जिस प्रेमी बिलाल के लिए पति-बच्चे को छोड़ा, उसी ने उमा का सिर धड़ से अलग कर दिया! जानिए कत्ल की खौफनाक कहानी

The lover, Bilal, beheaded Uma!

The lover, Bilal, beheaded Uma!

The lover, Bilal, beheaded Uma!: निकाह में बाधा बनने पर प्रेमी के सिर काटकर हत्या करने की घटना ने पुलिस से लेकर आमजन तक को झकझोर कर रख दिया है। सोमवार को पुलिस ने उमा के कटे सिर को परिजनों के सुपुर्द किया। परिजनों ने कहा कि उमा से 15 साल पहले उस समय रिश्ता-नाता खत्म कर दिया था, जब शादी वाले दिन वह अपने पहले प्रेमी संग फरार हो गई थी। बाद में उससे तलाक लेकर बिलाल के साथ रह रही थी। परिजनों ने कहा कि सिर्फ इंसानियत के लिए उसके कटे सिर को सहारनपुर लाकर अंतिम संस्कार कर रहे हैं।

सहारनपुर के नकुड़ थाना क्षेत्र के अम्बेहटा निवासी बिलाल छह दिसंबर की रात बेहट रोड निवासी अपनी प्रेमिका उमा को पोंटा साहिब घुमाने की बात कहकर हिमाचल ले गया उसके बाद हरियाणा में उसकी सीट बेल्ट से हत्या कर सिर काटकर जंगल में फेंक दिया था। रविवार को पुलिस ने घटना का खुलासा करते हुए टैक्सी चालक बिलाल को गिरफ्तार कर लिया था। पूछताछ में उसने बताया था कि उमा के साथ पिछले दो साल से लिव इन रिलेशनशिप में था। निकाह में बाधा बनने पर उसकी हत्या कर दी। रविवार को बिलाल और उसके भाई का निकाह था, लेकिन उससे पहले पुलिस ने बिलाल को गिरफ्तार कर लिया। उसके भाई का निकाह हो गया, जबकि बिलाल का निकाह रद्द कर दुल्हन का आनन फानन में दूसरे के साथ निकाह पढ़ाया गया।

मोबाइल से मिटा दिए थे फोटो

यमुनानगर पुलिस की जांच में आया कि आरोपी ने पहले सीट बेल्ट से उमा का गला घोंटा। इससे उमा का शरीर बेजान हो गया। उसे मरा समझकर आरोपी ने कार को आगे बढ़ा लिया। करीब आधा किमी दूर चलने पर गांव बहादुरपुर की लाइटें नजर आईं। तभी उसे शक हुआ कि उमा जिंदा न बच जाए। ऐसे में उसने मीट काटने वाले छुरे से उमा की गर्दन काट दी। इसके बाद धड़ को अलग और गर्दन को अलग स्थान पर फेंक दिया। प्रेमिका की हत्या के बाद आरोपी अपने घर पहुंचा। उसने अपना मोबाइल फार्मेट कर दिया, जिससे उमा की फोटो और नंबर आदि सब खत्म हो जाए। पुलिस ने मोबाइल कब्जे में ले रखा है।

उमा के परिजनों को यमुनानगर बुलाया

पुलिस ने सहारनपुर से उमा के भाई व अन्य परिजनों को यमुनानगर बुलाया। वहां भाई टिंकू ने मीडिया व पुलिस को बताया कि उमा से उन्होंने 15 साल पहले ही रिश्ता खत्म कर दिया था। वह शादी वाले दिन ही अपने पहले प्रेमी संग फरार हो गई थी। जिसके चलते गांव में उनके परिवार की काफी किरकिरी हुई थी। टिंकू ने बताया कि हरियाणा पुलिस ने उमा के धड़ का तीन दिन पहले ही लावारिस में अंतिम संस्कार कर दिया था। उस समय उमा का कटा सिर बरामद नहीं हो सका था। अब बिलाल की गिरफ्तारी के बाद बरामद सिर को परिजनों के सुपुर्द किया गया है। परिजनों ने कहा कि वह बिना मन के सिर्फ इंसानियत के नाते उसके कटे सिर का अंतिम संस्कार कर रहे हैं।

भाई बोला-बहन के मरने से नहीं कोई फर्क

सहारनपुर। उमा के परिजन सोमवार को यमुनानगर पहुंचे। वहां उन्होंने पुलिस व मीडिया से मुलाकात कर उमा की पुरानी हिस्ट्री बतायी। कहा कि उमा ने 15 साल पहले ही खानदान की इज्जज मिट्टी में मिला दी थी। बाद में पहले प्रेमी से तलाक होने पर अब नए प्रेमी बिलाल संग अलग रह रही थी। सहारनपुर में जनता रोड रमजानपुर निवासी उमा के भाई टिंकू ने बातचीत में बताया कि जिसने खानदान की इज्जत की धज्जियां उड़ा दीं, उससे हमारा कोई नाता नहीं, जिस दिन उसकी शादी थी उसी शाम वह पड़ोसी के साथ भाग गई थी। यह घटना परिवार के लिए ऐसा जख्म बन गई जो आज तक नहीं भरा। इसलिए उसी दिन हमने उसे मरा मान लिया था। पड़ोसियों के अनुसार, उस समय उमा की बारात को बैरंग लौटाने की नौबत आ गई थी।

बदनामी से बचने को ममेरी बहन से करानी पड़ी थी उमा के होने वाले पति की शादी

उमा के परिजनों ने बताया कि 15 साल पहले समाज और रिश्तेदारों के सामने बदनामी से बचने के लिए मजबूरी में उसी दिन उमा की ममेरी बहन से उसके होने वाले पति का विवाह कराना पड़ा। यह फैसला परिवार के लिए आसान नहीं था, लेकिन इज्जत बचाने के लिए वही रास्ता बचा था। भाई ने बेहद कठोर लहजे में कहा कि बहन के जीने या मरने से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। उसने तब ही हमारे रिश्ते खत्म कर दिए थे अब उसकी मौत भी हमारे लिए कोई मायने नहीं रखती।

पुलिस के दबाव में ही यमुनानगर तक पहुंचे

टिंकू ने यह भी बताया कि जगाधरी पुलिस के दबाव में ही वह यमुनानगर आए हैं, वरना परिवार इस मामले से पूरी तरह किनारा कर चुका था। उधर, पुलिस का कहना है कि परिजनों के बयान दर्ज कर लिए गए हैं। महिला की शिनाख्त को लेकर डीएनए जांच कराई जाएगी, ताकि कानूनी प्रक्रिया पूरी की जा सके।

पति व बेटे से मिलना तक पसंद नहीं करती थी उमा

उमा के पति जोनी ने बताया कि उसने 13 साल पहले गांव से भागकर उमा से लव मैरिज की थी। वह रंग पुताई का काम करता है। जोनी सहारनपुर में पत्नी उमा व बेटे ऋषभ (10) के साथ रमजानपुर कॉलोनी में रह रहा था। पिछले तीन साल से उमा अकेली बेहट रोड गंगोत्री कॉलोनी किराय पर बबीता के यहां रह रही थी। तीन साल पहले जोनी बेटे ऋषभ को लेकर गांव लौटा था। बेटा ऋषभ पिता के साथ गांव में रहता था। पड़ोसियों का कहना है कि जोनी बताया करता था कि उमा अब उसके साथ नहीं रहती है। बेटा ऋषभ मां उमा से मिलने जाया करता था।