अलग विधान सभा, सचिवालय और हाई कोर्ट बनाने की मांग कर हरियाणा के पक्ष को कमजोर कर रही है भाजपा: अभय सिंह चौटाला

अलग विधान सभा, सचिवालय और हाई कोर्ट बनाने की मांग कर हरियाणा के पक्ष को कमजोर कर रही है भाजपा: अभय सिंह चौटाला

अलग विधान सभा

अलग विधान सभा, सचिवालय और हाई कोर्ट बनाने की मांग कर हरियाणा के पक्ष को कमजोर कर रही है भाजपा: अभय स

चंडीगढ़ यूटी में 40 प्रतिशत हरियाणा कॉडर के आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की नियुक्ति होती है लेकिन केंद्र सरकार ने साजिश के तहत अब अगमुत (एजीएमयूटी) कॉडर के आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की नियुक्ति करनी शुरू कर दी है

एसवाईएल हरियाणा की जीवन रेखा है जिसका पानी न मिलने के कारण लाखों एकड़ कृषि भूमि बंजर हो गई है और प्रदेश के लोग पीने के पानी को तरस रहे हैं

मुख्यमंत्री केंद्र की सरकार पर दबाव बना कर चंडीगढ़ और एसवाईएल के पानी का हिस्सा हरियाणा को दिलवाएं

चंडीगढ़, 13 जुलाई: इनेलो के प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने भाजपा गठबंधन सरकार पर चंडीगढ़ पर हरियाणा के दावे को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब हरियाणा और पंजाब का बंटवारा हुआ था तब शाह कमीशन बनाया गया था जिसकी रिपोर्ट के अनुसार चंडीगढ़ समेत 107 हिंदी भाषी गांव हरियाणा को दिए जाने थे। अगर हरियाणा के मुख्यमंत्री अलग हरियाणा विधान सभा, सचिवालय और हाई कोर्ट बनाने की मांग करते हैं तो वो हरियाणा के पक्ष को कमजोर करने का काम कर रहे हैं।
चंडीगढ़ यूटी में 40 प्रतिशत हरियाणा कॉडर के आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की नियुक्ति होती है लेकिन केंद्र सरकार ने साजिश के तहत अब अगमुत (एजीएमयूटी) कॉडर के आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की नियुक्ति करनी शुरू कर दी है जिस कारण से हरियाणा कॉडर के आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की नियुक्ति न के बराबर रह गई है और हरियाणा का चंडीगढ़ पर दावा कमजोर पड़ता जा रहा है। हरियाणा कॉडर के अधिकारियों की नियुक्ति न होने से हरियाणा के लोगों की चंडीगढ़ में कोई सुनवाई नहीं होती और उनके साथ ज्यादतियां होती है।
उन्होंने कहा कि एसवाईएल हरियाणा की जीवन रेखा है जिसका पानी न मिलने के कारण लाखों एकड़ कृषि भूमि बंजर हो गई है और प्रदेश के लोग पीने के पानी को तरस रहे हैं। अभय सिंह चौटाला ने कहा कि आज केंद्र और प्रदेश दोनों जगह भाजपा की सरकार है इसलिए मुख्यमंत्री केंद्र की सरकार पर दबाव बना कर चंडीगढ़ और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार एसवाईएल के पानी का हिस्सा हरियाणा को दिलवाएं।