मुसलमान हो, इलाज नहीं करेंगे... दर्द से तड़प रही महिला से क्या बोली डॉक्टर?
I won't treat this Muslim man
I won't treat this Muslim man: उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जिला महिला अस्पताल के डॉक्टरों पर कथित तौर पर जाति धर्म के आधार पर भेदभाव करते हुए एक मुस्लिम महिला का इलाज न करने के आरोप लगे हैं. सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया. बता दें कि प्रसव पीड़ा के बाद महिला को जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हालांकि CMS ने आरोपों को गलत बताते हुए गार्ड को धक्का देकर लेबर रूम में घुसकर वीडियो बनाने और महिलाओं की निजता प्रभावित करने वाले दो युवकों के खिलाफ पुलिस से शिकायत की है.
दरअसल, ये आरोप जौनपुर के किसी पीएचसी या सीएचसी केंद्र पर नहीं बल्कि जिला महिला अस्पताल के चिकित्सकों पर लगा है. आरोप लगाने वाली पीड़िता चंदवक थाना क्षेत्र के बीरी बारी गांव निवासी शमा परवीन (27) है. 30 सितंबर को प्रसव पीड़ा होंने के बाद शमा के पति मोहम्मद नवाज ने उसे जिला महिला अस्पताल में एडमिट कराया था.
ये मुस्लिम है, मैं इसका इलाज नहीं करूंगी
आरोप है कि पीड़िता को जिला महिला अस्पताल में एडमिट कराने के बाद दर्द काफी तेज होने लगा. जिला अस्पताल में एडमिट अन्य महिलाओं को देखने पहुंची महिला चिकित्सक पर आरोप है कि उन्होंने मुस्लिम होने के चलते पीड़िता समेत दो महिलाओं को छुआ तक नहीं. मुस्लिम होने की वजह से पीड़िता को कथित तौर पर ऑपरेशन थियेटर में ले जाने से मना कर दिया गया.
पीड़िता का वीडियो वायरल
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में पीड़िता का आरोप है कि उसे जिला महिला अस्पताल में सिर्फ मुस्लिम होने के चलते महिला चिकित्सक द्वारा नहीं देखा गया. पीड़िता ने बताया कि डॉक्टर यहां तक बोलीं कि इसको मैं नहीं देखूंगी, इसे ऑपरेशन थियेटर में मत ले जाना. पीड़िता और उसके परिजनों द्वारा डॉक्टर से काफी मिन्नतें भी की गईं, लेकिन आरोप है कि फिर भी डॉक्टर द्वारा उसका इलाज नहीं किया गया.
CMS बोले- आरोप गलत हैं
इस पूरे मामले पर जिला महिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. महेंद्र कुमार गुप्ता ने TV9 डिजिटल से कहा कि इस तरह के आरोप गलत हैं. संबंधित चिकित्सक और स्टाफ से स्पष्टीकरण मांगा गया है. ऐसी कोई बात नहीं थी. अस्पताल में जाति धर्म देखकर किसी के साथ भेदभाव किए जाने की बात पूरी तरह से गलत और निराधार है. जो दूसरी मुस्लिम महिला का इलाज न करने की बात कही जा रही है, वह महिला एनीमिया से पीड़ित थी. गंभीरता को देखते हुए उसे रेफर कर दिया गया था. पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है. यदि कोई दोषी मिला तो सख्त कार्रवाई की जाएगी.
गार्ड को धक्का देकर लेबर रूम में घुसकर बनाया वीडियो
वहीं मुस्लिम महिला के गंभीर आरोपों के बाद जिला महिला अस्पताल की जमकर किरकिरी होने लगी. स्वास्थ्य विभाग और सरकार के दावों को लेकर सोशल मीडिया पर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. CMS ने महिला के आरोपों को गलत बताते हुए लेबर रूम में घुसकर वीडियो बनाकर वायरल करने वालों पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि मो. उस्मान और मयंक श्रीवास्तव नामक दो युवक जबरदस्ती गार्ड को धक्का देकर लेबर रूम में घुसकर वीडियो बनाए हैं, जिससे महिला मरीजों की निजता प्रभावित हुई है. ये बेहद ही शर्मनाक है.
इसके लिए उनकी तरफ से पुलिस से कार्रवाई के लिए शिकायत की गई है. उन्होंने कहा कि यदि पीड़िता या उसके परिजनों का बयान लेना ही था तो गार्ड को धक्का देकर लेबर रूम में जाने की जरूरत क्या थी, वहां अन्य महिला मरीज किस अवस्था में हैं, इसका ध्यान नहीं दिया गया. जिला महिला अस्पताल की छवि धूमिल करने के उद्देश्य से वीडियो वायरल किया गया है. दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.