अमेरिका से ट्रेड डील कब तक होगी, पीयूष गोयल ने दिए कुछ संकेत

Piyush Goyal On Trade Deal

Piyush Goyal On Trade Deal

नई दिल्ली: Piyush Goyal On Trade Deal: भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) को लेकर बातचीत तेज हो गई है. वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने राजधानी दिल्ली में आयोजित एक सस्टेनेबिलिटी प्रोग्राम के दौरान बताया कि दोनों देशों के बीच इस विषय पर लगातार चर्चा हो रही है. उन्होंने कहा कि यह समझौता न केवल भारत और अमेरिका के लिए, बल्कि वैश्विक व्यापार के संतुलन के लिहाज से भी अहम साबित होगा.

गोयल ने जानकारी दी कि इस वर्ष मार्च में BTA को लेकर बातचीत की शुरुआत हुई थी और अब तक पांच दौर की बैठकें हो चुकी हैं. हालांकि, हाल ही में अमेरिका ने 27 अगस्त से भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लागू कर दिया, जिसके बाद अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने 25 अगस्त को होने वाली अपनी भारत यात्रा को टाल दिया. इसके बावजूद भारत सरकार को भरोसा है कि आगे की बातचीत सकारात्मक दिशा में बढ़ेगी और समझौता दोनों देशों के लिए फायदेमंद रहेगा.

अन्य देशों के साथ भी व्यापारिक वार्ता

पीयूष गोयल ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत केवल अमेरिका तक सीमित नहीं है, बल्कि अन्य देशों के साथ भी नए व्यापारिक समझौतों को लेकर वार्ता जारी है. उन्होंने कहा कि यूरोपीय यूनियन, चिल्ली, पेरू, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और ओमान के साथ बातचीत चल रही है. वहीं, यूरोपीयन फ्री ट्रेड यूनियन (EFTA) और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के साथ भारत पहले ही समझौते पूरे कर चुका है. मंत्री ने बताया कि इन समझौतों से भारत की वैश्विक व्यापारिक स्थिति मजबूत होगी और निर्यात को नई ऊर्जा मिलेगी.

गोयल ने कहा कि “काफी काम हो चुका है, लेकिन अभी बहुत कुछ बाकी है. आने वाले समय में भारत वैश्विक व्यापार नेटवर्क में और अधिक मजबूती से जुड़ सकेगा.”

चीन के साथ रिश्तों में सुधार

कार्यक्रम के दौरान वाणिज्य मंत्री ने चीन के साथ संबंधों पर भी बयान दिया. उन्होंने कहा कि भारत और चीन के रिश्ते धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO Summit 2025) में भाग लेने के लिए चीन का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की और दोनों नेताओं ने व्यापारिक सहयोग को बढ़ाने के साथ-साथ सीमा पर तनाव कम करने पर सहमति जताई. यह प्रधानमंत्री मोदी का सात साल बाद चीन का दौरा था, जिसने द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा दी है.