Murder of Female Forest Officer: लखनऊ में मह‍िला वन अधिकारी की हत्या, बेटी-दामाद को कमरे में बंद कर पत‍ि ने चाकू से रेता गला

Murder of Female Forest Officer: लखनऊ में मह‍िला वन अधिकारी की हत्या, बेटी-दामाद को कमरे में बंद कर पत‍ि ने चाकू से रेता गला

Murder of Female Forest Officer

Murder of Female Forest Officer: लखनऊ में मह‍िला वन अधिकारी की हत्या, बेटी-दामाद को कमरे में बंद कर

लखनऊ के हसनगंज इलाके के बाबूगंज मोहल्ला में रहने वाली क्षेत्रीय वन अधिकारी(forest officer) शीला गुप्ता की उनके पति ने ही गला रेतकर हत्या(Murder) कर दी। मकान मालिक के शोर मचाने पर पति बसंत धमकी देकर भाग निकला। खून सने कपड़े देख लोगों ने उसको पकड़ लिया। पत्नी की हत्या(wife murder) का पता चलने के बाद गुस्साए लोगों ने उसकी पिटाई(spanking) की, फिर पुलिस को सौंप दिया।

पूछताछ में सामने आया कि शीला से पति बसंत करीब 12 साल से अलग रह रहा था। मर्डर का शुरुआती कारण प्रॉपर्टी विवाद सामने आया है। शीला की अंबेडकरनगर के अकबरपुर में संपत्ति है, जिन्हें बसंत बेचना चाहता था। शीला के तैयार नहीं होने पर झगड़े हो रहे थे।

अयोध्या से घर आया, पत्नी से मांगे रुपए

अयोध्या के रानीबाजार निवासी शीला गुप्ता बाबूगंज में शशि सिंह के मकान में किराए पर रहती थीं। बेटी वैष्णवी ने बताया,"हजरतगंज में नरही के वन विभाग के मुख्यालय में मम्मी क्षेत्रीय वन अधिकारी पद पर तैनात थीं। शुक्रवार सुबह 6 बजे मम्मी घर का काम निपटा रही थी, तभी पापा बसंत घर आ गए। वो अयोध्या से आए थे।"

उन्होंने बताया,"मैं पति सत्येंद्र के साथ अपने कमरे में लेटी थी। इस बीच मकान मालिक की चीख पुकार सुनी। हमने बाहर आने की कोशिश की। मगर कमरे का दरवाजा बाहर से बंद था। हम अंदर की फंस गए। कुछ देर बाद दरवाजा खुलने पर देखा आंगन में मम्मी का लहूलुहान शव(dead body) दीवार के सहारे टिका था। इसी बीच चीख पुकार सुनकर लोग आ गए। उन्होंने भाग रहे पिता बंसत को पकड़ लिया। मैं और सतेंद्र 2 दिन पहले ही घर आए थे।"

बसंत साथ में लाया था चाकू

फतेहगंज मोहान रोड निवासी दामाद सतेंद्र ने बताया,"मकान मालिक का बेटा मोहित और मैं बाहर की तरफ भागे। पहले पुलिस चौकी और बाद में थाना पहुंचकर पुलिस को घटना के बारे में बताया। पापा ने मम्मी को मारने के लिए घर के चाकू का इस्तेमाल नहीं किया। वो चाकू अपने साथ लाए थे। शायद वो पहले ही सोचकर आए थे।"

लॉकडाउन में फोटोग्राफी हुई बंद, बेचने लगा नीबू पानी

बेटी वैष्णवी के मुताबिक,"पापा का लॉकडाउन के बाद फोटोग्राफी(Photography) का काम बंद हो गया था। इसके बाद नीबू पानी बेचने लगे थे। इधर कमाई नहीं होने पर 2 साल से लगातार घर आते थे। रुपए मांगते थे। नहीं देने पर मम्मी के साथ मारपीट करते थे।

मम्मी के विरोध पर पूरे परिवार को खत्म करने की धमकी देते है। पापा को परिवार से ज्यादा मम्मी के पैसों और प्रॉपर्टी पर नजर थी। मम्मी के नाम अयोध्या और अंबेडकरनगर में भी प्रॉपर्टी है।"

29 अप्रैल को हुई थी बेटी की शादी, उसके बाद से पैसों की बढ़ी मांग

दामाद सतेंद्र के मुताबिक,"29 अप्रैल 2022 को वैष्णवी से शादी हुई थी। फंक्शन में बसंत को नहीं बुलाया गया था। मगर वो आए थे। मम्मी ने हमें बाद में बताया कि शादी व्यवस्था और खर्च को लेकर उन्होंने झगड़ा किया था। शायद उनके मन में लालच आ गया था। इसके बाद से ही वो प्रॉपर्टी बेचने का दबाव बना रहे थे।"

'मेरे पैदा होने के बाद मम्मी को घर से दिया था निकाल'

बेटी वैष्णवी के मुताबिक,"पापा का मम्मी के प्रति रुख मेरे पैदा होते ही बदल गया था। वो बेटा नहीं होने के चलते मां को प्रताड़ित करने लगे थे। एक दिन मां को पीटकर निकाल दिया। मां के लखनऊ आकर नौकरी करने लगी थीं।"