कैंसर से जंग हार गए विभु राघव, जानें क्या है कोलन कैंसर?

कैंसर से जंग हार गए विभु राघव, जानें क्या है कोलन कैंसर?

मशहूर टेलीविजन अभिनेता विभु राघव का सोमवार (2 जून) को निधन हो गया।

 

vibhu raghave: मशहूर टेलीविजन अभिनेता विभु राघव का सोमवार (2 जून) को निधन हो गया। उन्हें स्टेज-4 कोलन कैंसर था, वह करीब 37 साल के थे। 'निशा और उसके कजिन्स' जैसे चर्चित टीवी कार्यक्रम में भूमिका निभा चुके विभु की मौत से शोक की लहर है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक साल 2022 में उन्हें कोलन कैंसर का पता चला था, वह लंबे समय से इसका इलाज करा रहे थे, हालांकि सोमवार को इस गंभीर और जानलेवा बीमारी ने उन्हें हरा दिया।इस खबर के सामने आने के बाद से लोग जानना चाह रहे हैं कि आखिर कोलन कैंसर क्या होता है, जिसने इतनी कम उम्र में एक बेहतरीन कलाकार की जान ले ली? तो आइए इसके बारे में विस्तार से जानतें हैं।

 

क्या है कोलन कैंसर?

 

आमतौर पर कैंसर को वृद्धावस्था में होने वाली बीमारी से जोड़कर देखा जाता रहा है, पर ये कम उम्र में लोगों को क्यों आपका शिकार बना रही है और आप इस तरह की गंभीर समस्या से खुद को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं? आइए इस बारे में जानते हैं।आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि साल 2022 में, वैश्विक स्तर पर कोलोरेक्टल कैंसर (इसे कोलन और बाउल कैंसर भी कहा जाता है) के 1.9 मिलियन (19 लाख) से अधिक नए मामले सामने आए और करीब 9 लाख से अधिक मौतें हुईं।विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, कोलोरेक्टल कैंसर दुनियाभर में कैंसर से होने वाली मौतों का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। भारत में, यह चौथा सबसे अधिक होने वाला कैंसर है। साल 2022 में भारत में कोलन कैंसर के 64,863 मामले सामने आए और 38,367 मौतें दर्ज की गईं।

 

क्यों होता है कोलन कैंसर?

नवीनतन शोध के अनुसार, युवाओं (30-40 वर्ष) में भी कोलन कैंसर के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है।वैज्ञानिकों और डॉक्टरों का मानना है कि इस कैंसर के लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। कुछ प्रकार के जीन में बदलाव, सूजन संबंधी बीमारियां, फैमिली हिस्ट्री के अलावा खानपान में गड़बड़ी और लाइफस्टाइल की समस्याएं इस कैंसर के खतरे को बढ़ाने वाली हो सकती हैं। अध्ययनों में रेड मीट, फास्ट फूड के अधिक सेवन और आहार में फाइबर की कमी को भी इस कैंसर को बढ़ाने वाला पाया गया है।धूम्रपान-शराब की आदत, मोटापा और शारीरिक गतिविधियों-नींद की कमी भी आपके जोखिमों को बढ़ा सकती है।