Kejriwal Confidence Motion- केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में 'विश्वास प्रस्ताव' पेश किया; बोले- BJP हमारे MLA नहीं तोड़ सकती

केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में 'विश्वास प्रस्ताव' पेश किया; शराब घोटाले में कल कोर्ट में पेशी, बोले- BJP हमारे MLA नहीं तोड़ सकती

Arvind Kejriwal Confidence Motion In Delhi Assembly News Update

Arvind Kejriwal Confidence Motion In Delhi Assembly News Update

Arvind Kejriwal Confidence Motion: आम आदमी पार्टी चीफ और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में 'विश्वास मत प्रस्ताव' पेश किया है। हालांकि, केजरीवाल सरकार के खिलाफ विपक्ष द्वारा कोई अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया गया है। दरअसल, अरविंद केजरीवाल ने ट्विटर पर अचानक जानकारी दी थी कि वह विधानसभा में विश्वास मत प्रस्ताव लाने जा रहे हैं। इसके बाद केजरीवाल ने विधानसभा में विश्वास मत प्रस्ताव पेश कर दिया।

फिलहाल, विधानसभा सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई है। अब कल विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी और इसके बाद वोटिंग की जाएगी। जिसमें केजरीवाल सरकार यह साबित करेगी कि उसके पास पूर्ण बहुमत है। यहां यह भी बता दें कि, कल 17 फरवरी को शराब घोटाला मामले में केजरीवाल को राउज़ एवेन्यू कोर्ट में पेश होना है.

केजरीवाल बोले- BJP हमारे MLA नहीं तोड़ सकती

विधानसभा में विश्वास मत प्रस्ताव पेश करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, BJP ने हमारे विधायकों को तोड़ने की कोशिश की है लेकिन तोड़ नहीं पाई। केजरीवाल ने विधानसभा में बीजेपी पर आरोप दोहराते हुए कहा कि, बीजेपी ने आप के 7 विधायकों से कहा था कि तुम्हारे सीएम केजरीवाल को कुछ दिनों में गिरफ्तार कर लेंगे। तुम हमारी पार्टी में आ जाओ। केजरीवाल ने कहा कि शराब घोटाले की जांच की आड़ में दिल्ली के अंदर बीजेपी ने आम आदमी पार्टी की सरकार को गिराने की साजिश रची है। जैसे अन्य प्रदेशों में अन्य पार्टियों की सरकार गिराई जा रही हैं।

दिल्ली में बीजेपी ने AAP के सभी नेताओं को गिरफ्तार करवा दिया है। क्योंकि कि बीजेपी के लोग जानते हैं कि वे दिल्ली में चुनाव जीत नहीं सकते हैं। जनता को हम पर विश्वास है। इसलिए चुनाव के बाद सरकार गिरा दो। केजरीवाल ने कहा कि, हमारा एक भी विधायक नहीं टूटा है और जनता को यह दिखाने के लिए मैं विश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत करता हूं. केजरीवाल इससे पहले भी विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश कर चुके हैं। बताया जाता है कि यह तीसरी बार है जब केजरीवाल ने विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किया है।

विश्वास प्रस्ताव और अविश्वास प्रस्ताव में अंतर

विश्वास प्रस्ताव लाने का काम हमेशा सत्ता पक्ष करता है। केंद्र में प्रधानमंत्री और राज्य में मुख्यमंत्री विश्वास प्रस्ताव पेश करते हैं। सरकार के बने रहने के लिए विश्वास प्रस्ताव का पारित होना जरूरी होता है। विश्वास प्रस्ताव में वोटिंग से यह पता चल जाता है कि मौजूदा सरकार के पास बहुमत है या नहीं। वहीं सदन में अविश्वास प्रस्ताव हमेशा विपक्षी दलों द्वारा लाया जाता है। ताकि अपना बहुमत साबित करके सरकार गिराई जा सके।