Car Stuck on Sukhna Choe Bridge| जीरकपुर में बलटाना पुलिस चौकी के पास फिर हादसा, सुखना चो में गिरते-गिरते बची कार, किनारे अटकी

जीरकपुर प्रशासन को होश नहीं, लोग मरने से बच रहे; बलटाना पुलिस चौकी के पास फिर हादसा, सुखना चो में गिरते-गिरते बची कार, किनारे फंसी

Zirakpur Baltana Car Stuck on Sukhna Choe Bridge Accident News

Zirakpur Baltana Car Stuck on Sukhna Choe Bridge Accident News

Car Stuck on Sukhna Choe Bridge: मोहाली के जीरकपुर में बलटाना पुलिस चौकी के पास से निकल रहे सुखना चो में एक कार गिरते-गिरते बची है। जहां ऐसे में कार चालक की जान बाल-बाल बच गई। दरअसल, सुखना चो के पुल से गुजरते समय घनी धुंध की वजह से कार चालक को पुल का किनारा ठीक से नहीं दिख पाया और जिसके बाद कार अनियंत्रित होकर पुल के किनारे पर जा अटकी। गनीमत यह रही कि कार पलटी नहीं। हालांकि, कार के पलटने में जैसे-तैसे ही बचाव हुआ। कार सुखना चो की तरफ झुक गई थी। इस बीच राहगीरों की मदद से कार चालक कार से बाहर निकलने में कामयाब हो पाया।

Zirakpur Baltana Car Stuck on Sukhna Choe Bridge Accident News
Zirakpur Baltana Car Stuck on Sukhna Choe Bridge Accident News

 

3 दिन पहले ही गिर गई थी एक कार

ध्यान रहे कि, अभी 3 दिन पहले ही घनी धुंध की वजह से एक कार अनियंत्रित होकर इसी सुखना चो में जा गिरी थी। इस बीच कार चालक भी सुखना नाले के गंदे पानी में फंस गया था। सुखना चो में गिरते हुए कार बिलकुल उल्टा हो गई थी। आसपास से गुजरने वाले लोगों ने कार चालक को चो से बाहर निकालकर उसकी जान बचाई थी। इस हादसे से आसपास से लोगों में और राहगीरों में काफी गुस्सा भी दिखा था। उनका कहना था कि, स्थानीय प्रशासन की लापरवाही और नजरअंदाजी के चलते इस प्रकार के हादसे हो रहे हैं। किसी दिन कोई बड़ा हादसा होगा और जब लोगों की मौत होगी तो प्रशासन जागेगा।

Baltana Car Fell Into Sukhna Choe
Baltana Car Fell Into Sukhna Choe

 

मानसून की बाढ़ में ढह गया था पुल

मानसून के वक्त जब अगस्त में पंजाब के कई हिस्सों में भारी बाढ़ आई थी तो इस बीच ही बलटाना सुखना चो में भी पानी उफान पर था। क्योंकि चंडीगढ़ में बाढ़ के चलते सुखना का पानी भी सुखना चो में छोड़ा जा रहा था। जहां बाढ़ के भीषण वेग और प्रभाव से ही सुखना चो का पुल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। पुल पर दोनों किनारों पर लगी रेलिंगे टूट गईं थीं। साथ ही आने-जाने के लिए रास्ता भी कट चुका था।

पुल पर रेलिंग नहीं, रास्ता बद से बदतर, महीनों हो गए

बाढ़ का पानी कम होने के बाद जब सुखना चो पुल पर मरम्मत का काम शुरू किया गया तो इस दौरान बस नाम की मरम्मत की गई। न तो सही ढंग से रास्ता बनाया गया और न ही दोनों किनारों पर लगी रेलिंगे लगाई गईं। पुल पर एक किनारे के रेलिंग तो पूरी तरह से गायब है। जिसके चलते ही वाहन सुखना चो में गिर रहे हैं। बाढ़ खत्म हुए महीनों हो गए हैं लेकिन पुल का रास्ता अब तक बद से बदतर बना हुआ है। पुल का रास्ता ऐसा है कि वाहनों के साथ पैदल चल रहे लोगों को भी गुजरना मुश्किल होता है। दरअसल, पुल के रास्ते पर बहुत ज्यादा मिट्टी है और ऐसे में धूल काफी उड़ती है। लेकिन न तो जीरकपुर प्रशासन को होश आ रहा और न ही बलटाना के संबन्धित पार्षद को। सब के सब सोये हुए हैं।