शराबबन्दी पर बिहार में लगातार रिसर्च और प्रयोग जारी

शराबबन्दी पर बिहार में लगातार रिसर्च और प्रयोग जारी

शराबबन्दी पर बिहार में लगातार रिसर्च और प्रयोग जारी

शराबबन्दी पर बिहार में लगातार रिसर्च और प्रयोग जारी

बिहार के सभी जिलों में होगा एंटी लिकर टास्क फोर्स का गठन, इससे शराब बिक्री पर लगेगा लगाम

पटना (बिहार) : बिहार में शराबबंदी को सख्ती से लागू करने के लिए और शराब के धंधे  पर रोक लगाने के लिए, बिहार में तरह-तरह के रिसर्च और प्रयोग किये जा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, जल्द ही, बिहार के सभी जिलों में एंटी लिकर टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। इसके लिए पुलिस मुख्यालय ने इच्छुक पुलिसकर्मियों और अधिकारियों से आवेदन मांगा है।  पुलिस मुख्यालय के विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार, एंटी लिकर टास्क फोर्स के लिए इच्छुक पुलिसकर्मियों को एक साक्षात्कार से गुजरना पड़ेगा। साक्षात्कार में सफल होने बाद ही, उन्हें एंटी लिकर टास्क फोर्स में जगह दी जाएगी।
दरअसल, पुलिस द्वारा लगातार अभियान चलाकर बिहार में शराब की तस्करी पर रोक लगाने के साथ ही, शराब पीने वालों को गिरफ्तार किया जा रहा है। मिल रही जानकारी के अनुसार,  शराबबंदी के बाद भी लोगों के घरों तक शराब की होम डिलीवरी करने वाले धंधे बाजों की निगरानी के लिए, अब ड्रोन कैमरे का इस्तेमाल किया जाएगा। जानकारी के अनुसार, जल्द ही जिलों को उनकी मांग पर ड्रोन भी उपलब्ध कराया जाएगा।

शराबबन्दी पर बिहार में लगातार रिसर्च और प्रयोग जारी
पुलिस मुख्यालय द्वारा मिल रही जानकारी के अनुसार एंटी लिकर टास्क फोर्स की अहम जिम्मेदारी ग्रामीण इलाकों में होने वाले अवैध शराब के कारोबार पर लगाम लगाना होगा। दीगर बात है कि बिहार के कई जिलों में जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत हो चुकी है। तमाम विन्दुओं पर गहन मंथन के बाद, एंटी लिकर फोर्स का गठन किया जा रहा है। बिहार के सभी जिलों में एंटी लिकर टास्क फोर्स का गठन होगा। एंटी लिकर टास्क फोर्स को ग्रामीण इलाकों के थानों से टैग किया जाएगा। वैसे, यह स्वतंत्र रूप से अपना कार्य करेगी। मुख्यालय द्वारा मिल रही जानकारी के अनुसार हर जिले में 5 से 6 एंटी लिकर टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। हर टीम का नेतृत्व इंस्पेक्टर रैंक के अफसर करेंगे। इसके अलावा, इसमें सब इंस्पेक्टर, जिला सशस्त्र पुलिस के 4 जवान और 10 होमगार्ड के जवान तैनात रहेंगे। पुलिस मुख्यालय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, वर्तमान में जिला स्तर पर एक एंटी लिकर टास्क फोर्स काम कर रही है लेकिन इस से काम नहीं चल रहा है। जिस वजह से हर जिले में 5-6 टीमों का गठन करने का निर्देश दिया गया है। शराबबंदी कानून को अमल में लाने के लिए विशेष तौर पर विभाग में तैनाती से पहले पुलिसकर्मियों को कई तरह के सवालों का सामना करना पड़ेगा।
बेहतर सर्विस रिकॉर्ड के साथ इच्छुक पुलिसकर्मियोंं का साक्षात्कार भी लिया जाएगा। साक्षात्कार के बाद चयनित हुए सभी अधिकारियों और कर्मियों की मध निषेध इकाई में तैनाती होगी। एंटी लिकर टास्क फोर्स में जाने के इच्छुक पुलिसकर्मियों का पटना स्थित पटेल भवन में साक्षात्कार होगा। पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार के मुताबिक शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करवाने के लिए पुलिसकर्मी, अभियान चलाकर शराब के धंधेबाज को गिरफ्तार कर रहे हैं। भारी मात्रा में अब तक विदेशी और देसी शराब भी बरामद किए गए हैं और कई गिरफ्तारियां भी हुई हैं। अब, आगे यह देखना बेहद जरूरी है कि बेहद कम पुलिस अधिकारियों और बल के दम पर अपराध में जुटी बिहार पुलिस, नई जिम्मेवारी मिलने पर शराबबन्दी को कितना सफल बना पाती है और अपराध पर कितना नियंत्रण कर पाती है।
मुकेश कुमार सिंह