उत्तराखंड का विधानसभा सत्र 29 मार्च से होगा शुरू, तीन दिवसीय होगा उत्तराखंड विधानसभा का सत्र

उत्तराखंड का विधानसभा सत्र 29 मार्च से होगा शुरू, तीन दिवसीय होगा उत्तराखंड विधानसभा का सत्र

उत्तराखंड का विधानसभा सत्र 29 मार्च से होगा शुरू

उत्तराखंड का विधानसभा सत्र 29 मार्च से होगा शुरू, तीन दिवसीय होगा उत्तराखंड विधानसभा का सत्र

देहरादून : पुष्कर सिंह धामी के दोबारा मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद अब पांचवीं विधानसभा का पहला सत्र 29 मार्च शुरू होगा। सत्र में सरकार नए वित्तीय वर्ष के शुरुआती चार महीनों के लिए लेखानुदान लाने जा रही है।

पुष्कर सिंह धामी मंत्रिमंडल की गुरुवार को हुई बैठक में विधानसभा सत्र आहूत करने का निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल के फैसलों को मुख्यमंत्री धामी ने ब्रीफ किया। उन्होंने बताया कि नया वित्तीय वर्ष 2022-23 एक अप्रैल से प्रारंभ होगा।

नए वित्तीय वर्ष में राज्य के खर्च के लिए बजट को विधानसभा से अनुमोदन मिलना आवश्यक है। कम समय देखते हुए मंत्रिमंडल ने पूर्ण बजट के स्थान पर चार माह के लिए लेखानुदान लाने का निर्णय लिया गया है। विधानसभा सत्र में लेखानुदान पर मुहर लगाई जाएगी। सचिव विधानसभा मुकेश सिंघल ने बताया कि फिलहाल सत्र की अवधि तीन दिन तय की गई है। सत्र 29 मार्च से आरंभ होगा।

भाजपा संगठन ने मुख्यमंत्री को सौंपा दृष्टि पत्र

धामी सरकार भाजपा के दृष्टिपत्र में शामिल बिंदुओं को नीति का रूप देगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि दृष्टिपत्र में शामिल सभी बिंदुओं पर विभागवार प्रस्ताव तैयार कराए जाएंगे ताकि इन बिंदुओं को धरातल पर उतारा जा सके।

गुरुवार को धामी सरकार की पहली कैबिनेट बैठक के अवसर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक व प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार ने मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को दृष्टि पत्र सौंपा। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि जनता ने भाजपा व भाजपा के दृष्टि पत्र पर भरोसा किया है।

सरकार इस भरोसे पर पूरी तरह से खरा उतरेगी। उन्होंने कहा कि युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व मे मंत्रिमंडल के सदस्य राज्य को विकास की दिशा में ले जाने के लिए अधिक ऊर्जा से कार्य करेंगे। इस अवसर पर प्रदेश महामंत्री सुरेश भट्ट व सभी मंत्री उपस्थित रहे।

पूर्व शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने छोड़ा मंत्री आवास

पूर्व शिक्षा मंत्री एवं ऊधमसिंह नगर जिले से पांचवीं बार निर्वाचित विधायक अरविंद पांडेय ने गुरुवार को यमुना कालोनी स्थित मंत्री आवास छोड़ दिया। आवास छोड़ने के दौरान पूर्व मंत्री अरविंद पांडेय और उनके स्टाफ के बीच की आत्मीयता झलकी। पांडेय ने पत्नी अपने स्टाफ के साथ सुबह का नाश्ता किया तो माहौल गमगीन हो गया। कर्मचारियों की आंखें छलक गईं। पूर्व मंत्री ने उन्हें प्यार से समझाया और भरोसा दिया कि वह सुख-दुख में सभी के साथ रहेंगे।

पूर्व कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय ने बीते रोज मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने पर गुरुवार सुबह ही राज्य संपत्ति विभाग के अधिकारियों को बुलाकर आवास की संपत्ति उन्हें सौंप दी। पांडेय के आवास छोडऩे की जानकारी मिलने पर पूर्व सांसद बलराज पासी, पूर्व विधायक राजकुमार समेत कई परिचित बड़ी तादाद में उनसे मिलने पहुंचे।

इस दौरान मीडिया से बातचीत में पूर्व शिक्षा मंत्री पांडेय ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और मंत्रिमंडल के सदस्यों को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि जनता से भारी बहुमत देकर सरकार पर भरोसा जताया है। उन्हें पूरी उम्मीद है कि नई सरकार इस भरोसे पर खरा उतरेगी। उन्होंने कहा कि विधायक के नाते वह हर तरीके से सरकार के साथ हैं। उन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने पर कोई मलाल नहीं है।

उन्होंने कहा कि वह किसी पद की दौड़ में कभी नहीं रहे। नए मंत्री अपना कामकाज जल्द शुरू करें, इसलिए उन्होंने तुरंत आवास छोडऩा उचित समझा। वह भाजपा के निष्ठावान कार्यकर्ता हैं। संगठन सर्वोपरि है। वह सरकार और पार्टी के सहयोगी बनकर कार्य करेंगे।

पुराने मंत्रियों में नए मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने से नाराजगी के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह भाजपा में किसी तरह की गुटबाजी नहीं है। उन्होंने बिशन सिंह चुफाल समेत अन्य विधायकों की मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होने से नाराजगी के बारे में जानकारी से इन्कार किया। बीते रोज भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक से मुलाकात को उन्होंने शिष्टाचार भेंट करार दिया।