हरियाणा को जमीन की अदला-बदली के जरिए जमीन आवंटित करना संविधान की धारा 3 का उल्लंघन होगा

हरियाणा को जमीन की अदला-बदली के जरिए जमीन आवंटित करना संविधान की धारा 3 का उल्लंघन होगा

Violation of Article 3

Violation of Article 3

शिरोमणी अकाली दल ने गर्वनर से कहा कि चंडीगढ़ में नए विधानसभा भवन के लिए हरियाणा को जमीन की अदला-बदली के जरिए जमीन आवंटित करना संविधान की धारा 3 का उल्लंघन होगा

सरदार सुखबीर सिंह बादल की अगुवाई में अकाली दल के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से हरियाणा की जमीन की अदला-बदली के आवेदन को खारिज करने और चंडीगढ़ को पंजाब में स्थानांतरित करने की सिफारिश करने का आग्रह किया

राज्यपाल से भगवंत मान को कानून-व्यवस्था को नियंत्रित करने में विफल रहने के लिए गृहमंत्रालय से बर्खास्त करने की मांग की और कहा कि ‘‘जुमला मुश्तरका मालकान’’ की जमीन को जमीन मालिकों से जबरन पंचायतों को हस्तांतरित नही की जानी चाहिए

चंडीगढ़/26नवंबर: Violation of Article 3: शिरोमणी अकाली दल(Shiromani Akali Dal) ने आज पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित(Governor Banwarilal Purohit) को बताया कि चंडीगढ़ को अलग विधानसभा बनाने के लिए जमीन की अदला-बदली(land exchange) के जरिए हरियाणा सरकार का आवेदन संविधान के अनुच्छेद 3 का उल्लंघन(Violation of Article 3 of the Constitution) है और इसे तुरंत खारिज करने का आग्रह किया है।

अकाली दल अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल की अगुवाई में पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से कहा कि मौजूदा राज्यों और उनकी सीमाओं में परिवर्तन से संबधित कानून बनाने का अधिकार केवल सेसद को है। उन्होने कहा कि हरियाणा को  हरियाणा की सीमा के भीतर एक नई विधानसभा स्थापित करने के लिए कहा जाना चाहिए।

सरदार सुखबीर सिंह बादल के साथ बलविंदर सिंह भूंदड़, प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा और डॉ.दलजीत सिंह चीमा ने भी राज्यपाल को अवगत कराया कि चंडीगढ़ पर पंजाब का पूर्ण अधिकार है, जिसे केंद्र सरकारों द्वारा बार बार दोहराया गया है और संसद द्वारा भी पुष्टि की गई है। राजीव लोंगोवाल समझौता   जमीन की अदला बदली के माध्यम से केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में दस एकड़ जमीन के लिए आवेदन करने के हरियाणा के कदम का उददेश्य चंडीगढ़ पर पंजाब के अधिकार को कम करना है’’। उन्होने कहा कि इस कदम से राज्य में शांति बनी रहेगी क्योंकि पंजाबी भावनात्मक रूप से चंडीगढ़ से जुड़े हुए हैं और राज्य में हरियाणा को कोई जमीन नही देने देंगें’’।

अकाली दल अध्यक्ष ने राज्यपाल को यह भी अवगत कराया कि चूंकि पार्टी पंजाबियों की क्षेत्रीय आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करती है , इसीलिए वह हरियाणा द्वारा लाए गए जमीन की अदला बदली समझौते का अंतिम समय तक विरोध करेगी। उन्होने राज्यपाल को पंजाबियों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए चंडीगढ़ को पंजाब में स्थानांतरित करने की सिफारिश के साथ साथ पंजाब के साथ किए गए अन्याय से भी अवगत कराया जिसे 55 सालों से अपनी राजधानी से वंचित रखा गया है।

अकाली प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था के बारे में जानकारी देते हुए उनसे गृहमंत्री भगवंत मान को तुरंत बर्खास्त करने का आग्रह किया। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि राज्य सिद्धू मूसेवाला जैसी सनसनीखेज हत्याओं के अलावा हत्याओं , जबरन वसूली और गुंडाराज की चपेट में है। उन्होने कहा, ‘‘ नशीली दवाओं के खतरे के कारण रोजाना बहुत ज्यादा मौते हो रही हैं। इन सबके कारण राज्य से पूंजी का पलायन हुआ है, जबकि आम आदमी दहशत और डर में जी रहा है। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि  इस मुददे को हल करने के बजाय मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल ने पिछले दो महीने गुजरात में प्रचार करके पंजाबियों को उनके हाल पर छोड़ दिया है। प्रतिनिधिमंडल ने कहा ,‘‘ लोगों की शिकायतों का समाधान नही किया जा रहा, जिससे  राज्य में स्थिति बिगड़ती जा रही है’’।

अकाली दल ने राज्यपाल को बताया कि आप पार्टी की सरकार द्वारा जबरन मुश्तरान मालिकान की जमीन को पंचायतों को हस्तांतरित किया जा रहा है। उन्होने कहा कि इस फैसले से किसानों में अशांति पैदा हो गई है और आप पार्टी की सरकार को तुरंत फैसले को वापिस लेने का निर्देश दिया जाना चाहिए। उन्होने कहा कि ‘‘जुमला मुश्तरान मालिकान’’ का  मालिकाना हक जमीन के मालिकों के नाम पर रहना चाहिए और राज्य सरकार को इन जमीनों के मालिकाना हक को पंचायतों को हस्तांतरित करने का प्रयास नही करना चाहिए।

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