Amritpal arrest

Editorial: अमृतपाल की गिरफ्तारी, मान सरकार ने दिया धैर्य का परिचय

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Man Sarkar showed patience: वारिस पंजाब दे संगठन के मुखिया और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी पंजाब सरकार एवं पुलिस की बड़ी कामयाबी है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी की सरकार जिस प्रकार से राज्य में कानून और व्यवस्था को कायम करने में जुटी है, यह उसी का प्रतिफल है कि बगैर कोई गोली चले, बगैर कोई हिंसा हुए एक बड़े आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।

पंजाब में खालिस्तान की मांग मामूली नहीं है, इस मांग के बूते राज्य में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई जहां अपने नापाक इरादों को अंजाम देने की कोशिश में है, वहीं राज्य के अंदर भी अतिवादी तत्व माहौल को खराब करके राज्य की शांति और व्यवस्था को भंग करने में संलग्न रहते हैं। ऐसे में मान सरकार ने जिस सूझबूझ के साथ इस ऑपरेशन को अंजाम दिया है, वह सरकार के राजनीतिक और प्रशासनिक दृष्टि से परिपक्व होने की पहचान है। गौरतलब है कि अमृतपाल सिंह ने थाने पर हमला करके अपने साथियों को छुड़वाया था। इसकी पूरी आशंका थी कि उसकी गिरफ्तारी के बाद राज्य का माहौल खराब हो सकता है, लेकिन मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की पुलिस ने बेहद धैर्य के साथ काम किया।

अमृतपाल सिंह 18 मार्च के बाद से फरार चल रहा था। उस पर तमाम आरोप हैं। उसके साथियों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है, लेकिन अभी तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई थी। बेशक, अमृतपाल सिंह ने एकाएक जिस प्रकार राज्य में खालिस्तान के समर्थन में आवाज बुलंद की थी, उसके बाद से न केवल पंजाब अपितु पूरी दुनिया में खालिस्तान के समर्थन में माहौल तैयार होता नजर आ रहा था, यह अपने आप में पंजाब और देश की खुशहाली के लिए घातक है।

देश इस समय पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को झेल रहा है, वहीं पंजाब में खालिस्तान के समर्थन में उठती आवाजें और ज्यादा चिंताजनक बात है। हालांकि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का बयान आया था कि पंजाब में खालिस्तानी लहर नहीं है, लेकिन उनका यह कथन इस संदर्भ में था कि खालिस्तान के समर्थन में आवाजें उठती हैं, लेकिन उन पर कार्रवाई की जाती है। मालूम हो, इसी दौरान अमित शाह ने खालिस्तान समर्थकों पर कार्रवाई के लिए मान सरकार की प्रशंसा भी की थी।

उनका कहना था कि मान सरकार ने अच्छा काम किया है और केंद्र सरकार ने उसका समर्थन किया है। हालांकि इस बयान के अगले ही दिन खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह की मोगा से गिरफ्तारी हो गई।  निश्चित रूप से मान सरकार के लिए यह बड़ी कामयाबी है कि उसने खालिस्तान समर्थकों पर कार्रवाई के लिए भाजपा नीत केंद्र सरकार से समर्थन और प्रशंसा पाई है। इस बात को केंद्र सरकार भी समझती है कि पंजाब की खुशहाली पूरे देश की खुशहाली है, ऐसे में यहां अगर अव्यवस्था कायम होती है तो यह पूरे देश को अशांत कर सकती है।

इधर, सीएम मान ने अमृतपाल की गिरफ्तारी को लेकर जो एक और अहम जानकारी दी है। वह भी महत्वपूर्ण है जिसमें मान सरकार का धैर्य का परिचय झलकता है। मुख्यमंत्री मान ने बताया कि, उनके पास कल रात ही पूरी सूचना आ गई थी। जिसके बाद वह पूरी रात नहीं सो पाए। मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्हें पंजाब की अमन-शांति की चिंता थी। वह किसी भी कीमत पर कानून-व्यवस्था नहीं बिगडऩे देना चाहते थे। इसलिए वह हर 15 मिनट और आधे घंटे में सीनियर अफसरों से पूरे मामले में बातचीत करते रहे।

सीएम मान ने अपने संबोधन में एक और गंभीर बात कही। मान ने कहा कि, बतौर गृह मंत्री और मुख्यमंत्री होने के नाते वह यह कहना चाहते हैं कि, 18 मार्च को जब अमृतपाल के खिलाफ एक्शन शुरू हुआ तो अमृतपाल को उसी दिन भी गिरफ्तार किया जा सकता था लेकिन शायद इस बीच गोली चल जाती। लेकिन हम खून-खराबा नहीं चाहते थे।

सीएम मान ने अजनाला कांड की भी बात की। मान ने कहा कि, अमृतपाल और उसके साथियों ने जब अजनाला थाने में चढ़ाई की और ये साथ में गुरु साहिब की पालकी लेकर पहुंचे तो हमने गुरु साहिब के चलते इनपर जवाबी कार्रवाई नहीं की। सीएम मान ने बताया कि, अफसरों ने जब उन्हे मामले की जानकारी दी थी तो उन्होंने कह दिया था कि ऐसी कोई कार्रवाई न की जाए जिससे गुरु साहिब की पालकी को नुकसान पहुंचे।  

पंजाब पुलिस ने भी राज्य में शांति और व्यवस्था को बनाए रखने की नीति से अभी तक शांति पूर्वक रहकर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। निश्चित रूप से अमृतपाल की एकाएक और आक्रामक अंदाज में गिरफ्तारी राज्य में माहौल को खराब कर सकती थी। लेकिन राज्य सरकार ने धैर्य का परिचय दिया है और पुलिस बल ने भी शांतिपूर्वक अपने कार्य को अंजाम देते हुए आरोपी को खुद इस स्थिति में पहुंचने के लिए विवश किया है। अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के बाद आईएसआई और विदेशी फंडिंग समेत तमाम राज से पर्दा उठ सकता है। पंजाब को ऐसी सोच से हर हाल में बचाने की आवश्यकता है जोकि उसे दहशतगर्दी में झोंकती है। 

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