11 मंत्रियों और 43 विधायकों ने सीखे डिजीटल गुर

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11 मंत्रियों और 43 विधायकों ने सीखे डिजीटल गुर

मुख्यमंत्री और विस अध्यक्ष ने क्लास में बैठ कर पूछे सवाल

विधान सभा को पेपरलैस करने के लिए विधायकों के प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन

संसदीय कार्य मंत्री और नेता प्रतिपक्ष साथी विधायकों के साथ पहुंचे प्रशिक्षण कार्यशाला में

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्रालय के अधिकारियों ने किया शंकाओं का निराकरण, मॉक सत्र भी होगा

हाउस में लगने वाले टैब का लाइव डैमोस्ट्रेशन भी किया, विधायकों ने दिखाई दिलचस्पी

 

पंचकूला, 21 जुलाई

पंचकूला का पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस का ऑडिटोरियम वीरवार को माननीयों की कक्षा नजर आया। इस कक्षा में कार्य पालिका के मुखिया मुख्यमंत्री और विधायिका के प्रमुख विस अध्यक्ष तक पेपरलैस विधान सभा के गुर सीखते नजर आए। डिजीटली ज्ञान के लिए आयोजित इस प्रत्यक्ष कक्षा में संसदीय कार्य मंत्री और नेता प्रतिपक्ष समेत प्रदेश सरकार के 11 मंत्री और 43 विधायकों ने  ई-विधान एप्लिकेशन (नेवा) की बारीकियां सीखीं।  संसदीय कार्य मंत्रालय की ओर से नेवा कॉर्डिनेटर अर्पित त्यागी और नेवा परियोजना प्रबंधक समीर वार्षने ने विधायकों को प्रशिक्षित किया। इस दौरान हाउस में लगने वाले टैब का लाइव डैमोस्ट्रेशन भी किया गया।

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हरियाणा विधान सभा की ओर से प्रदेश विधायकों के लिए आयोजित प्रशिक्षण कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने जीवन के अनेक उदाहरण देते हुए नई तकनीक सीखने के लिए प्रेरित किया। विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने आगामी मानसून सत्र को डिजीटल माध्यम से चलाने का संकल्प दोहराया। गुप्ता ने कहा कि गत 2 वर्षों से विधान सभा को पेपरलैस करने की तैयारियों अब फलीभूत होने को हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा के डिजीटिलाइजेशन की प्रक्रिया लोकतंत्र के सुदृढ़ीकरण में मील का पत्थर होगी। उन्होंने कहा कि मानसून सत्र से पहले सदन में मॉक सत्र का भी आयोजन किया जाएगा।

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उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिजीटल इंडिया मुहिम के तहत विधान सभा को पेपरलैस किया जा रहा है। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला का भी इसके लिए काफी आग्रह रहता है। गुप्ता ने कहा कि 21-22 जनवरी 2020 में हरियाणा विधान सभा की ओर से विधायकों के लिए आयोजित ओरिएंटेशन कार्यक्रम में लोक सभा अध्यक्ष ने पेपरलैस विधान सभा बनाने के लिए प्रेरित किया था। उन्होंने तभी विधान सभा को पेपरलैस करने का संकल्प ले लिया था। इस परियोजना में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्रालय का सहयोग भी सराहनीय रहा है। कुल 8.53 करोड़ की इस परियोजना में केंद्र और राज्य सरकार 60:40 के अनुपात में खर्च का वहन कर रही है। इसके लिए विस अध्यक्ष ने दोनों सरकारों का भी आभार प्रकट किया।

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उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के पहले दिन विधायकों के लिए तथा दूसरे दिन शुक्रवार को हरियाणा सरकार के विभिन्न विभागों के नोडल अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि डिजीटलाइजेशन के बाद विधानसभा सचिवालय सदन की कार्यवाही जिसमें कार्यसूची, नोटिस, बुलेटिन, विधेयक, तारांकित और अतारांकित प्रश्न तथा उनके जवाब, पटल पर रखे जाने वाले दस्तावेज, विभिन्न कमेटियों की रिपोर्ट इत्यादि सभी कार्य बिना कागज का प्रयोग किए प्रभावी ढ़ग से किए जा सकेंगे। इसके साथ ही विधायकों के लिए उपयोगी तथ्य तथा नियमावली समेत अनेक प्रकार की जानकारी डिजीटल माध्यम से प्राप्त हो सकेगी।

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गुप्ता ने कहा कि हरियाणा विधानसभा द्वारा बहुत ही अल्पावधि में डिजीटलाइजेशन की परियोजना को मूर्त रूप दिया जा रहा है। यह सब विधानसभा सचिवालय के अधिकारियों और कर्मचारियों की मेहनत, प्रदेश सरकार के सकारात्मक रवैये और हर संभव सहयोग के चलते संभव हो सका है। इस परियोजना में एनआईसी और निक्सी के अधिकारियों का भी विशेष सहयोग मिल रहा है।

संसदीय कार्यमंत्री कंवर पाल ने अपने संबोधन में कहा कि विधान सभा को पेपरलैस करने का प्रयास काफी सराहनीय है। इससे कार्य में न केवल तीव्रता आएगी, बल्कि इससे पारदर्शिता भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि इस परियोजना में विभाग की ओर से पूरा सहयोग रहेगा। इसके लिए अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

कार्यक्रम की शुरुआत में विधान सभा सचिव राजेंद्र सिंह नांदल ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि हरियाणा विधान सभा का डिजीटलाइजेशन लोकतांत्रिक मूल्यों को सशक्त करते हुए नया सवेरा लेकर आएगा।