स टैक्स (वैट) 615 रु 550 रु
टैक्स ऑन व्हीकल्स 280 रु 252 रु
अन्य 53 40
कुल 4,678 रु 4,350 रु

 

रिपोर्ट- साजन शर्मा