What is Mauni Amavasya and what is the significance of this day.

क्या है मौनी अमावस्या? 2023 में कब है ये अमावस्या, जानें इसका शुभ मुहूर्त और महत्व

What is Mauni Amavasya and what is the significance of this day.

What is Mauni Amavasya and what is the significance of this day.

Mauni Amavasya 2023: हिन्दू पंचांग के अनुसार, इस समय माघ का महीना चल रहा है। 6 जनवरी से शुरू हुए इस महीने का समापन 18 फरवरी को होगा। वहीं, माघ के माह की अमावस्या 21 जनवरी को मनाई जाएगी। माघ महीने की रात को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। हिन्दू धर्म द्वारा माना जाता है कि मौनी अमावस्या के दिन दान, स्नान और पूजा-पाठ अत्यंत शुभ होता है। तो आइये जानते हैं मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त कब और क्या है इसका इतिहास। 

कौन सी तारीख को है मौनी अमावस्या ?
जनवरी के महीने में माघ आ जाता है और और तब लोग लोहड़ी और मकर संक्रांति आदि मनाते है। मौनी अमावस्या के समय और तारीख के अनुसार यह  माघ माह की तिथि 21 जनवरी और दिन शनिवार को सुबह 6 बजकर 17 मिनट से शुरू होगा। वहीं, इसका समापन 22 जनवरी, दिन रविवार को रात को 2 बजकर 22 मिनट पर होगा। मौनी अमावस्या के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग लगने जा रहा है। इस योग का निर्माण 22 जनवरी को सुबह 6:30 बजे से लेकर सुबह 7:14 बजे के बीच में होगा। 

मौनी अमावस्या 2023 | मौनी अमावस्या क्या है? | 2023 में मौनी अमावस्या कब है?  | दिनांक | इस दिन गंगा स्नान करना शुभ माना जाता है।

कब है सही स्नान का समय ?
इस दिन (मौनी अमावस्या) गंगा स्नान का अत्यंत महत्व बताया गया है। इस दिन गंगा स्नान करने से न सिर्फ पापों से मुक्ति मिल जाती है बल्कि शरीर के दोष और रोग भी दूर हो जाते हैं। मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान का समय शुभ-उत्तम मुहूर्त में 21 जनवरी को सुबह 8 बजकर 34 मिनट शुरू होगा और इसका समापन सुबह 9 बजकर 53 मिनट पर खत्म होगा। 

Mauni Amavasya 2023 | मौनी अमावस्या कब है | Mauni Amavasya Ki Date

क्या है मौनी अमावस्या का महत्व ?
इस दिन सूर्य पूजा का अत्यंत महत्व है। हिन्दू धर्म में माना जाता है कि सूर्य देव की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में तेज, ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार होता है। इस दिन दान हिन्दू धर्म के 5 महादान का भी बेहद महत्व है। इस दिन अन्न, गर्म कपड़े, फल आदि का दान करना बहुत शुभ और पुण्यकारी माना जाता है। मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत रखने से वाणी में तीव्रता से भार आता है और वाक शक्ति मजबूत होती है। इसलिए इस दिन को कुछ लोग पवित्र भी मानते है।