BJP crossed the target of 400

Editorial: भाजपा ने 400 पार के लक्ष्य के लिए काडर नेताओं को भुलाया

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BJP crossed the target of 400

लोकसभा चुनाव में 400 पार सीटें जीतने का लक्ष्य लेकर उतरी भाजपा के लिए अपना मिशन हासिल करना कितना आवश्यक है, इसका उदाहरण इससे मिलता है कि पार्टी ने अपने पुराने नेताओं एवं कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करके लोकप्रिय चेहरों और दूसरे दलों के जीतने में सक्षम नेताओं को टिकट दे दी है। व्यवहारिक रूप से पार्टी की यह रणनीति समझी जा सकती है, लेकिन पार्टी के वे नेता एवं पदाधिकारी खुद को बेहद उपेक्षित पा रहे हैं, जोकि बरसों से संगठन के कार्य से जुड़े हैं और अब अगर उनकी सेवा का प्रतिफल मिलने का समय आया तो कोई बाहर से आकर उस फल को प्राप्त कर ले गया। भाजपा ने अपनी पांचवीं सूची में 111 उम्मीदवारों के नाम पर होली से पहले ऐलान किया था। निश्चित रूप से यह सूची होली के रंगों को और रंगीन कर गई। क्योंकि हिमाचल प्रदेश में मंडी सीट से पार्टी ने अभिनेत्री कंगना रनौत को टिकट दिया है, इसी प्रकार मेरठ से दूरदर्शन पर आने वाले रामायण धारावाहिक में भगवान राम का पात्र निभाने वाले अरुण गोविल को टिकट दे दिया।

भाजपा के पांचवीं सूची में घोषित उम्मीदवारों में हरियाणा में जिन नामों का ऐलान किया गया है, वे भी चौंकाते हैं। पार्टी ने कुरुक्षेत्र सीट पर ऐसे चेहरे को उतारा है, जोकि कांग्रेस के सांसद रह चुके हैं। उनकी छवि एक लोकप्रिय चेहरे के रूप में समाजसेवी राजनेता की है। नवीन जिंदल वैश्य समाज से हैं और भाजपा को कुरुक्षेत्र सीट पर किसी ऐसे ही चेहरे की जरूरत थी। आम आदमी पार्टी इस सीट से अपने प्रदेश अध्यक्ष सुशील गुप्ता को उतार चुकी है। वहीं कांग्रेस की ओर से अभी किसी भी नाम का ऐलान नहीं किया गया है। यही स्थिति इनेलो और जजपा की है। बेशक, पार्टी ने नवीन जिंदल जैसे व्यस्त उद्योगपति को अपना सदस्य बनाकर और उन्हें टिकट देकर बड़ा मोर्चो मार लिया है, लेकिन प्रश्न वही रह जाता है कि क्या पार्टी के पास पहले से पंक्तिबद्ध होकर खड़े अपने नेताओं में से कोई चेहरा नहीं मिला, जो उसे बाहर से किसी को इम्पोर्ट करना पड़ा। ऐसी ही स्थिति हिसार लोकसभा सीट की भी है। यही हाल सिरसा लोकसभा सीट का भी है।

हिसार से पार्टी ने रणजीत चौटाला को अपना उम्मीदवार बनाया है। रणजीत चौटाला भी एक समय कांग्रेसी थे लेकिन पार्टी से टिकट न मिलने पर वे बाहर आ गए और निर्दलीय चुनाव लड़ा। भाजपा सरकार को समर्थन दिया तो सरकार ने उन्हें बिजली एवं जेल जैसे अहम विभाग सौंपे। रणजीत चौटाला बीते लंबे समय से भाजपा के प्रति अपने रूझान को प्रदर्शित करने में कोई परहेज नहीं कर रहे थे। भाजपा मेंं शामिल होने और टिकट मिलने के बाद उनकी जीत के समीकरण प्रबल हो गए हैं, लेकिन यहां भी वही सवाल बाकी है कि इस सीट के उन भाजपा नेताओं का क्या होगा, जोकि टिकट के इंतजार में बीते पांच साल से बैठे हैं।

भाजपा ने सिरसा सीट पर भी यही रणनीति अंजाम दी है। उसने अशोक तंवर को अपना उम्मीदवार बनाया है, जोकि एक समय कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। तंवर के लिए पार्टी ने इस सीट पर भी अपने पुराने चेहरों को तवज्जो नहीं दी। हालांकि पार्टी ने रोहतक जैसी हॉट सीट पर फिर से अपने निवर्तमान सांसद अरविंद शर्मा को टिकट देकर चौंकाया है। यह तब है, जब इस सीट पर सत्ता विरोधी लहर की सरसराहट देखी जा रही है। कांग्रेस ने भी इस सीट से अभी तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की थी। माना जा रहा है कि राज्यसभा सांसद एवं पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के पुत्र दीपेंद्र हुड्डा को यहां से टिकट दिया जाएगा।

साल 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर कांटे का मुकाबला हुआ था और इसमें बहुत कम अंतर से भाजपा ने यह सीट जीत ली थी। बीते पांच साल के दौरान सांसद अरविंद शर्मा और तत्कालीन सीएम मनोहर लाल के बीच अनबन रही, लेकिन फिर भी अरविंद शर्मा को ही इस सीट के लिए उपयुक्त माना गया। क्या पार्टी को इस सीट पर मिलने वाले परिणाम की पहले से आशंका है। हालांकि पार्टी ने सोनीपत सीट पर इस बार विधायक मोहनलाल बड़ौली को टिकट दिया है। इस बार भी पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर ही मतदाता से वोट मांगेगी। एक बार फिर मोदी सरकार का नारा पार्टी पहले ही दे चुकी है। ऐसे में लोकप्रिय चेहरों को आगे करने के साथ ही हरियाणा में मौजूदा भाजपा सरकार एवं केंद्र में प्रधानमंत्री मोदी के काम के बूते पार्टी मैदान में उतर रही है। 
 

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