Farm Laws Repeal News
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तीन कृषि कानूनों पर बड़ी खबर, अब PM मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में लिया गया यह फैसला

Union cabinet approval on withdrawal of three farm laws

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वह तीन कृषि कानून, जो केंद्र सरकार के गले में फांस बन गए और आखिरकार इनकी वापसी का निर्णय सरकार को लेना ही पड़ा| वहीं, अब इन तीन कृषि कानूनों के वापसी की जो प्रक्रिया है| वह आगे बढ़ना शुरू हो गई है| इस प्रक्रिया में आज पहल कदम उठ गया है| दरअसल, बुधवार यानि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की अहम बैठक हुई और इस बैठक में इन तीन कृषि कानूनों की वापसी पर पक्की मुहर लग गई| अब संसद के शीतकालीन सत्र में तीनों कृषि कानूनों के वापसी के प्रस्ताव को पेश किया जाएगा|

ध्यान रहे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को गुरु नानक देव जयंती के मौके पर देश के नाम संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की बड़ी घोषणा की थी। पीएम मोदी ने कहा था कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले रही है और आगामी संसद शीतकालीन सत्र में कानूनों की वापसी की प्रक्रिया पूरी कर दी जाएगी।

क्या-क्या कहा था पीएम मोदी ने?

पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार, किसानों के कल्याण के लिए, खासकर छोटे किसानों के कल्याण के लिए, देश के कृषि जगत के हित में, देश के हित में, गांव गरीब के उज्जवल भविष्य के लिए, पूरी सत्य निष्ठा से, किसानों के प्रति समर्पण भाव से, नेक नीयत से ये कानून लेकर आई थी| किसानों की स्थिति को सुधारने के महाअभियान में देश में तीन कृषि कानून लाए गए थे।

मकसद ये था कि देश के किसानों को, खासकर छोटे किसानों को, और ताकत मिले, उन्हें अपनी उपज की सही कीमत और उपज बेचने के लिए ज्यादा से ज्यादा विकल्प मिले| लेकिन इतनी पवित्र बात, पूर्ण रूप से शुद्ध, किसानों के हित की बात, हम अपने प्रयासों के बावजूद कुछ किसानों को समझा नहीं पाए। कृषि अर्थशास्त्रियों ने, वैज्ञानिकों ने, प्रगतिशील किसानों ने भी उन्हें कृषि कानूनों के महत्व को समझाने का भरपूर प्रयास किया पर कुछ हो न सका| वहीं, इस दौरान पीएम मोदी ने अपील भी की थी| पीएम मोदी ने अपील में कहा कि मैं सभी आंदोलन किसान साथियों से आग्रह कर रहा हूं कि अब आप अपने- अपने घर और खेतों की तरफ़ लौटें| लेकिन आपको बतादें कि, अभी किसान आंदोलन खत्म नहीं हुआ है| आंदोलनकारी किसानों की सरकार से और भी मांगे हैं| जिन्हें पूरा करने पर ही आंदोलन खत्म करनी की बात कही जा रही है|