कालोनी नंबर 4 की खाली जमीन पर औद्योगिक श्रमिक टाउनशिप का निर्माण करे प्रशासन : प्रेम गर्ग
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कालोनी नंबर 4 की खाली जमीन पर औद्योगिक श्रमिक टाउनशिप का निर्माण करे प्रशासन : प्रेम गर्ग

कालोनी नंबर 4 की खाली जमीन पर औद्योगिक श्रमिक टाउनशिप का निर्माण करे प्रशासन : प्रेम गर्ग

कालोनी नंबर 4 की खाली जमीन पर औद्योगिक श्रमिक टाउनशिप का निर्माण करे प्रशासन : प्रेम गर्ग

प्रेम गर्ग का कहना है कि कॉलोनी नंबर 4 में रहने वाले सभी लोग औद्योगिक क्षेत्र में काम करने वाले औद्योगिक श्रमिक थे।  अगर इन हजारों औद्योगिक श्रमिकों को पहले या अब मलोया में स्थानांतरित कर दिया गया है, जो औद्योगिक क्षेत्र से 15 किमी दूर है, तो हमने कुछ भी अच्छा नहीं किया है ? अब उन्हें साइकिल पर या किसी अन्य साधन से, इंडस्ट्रीयल एरीआ तक आना पड़ता है, जिससे सड़कों पर यातायात बढ़ता है और समय और पैसे की बर्बादी होती है।

उनमें से बहुत से लोग फैदां और जगतपुरा आदि जैसे आस-पास की जगहों में किराए पर चले गए हैं और वहाँ कबूतरों के घोसलों की तरह रह रहे हैं। यहां तक ​​​​कि एक एक घर में 50 लोग भी किराए पर रह रहे हैं। और यह सभ्य समाज के लिये बिलकुल भी अच्छा नहीं है।
 
हम इस खाली कराई गई जगह पर विशेष रूप से औद्योगिक श्रमिकों के लिए एक EWS कॉलोनी का निर्माण क्यों नहीं कर सकते हैं? हम ऐसी बहुमंज़िला कॉलोनी को औद्योगिक या व्यावसायिक घरानों को, उनके श्रमिकों या कर्मचारियों के आवास के लिए किराए पर दे सकते हैं। उन उदयोगिक इकायों को किराये और बिजली पानी आदि के भुगतान के लिए जिम्मेदार बना सकते हैं। हजारों श्रमिक यहां कारखानों, एलांते मॉल, गोदामों आदि में काम करते हैं। ऐसे सभी लोगों के लिए हम एक अच्छी बहुमंजिला रहने की योजना बनाएं, उचित लागत वाले फ़लेटों में दो कमरे हों जिनमें लगभग 400 से 500 वर्ग फुट क्षेत्र हों।  तक़रीबन 10000 श्रमिकों के लिए एक औद्योगिक टाउनशिप बनाने से इसके निर्माण और जमीन की लागत आसानी से वसूल की जा सकती है।

शुरू में यह एक आदर्शवादी विचार प्रतीत हो सकता है लेकिन स्मार्ट सिटी के लिए यह बहुत व्यावहारिक और आवश्यक है।इंडस्ट्रीयल एरीआ के बिलकुल पास ही श्रमिकों के रहने का प्रबंध होना चाहिये।