Bareilly Fake Rape Case- रेप का झूठा केस करने पर लड़की को भयानक सजा; कोर्ट ने नजीर बनने वाला फैसला लिखा, सुर्खियों में मामला

रेप का झूठा केस करने पर लड़की को भयानक सजा; कोर्ट ने नजीर बनने वाला फैसला लिखा, सुर्खियों में बना पूरा मामला, जानिए

Bareilly Fake Rape Case Court Sentenced The Girl To Jail News Update

Bareilly Fake Rape Case Court Sentenced The Girl To Jail News Update

Bareilly Fake Rape Case: इस समय बरेली का एक मामला सुर्खियों में बना हुआ है। यह मामला झूठे रेप का है। जिसमें एक युवक को बेवजह फंसा दिया गया। जिसके बाद युवक साढ़े 4 साल तक जेल में रहा। अब जब कोर्ट में सुनवाई और जांच के दौरान रेप का मामला फर्जी निकला तो युवक को बेकसूर मानते हुए उसे बाइज्जत बरी किया गया है।

हैरानी की बात यह है कि, जिस लड़की ने युवक पर रेप का आरोप लगाया था, वही लड़की अब कोर्ट में अपनी गवाही से मुकर गई और युवक को निर्दोष बताया। अगर लड़की अपनी गवाही से न मुकरती तो शायद उक्त युवक कभी बेकसूर न हो पाता और सजा काटता रहता। और सजा भी उस गुनाह के लिए जो उसने किया भी नहीं था। फिलहाल रेप का झूठा केस लगाने वाली लड़की पर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है।

कोर्ट ने लड़की को दोषी माना

युवक पर झूठे रेप का खुलासा होने पर और लड़की के षडयंत्र को देखते हुए बरेली कोर्ट के अपर सेशन जज ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने एक अलग फैसला सुनाया। ऐसा फैसला जो अजीब तो लगा लेकिन एतिहासिक और नजीर बनने वाला है। जज ने कहा कि, लड़की ने पूरे षडयंत्र और दवाब के तहत युवक को फंसाया और बयान भी दाखिल करवाए कि उसने रेप किया है, लेकिन बाद में जब प्रमुखता से आरोपों की जांच हुई तो कोर्ट में सुनवाई के दौरान लड़की अपनी गवाही से मुकर गई और तब खुलासा हुआ कि युवक निर्दोष है।

जज ने कहा है कि एक बेकसूर ने 4 साल, 6 महीने, 8 दिन जेल में सजा काटी है। ऐसे में जितने दिन युवक जेल में रहा, उतने ही दिन लड़की को भी अब जेल में रहना होगा। क्योंकि लड़की युवक की दोषी है। वह दोषी है एक बेकसूर व्यक्ति के खिलाफ षडयंत्र रचने की और पुलिस व अदालत को माध्यम बनाने की।

वहीं जज ने लड़की को जेल की सजा सुनाने के साथ ही उसपर जुर्माना भी लगाया। जज ने कहा कि, यदि युवक जेल के बाहर रहता तो काम मजदूरी करते हुए इतने समय में 5,88000 से अधिक रुपए कमा लेता। इसलिए लड़की से इतनी ही रकम वसूल करके युवक को दी जाए। यदि लड़की की तरफ से ऐसा नहीं किया जाता है तो लड़की को 6 महीने की अतिरिक्त सजा भी होगी।

पुरुषों के हितों पर आघात करने की छूट नहीं

अपर सेशन जज ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने इस पूरे मामले में टिप्पणी करते हुए आगे कहा कि, इस तरह की महिलाओं के कृत्य से वास्तविक पीड़िताओं को नुकसान उठाना पड़ता है। इस प्रकार के मामले में समाज के लिए बेहद गंभीर स्थिति पैदा कर रहे है। अपने मकसद की पूर्ति के लिए पुलिस व कोर्ट को माध्यम बनाना आपत्तिजनक है।

जज ने आगे कहा कि अनुचित लाभ के लिए महिलाओं को पुरुषों के हितों पर आघात करने की छूट नहीं दी जा सकती. जज ने ये भी कहा कि यह मामला उन महिलाओं के लिए नजीर बनेगा जो पुरुषों से वसूली के लिए उनके खिलाफ झूठे केस करती हैं।

क्या है पूरा मामला?

बताया जा रहा है कि, यह पूरा मामला सितंबर 2019 का है। जिस युवक पर रेप का झूठा आरोप लगा उसका नाम अजय उर्फ राघव है। रेप का केस दर्ज होने और लड़की के बयानों को दर्ज करते हुए युवक को जेल भेज दिया गया था। लड़की का आरोप था कि, युवक ने उसका अपहरण कर उसे एक कमरे में ले जाकर नशीला पदार्थ खिलाने के बाद उसके साथ रेप किया। लेकिन युवक के जेल जाने के बाद जब मामले का ट्रायल कोर्ट में चला तब लड़की अपने बयानों से मुकर गई और कहा मुझे अपहरण करके नहीं ले जाया गया, कोई रेप नहीं किया गया।

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