देश की सबसे बड़ी डील करने की तैयारी में गौतम अडानी, सहारा में पैसा लगाने वालों की लगेगी लॉटरी!

Adani Sahara Property Acquisition

Adani Sahara Property Acquisition

Adani Sahara Property Acquisition: सहारा ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट से 88 कीमती प्रॉपर्टीज अडानी ग्रुप को बेचने की अनुमति मांगी है, जिसमें  Ambi Valley और लखनऊ में  'सहारा शहर' जैसे कई बड़े प्रोजेक्ट्स हैं.

मंगलवार को इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और मार्केट रेगुलेटर सेबी को नोटिस भेजकर इस पर जवाब देने के लिए कहा. अगर सब कुछ ठीक रहा, तो यह देश के सबसे बड़े रियल एस्टेट डील्स में से एक होगी. सूत्रों के मुताबिक, जिन 88 संपत्तियों को बेचे जाने की बात कही गई है, उनकी कीमत अनुमानित रूप से 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है.

सीलबंद लिफाफे में दी गई टर्म शीट

सहारा समूह की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ को बताया कि दोनों व्यावसायिक संस्थाओं ने एक टर्म शीट पर हस्ताक्षर करके उसे एक सीलबंद लिफाफे में रख दिया है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी मिलते ही इस सौदे को आगे बढ़ाया जाएगा और इससे मिलने वाली राशि सहारा समूह के बकाये से कहीं ज्यादा होगी.

इस डील को सपोर्ट करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि अडानी ग्रुप सहारा की इन संपत्तियों को एक बार में खरीद लेगा. सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी मिलने का इंतजार किया जा रहा है, जिसके बाद डील पर आगे बात बढ़ेगी. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि टर्म शीट सीलबंद लिफाफे में रखकर दे दी गई है. यह अभी भी स्पष्ट नहीं हो सका है कि सहारा ग्रुप की 88 संपत्तियों की खरीद के लिए अडानी ग्रुप की तरफ से कितनी रकम की पेशकश की जा रही है. 

निवेशकों को पैसे लौटाने का प्रॉसेस शुरू

पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता शेखर नफड़े को न्यायमित्र (Amicus curiae) नियुक्त किया है. उन्हें सहारा ग्रुप की बेचे जाने वाली 88 संपत्तियों की एक लिस्ट तैयार करने की जिम्मेदारी गई है. इनमें से कौन सी संपत्तियां विवाद मुक्त है इसकी भी एक लिस्ट बनानी होगी ताकि अगर किसी पर कानूनी या तीसरे पक्ष का दावा हो, तो वह सामने आ जाए.

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायालय को बताया कि सरकार ने सेबी-सहारा अकाउंट से निवेशकों का पैसा लौटाने का प्रॉसेस शुरू कर दिया है.शेखर नफड़े ने कहा कि सहारा समूह की दो कंपनियों - सहारा हाउसिंग और सहारा रियल एस्टेट - को 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने सेबी-सहारा खाते में लगभग 25,000 करोड़ रुपये जमा करने का निर्देश दिया था, जिसमें से कंपनी ने अभी तक 9,481 करोड़ रुपये जमा नहीं किए हैं. मामले की अगली सुनवाई 17 नवंबर को फिर से होगी, तब अदालत तय करेगी कि अडानी प्रॉपर्टीज को प्रस्तावित बिक्री की मंजूरी दी जाए या नहीं.