आज ओंकारेश्वर मंदिर में विराजेंगे बाबा केदार, छह माह यहीं रहेंगे
Rudraprayag Omkareshwar Temple
रुद्रप्रयाग: Rudraprayag Omkareshwar Temple: स्थानीय वाद्य यंत्रों, आर्मी बैंड की मधुर धुनों और हजारों भक्तों की जयकारों के बीच बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली द्वितीय रात्रि प्रवास के लिए गुप्तकाशी पहुंची. गुप्तकाशी पहुंचने पर स्थानीय लोगों की ओर से डोली का भव्य स्वागत किया गया. आज डोली गुप्तकाशी से अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचेगी. ओंकारेश्वर मंदिर में पहुंचने के बाद बाबा केदार की भोग मूर्ति यहीं विराजमान हो जाएगी. अगले छह माह तक बाबा केदार की ओंकारेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना होगी.
भैया दूज के पावन पर्व पर विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिये बंद हो गये थे. जिसके बाद डोली ने केदारनाथ धाम से अपने शीतकालीन गद्दीस्थल के लिये प्रस्थान किया. डोली पहले रात्रि पड़ाव के लिये रामपुर पहुंची थी. शुक्रवार सुबह रामपुर में बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली की विशेष पूजन संपंन हुआ. डोली की आरती उतारने के बाद डोली ने आर्मी बैंड की मधुर धुनों के साथ अपने अगले पड़ाव के लिये प्रस्थान किया.
फाटा, ब्यूंग, नारायणकोटी समेत अन्य यात्रा पड़ावों पर बाबा केदार की डोली ने भक्तों को आशीष दिया. भक्तों ने भी जगह-जगह डोली का भव्य स्वागत किया. देर सायं डोली अपने द्वितीय रात्रि प्रवास के लिए गुप्तकाशी स्थित विश्वनाथ मंदिर पहुंची. गुप्तकाशी पहुंचने पर डोली का भव्य स्वागत हुआ. बाबा केदार के जयकारों से केदारघाटी इन दिनों गुंजायमान है. आज प्रातः पंचमुखी उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान करेगी. बाबा की शीतकालीन पूजाएं ऊखीमठ में ही की जाएंगी.
इसके साथ ही बाबा केदार की शीतकालीन यात्रा का भी शुभारंभ हो जाएगा. अब देश-विदेश से पहुंचने वाले भक्त आगामी छह माह तक बाबा केदार के दर्शन पंचकेदार शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में करेंगे.विगत कुछ वर्षों से शीतकालीन यात्रा पर जोर दिया जा रहा है. हालांकि केदारनाथ धाम के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में शीतकाल के दौरान काफी अधिक संख्या में तीर्थ यात्री व पर्यटक पहुंचते हैं. इस शीतकालीन गद्दीस्थल के निकट ही प्रसिद्ध पर्यटक स्थल चोपता व चन्द्रशिला है.
ऐसे में जो पर्यटक चोपता आते हैं, वह शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर भी पहुंचते हैं. केदारनाथ धाम के अलावा ओंकारेश्वर मंदिर द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर का भी शीतकालीन गद्दीस्थल है. इसके अलावा ओंकारेश्वर मंदिर को पंचकेदार शीतकालीन गद्दीस्थल भी कहा जाता है. मान्यता है कि इस मंदिर में एक साथ पंच केदारों के दर्शन कर सकते हैं. जो मनुष्य पंच केदारों के दर्शन नहीं कर सकता है तो वह ओंकारेश्वर मंदिर में पहुंचकर एक साथ पंच केदारों के दर्शन कर सकता है. शीतकालीन के दौरान यात्री ओंकारेश्वर मंदिर के अलावा जनपद रुद्रप्रयाग में पड़ने वाले अन्य मठ-मंदिरों व धार्मिक स्थलों के दर्शन भी कर सकते हैं.