Premature Baby Healthy Tips : प्रीमैच्योर बच्चों का ऐसे रखें ध्यान, बच्चे रहेंगे स्वस्थ
- By Sheena --
- Monday, 14 Aug, 2023
Best Tips Should Follow Mother For Premature Baby Health
Premature Baby Healthy Tips : प्रीमैच्योर अवस्था है जिसमे बच्चा दिए समय से पहले पैदा हो जाता है और इसके साथ ही उसके स्वस्थ में बहुत सी कमियां होने लग जाती है जिसका नुकसान उसको सारी उम्र झेलना पड़ता है। हालांकि, कुछ तरीके ऐसे हैं, जिससे लंबे समय तक उनकी सेहत को बेहतर बनाए रखा जा सकता है। इनमें सबसे बेहतर तरीका है समय प्रीमैच्योर नवजातों को केवल मां के दूध का पोषण देना। ऐसा करने के साथ देखभाल के अन्य तरीकों से समय पूर्व पैदा हुए नवजातों को सेहत के उस मार्ग पर ले जाया जा सकता है, जो बड़े होने पर भी उनके साथ चलेगा। चलिए समझते है किस नीचे तरीके प्रीमैच्योर नवजात शिशुओं को भविष्य में भी सेहतमंद रखा जा सकता है।
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1. मां का दूध देना है सही
समय पूर्व पैदा हुए नवजात शिशुओं की सेहत को सुधारने के लिए मां का दूध सबसे महत्वपूर्ण है, उन्हें सिर्फ मां के दूध का आहार यानी ह्यूमन मिल्क डाइट देना चाहिए। ब्रेस्ट मिल्क में शारीरिक विकास के लिए आवश्यक पोषक व इम्युनोलॉजिकल तत्व होते हैं। मां के दूध के अभाव में, पाश्चरीकृत डोनर ह्यूमन मिल्क का इस्तेमाल किया जाना चाहिए ताकि गाय के दूध से बने प्रोडक्ट्स जैसे इन्फैंट फॉर्मूला रहित आहार को बरकरार रखा जा सके।
2. कंगारू मदर केयर (केएमसी)
केएमसी, समय पूर्व पैदा हुए नवजात और पेरेंट के बीच त्वचा से त्वचा का संपर्क होता है। ‘कंगारू केयर’ पद्धति में मां अपने बच्चे को छाती से लगाकर रखती है। यह बच्चे के दिल की धड़कन को स्थिर रखने में मदद करता है, ऑक्सीजन लेने के स्तर में सुधार होता है, इससे बच्चे को लंबे समय तक नींद आने में मदद मिलती है और सिर्फ स्तनपान को सहयोग मिलता है।
3. विकास के लिए देखभाल ऐसे करें
समय पूर्व पैदा हुए नवजातों को अक्सर विकास संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। एनआईसीयू में विकास संबंधी देखभाल के तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है जैसे ज्यादा शोर और रोशनी को कम करना, जिससे एक स्थिर और बेहतरीन माहौल तैयार होता है। इसके साथ ही उम्र के अनुरूप संवेदी अनुभव मिलते हैं, जिससे उनके मस्तिष्क संबंधी विकास (न्यूरोडेवलपमेंट) में मदद मिल सकती है। बच्चे की ग्रोथ एवं डेवलपमेंट की निगरानी करने के लिए नियमित रूप से बच्चों के डॉक्टर के पास जाना भी महत्वपूर्ण है। इससे किसी भी संभावित बीमारी का पहले पता चल सकता है. फिजिकल, ऑक्यूपेशनल या स्पीच थेरैपी जैसे हस्तक्षेपों से विकास संबंधी किसी भी विलंब या विकलांगता से निपटा जा सकता है।
4. सही समय पर सही पोषण
जीवन के शुरुआती हफ्तों में, एक उच्च प्रोटीन, उच्च ऊर्जा देने वाले आहार की सलाह दी जाती है, ताकि समय पूर्व पैदा हुए नवजातों में विकास की कम दर और जन्म के समय हुए पोषण की कमी को पूरा किया जा सके। ऐसा करने के लिए, आहार के पोषक तत्वों को बढ़ाने के लिए ब्रेस्ट मिल्क के साथ फोर्टिफायर्स को शामिल किया जाता है। हाल में हुई उन्नति ने मां के दूध से बने फोर्टिफायर्स उपलब्ध कराना संभव बना दिया है, जिससे आहार के फोर्टिफिकेशन के दौरान भी सिर्फ मां के दूध का आहार सुनिश्चित हो पाता है।
5. टीकाकरण
संक्रमणों से बचाव के लिए टीकाकरण करवाते रहना महत्वपूर्ण है, खासकर समय पूर्व पैदा हुए नवजातों में जिनका इम्यून सिस्टम अभी पूरी तरह विकसित नहीं हुआ है। समय पर टीके लगवाने से उनका टीका-रोधी बीमारियों से बचाव करने में मदद मिलती है और अविकसित इम्यून सिस्टम की वजह से पैदा हुई समस्याओं का खतरा कम हो जाता है।
6. परिवार का सहयोग और प्रोत्साहन
बच्चों की देखभाल में परिवार के लोगों के शामिल होने से और भी बेहतर परिणाम पाने में मदद मिल सकती है और पालन-पोषण का एक अच्छा माहौल तैयार हो सकता है। शुरुआत में लगातार भावनात्मक और प्रेरक सहयोग मिलने से नवजातों के कॉग्नेटिव व भावनात्मक विकास में मदद मिलती है। समय पूर्व पैदा हुए बच्चों के लिए पढ़ना, गाना और उनसे बातें करने से आगे चलकर उनके कॉग्नेटिव परिणामों में फायदा मिल सकता है।