वाराणसी में राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र: प्रदेश सरकार का बड़ा कदम
National Centre of Excellence in Varanasi
National Centre of Excellence in Varanasi : प्रदेश सरकार ने खिलाड़ियों के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। वाराणसी स्थित डा. संपूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम, सिगरा को नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने और इसके संचालन, प्रबंधन व रखरखाव की जिम्मेदारी भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) को सौंपने के एमओयू को मंजूरी दे दी है।
खिलाड़ियों की सेवा अवधि में बदलाव
सरकार ने स्पष्ट किया है कि अब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं, प्रशिक्षण शिविरों और संबंधित गतिविधियों में भाग लेने की पूरी अवधि, यात्रा समेत, नियुक्त खिलाड़ियों की सेवा अवधि (ड्यूटी) मानी जाएगी। इससे खिलाड़ियों को छुट्टी लेने की आवश्यकता नहीं होगी और उनकी तैयारी पर किसी प्रकार का प्रशासनिक प्रभाव नहीं पड़ेगा।
खेल अवसंरचना में सुधार
वाराणसी का यह स्टेडियम ‘खेलो इंडिया’ योजना के तहत विकसित आधुनिक खेल अवसंरचना का हिस्सा है। कैबिनेट की स्वीकृति के बाद स्टेडियम परिसर की सभी सुविधाएं, भवन, ढांचे, मैदान और अन्य व्यवस्थाएं साई को सौंपी जाएंगी।
राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना
साई यहां राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करेगा, जहां खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण मिलेगा। इस सेंटर के संचालन के बाद हर साल लगभग 180 खिलाड़ियों को उच्च स्तरीय ट्रेनिंग दी जाएगी। बॉक्सिंग, कुश्ती, तलवारबाजी और शूटिंग जैसे खेलों में उभरते खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
वित्तीय पहल और देशभर में प्रभाव
इस परियोजना पर अनुमानित 13.50 करोड़ रुपये का वार्षिक व्यय प्रस्तावित है। वर्तमान में देशभर में साई के 23 उत्कृष्टता केंद्र सक्रिय हैं, और वाराणसी का यह केंद्र नए केंद्र के रूप में शामिल होगा।
यूपी की खेल प्रतिभाओं को मिलेगा बड़ा मंच
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि इस पहल से उत्तर प्रदेश की खेल प्रतिभाओं को एक बड़ा मंच मिलेगा। खिलाड़ियों का करियर मजबूत होगा और वाराणसी देश के प्रमुख खेल शहरों में शुमार हो जाएगा। जल्द ही यहां इन खेलों का उत्कृष्ट प्रशिक्षण शुरू किया जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय पदक विजेताओं के लिए नई व्यवस्था
पूर्व में अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ियों को प्रतियोगिताओं या प्रशिक्षण के दौरान छुट्टी लेनी पड़ती थी। अब नई व्यवस्था के अनुसार, जब भी नियुक्त खिलाड़ी किसी राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता, प्रशिक्षण शिविर या कैंप में भाग लेंगे, उसकी पूरी अवधि सेवा अवधि मानी जाएगी। यात्रा में लगने वाला समय भी इसमें शामिल होगा।
इस बदलाव से खिलाड़ियों को प्रशासनिक बाधाओं का सामना नहीं करना पड़ेगा और प्रदेश का खेल प्रतिनिधित्व और भी मजबूत होगा।