हरियाणा सरकार व कर्मचारी संगठनों की बैठक बेनजीता

हरियाणा सरकार व कर्मचारी संगठनों की बैठक बेनजीता

हरियाणा सरकार व कर्मचारी संगठनों की बैठक बेनजीता

हरियाणा सरकार व कर्मचारी संगठनों की बैठक बेनजीता

मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव को दिया मांग पत्र

कर्मचारी बैठक कर लेंगे आंदोलन का फैसला

चंडीगढ़,14 दिसंबर। हरियाणा सरकार व कर्मचारी संगठनों के बीच मंगलवार को हुई मैराथन बैठक बिना किसी नतीजे के समाप्त हो गई। बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा तो हुई लेकिन सरकार की तरफ से कोई सकारात्मक फैसला नहीं लिया गया। जिसके बाद कर्मचारी संगठनों ने अपना मांग पत्र देते हुए अगली कार्रवाई के लिए सरकार के पाले में गेंद डाल दी। बैठक के बाद कर्मचारी नेताओं ने ऐलान किया कि वह जल्द ही बैठक बुलाकर अगली रणनीति का ऐलान करेंगे।
आज की बैठक में हरियाणा सरकार की तरफ से मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी उमाशंकर, प्रशासनिक विभाग के आयुक्त एवं सचिव बिजेद्र कुमार, सामान्य प्रशासन के प्रिंसिपल सेक्रेटरी पंकज अग्रवाल सहित कई विभागों के अधिकारी और सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा की ओर से प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा, महासचिव सतीश सेठी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री, उप प्रधान शीलक राम, प्रेस साचिव इंद्र सिंह बधाना, आल हरियाणा पावर कारपोरेशन वर्करज यूनियन के राज्य प्रधान सुरेश राठी व आल हरियाणा यूनिवर्सटी इम्प्लाइज फेडरेशन के चेयरमैन दया राम सोनी शामिल थे।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा, महासचिव सतीश सेठी व वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री ने बताया कि एसकेएस ने नौकरी से हटाए गए कर्मचारियों व शिक्षकों की बहाली, कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, पक्का होने तक समान काम समान वेतन व सेवा सुरक्षा प्रदान करने, एनपीएस को खत्म कर पुरानी पेंशन बहाली,तब तक सरकारी अंशदान 10 से बढक़र 14 प्रतिशत करने,25 अगस्त, 2014 के मंत्रिमंडल के फैसलेनुसार लिपिक को 35400 रु वेतन व रिटार्यड कर्मचारियों को पंजाब की तर्ज पर पेंशन बढ़ोत्तरी करने, वर्कलोड अनुसार नए पद स्वीकृत कर नई नियमित भर्ती करने, विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता बहाल करने इत्यादि नीतिगत मांगे मुख्यमंत्री के प्रधान साचिव के समक्ष तर्को व प्रमाणों के साथ रखी। प्रधान साचिव ने इन सभी पर विचार करने की बात कही और एसकेएस ने मांगों के लागू होने तक आंदोलन को जारी रखने के साथ हड़ताल तक पर जाने की चेतावनी दी। 
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के राज्य प्रधान सुभाष लांबा व  महासचिव सतीश सेठी ने कहा कि बैठक में अधिकारी रेगुलाराईजेशन की नीति बनाने की बजाए कौशल रोजगार निगम की बात करते रहे, जिससे साफ है कि सरकार सालों से काम कर रहे कच्चे कर्मचारियों को कच्चा ही रखा जाएगा। वित्त विभाग के अधिकारियों ने जनवरी 2020 से जून 2021 के बीच रिटायर हुए कर्मचारियों को रिटायरमेंट ग्रेच्युटी व लीव इनकेशमेंट में डीए का लाभ देने व जुलाई 2021 से महंगाई भत्ते की किश्त जल्द जारी करने की बात तो कही परंतु डीए बढ़ोतरी के साथ हाउस रेंट में बढ़ोतरी व बोनस पर चुप्पी साध ली। लाम्बा ने कहा कि सरकार प्रदेश में अपनी मर्जी से केंद्र के फैसलों को लागू करती है। सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लक्ष्य से पहले लागू करना चाहती है। सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की बजाए सरकार इलाज की सुविधा को बीमा कंपनियों के हवाले करना चाहती है।