दानी परिवारों के सहयोग से गऊशाला पहुँचाया 2 हजार किलो चारा

दानी परिवारों के सहयोग से गऊशाला पहुँचाया 2 हजार किलो चारा

दानी परिवारों के सहयोग से गऊशाला पहुँचाया 2 हजार किलो चारा

दानी परिवारों के सहयोग से गऊशाला पहुँचाया 2 हजार किलो चारा

जैन चैरिटेबल ग्रुप द्वारा पिछले दो सालों से किया जा रहा यह पुण्य कार्य

यमुनानगर, 26 अगस्त (आर. के. जैन): जैन चैरिटेबल ग्रुप के सौजन्य से निरंतर चलाए जा रहे गऊ वंशज सेवा कार्य में 119 वां कार्यक्रम का आयोजन चरणदास बंसल व अमन सोई आदि दानी परिवारों के सौजन्य से किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधान अजय ने की तथा संचालन पुनीत गोल्डी जैन व मुकेश जैन ने किया। अजय जैन ने बताया कि कोरोना काल के वक्त हर कोई अपने बारे में सोच रहा था और बहुत से पशु व मूक प्रांणी भूख से मरने की कागार पर पहुँच गये थे उस समय इस पुण्य कार्य का शुभारम्भ किया गया। उन्होंने बताया कि इस कार्य को आरम्भ करने का एक और उद्देश्य यह भी रहा कि युवा पीढ़ी को सेवा कार्यों से जोड़ा जा सके। मूक प्राणीयों की सेवा को सबसे बड़ी सेवा कहा जाता है, और यह भी माना जाता है कि इन बेजुबानों की सेवा करने से सभी प्रकार के कष्ठ व पीड़ा दूर होती है, क्योंकि मनुष्य अपने दुख-दर्द व जरुरतें कह कर व बता कर पूरी करा लेता है किन्तु बेजुबान पशु अपनी तकलीफ किसी को नहीं बता पाते है। ऐसे में हमारा कर्तव्य बनता है कि हम अधिक से अधिक सेवा कार्य कर इन प्राणियों की पीड़ा को कम करने का प्रयास करे। पुनीत गोल्डी जैन ने कहा कि चैरेटेबल ग्रुप के द्वारा गऊ वंशजों की सेवा कार्य निरंतर जारी है, इसी श्रंखला में 119 वां मूकप्राणी सेवा कार्यक्रम का आयोजन चरणदास बंसल व पारस जैन परिवार के सहयोग से गऊशाला प्रांगण में किया गया, जिसमें ग्रुप के सेवा दारों ने गऊ वंशजों की सेवा की और पुण्य कमाया। कार्यक्रम में दानी परिवार द्वारा पशुओं के लिये 2 हजार किलो चारे, 20 दर्जन केले, नमक व गुड़ की सेवा की गई। मुकेश जैन ने बताया कि पशु-पक्षी प्राकृति का साकार रूप है, इसका अस्तित्व निश्चित रूप से मानवमात्र के लिये शाश्वत, प्रेरत व मंगलमय है, क्यों धर्म के अनुसार मानव मात्र के अतिरिक्त अन्य जीवों पर दया करना भी श्रेष्ठ व आवश्यक कार्य है। गायोंं के लिये चारा लाने के लिये वाहन की सेवा भी निशुल्क प्रदान की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि हम सभी को प्रयास करना चाहिये की अपने व अपने परिवार सदस्यों के जन्म दिवस, शादी की साल गिराह व अन्य अवसरों पर गायों की सेवा के लिये सहयोग देकर पुण्य के भागीदार बने। इस अवसर पर ग्रुप के सदस्यों ने सहयोग दिया।