गाजियाबाद: क्राइम ब्रांच की कार्रवाई में 50 हजार का इनामी बदमाश बलराम ठाकुर एनकाउंटर में ढेर, अनिल दुजाना गैंग का था सक्रिय सदस्य
Ghaziabad Encounter
Ghaziabad Encounter: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में पुलिस ने शनिवार शाम कुख्यात अपराधी और अनिल दुजाना गैंग के सक्रिय सदस्य बलराम ठाकुर को मुठभेड़ में मार गिराया है. बलराम ठाकुर पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था. दो दिन पहले ही उसने गाजियाबाद में मदन स्वीट्स और एक लोहे के कारोबारी से लाखों रुपये की रंगदारी मांगी थी. जिसके बाद से पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई थी.
मुठभेड़ वेव सिटी थाना क्षेत्र के अंडरपास पर हुई है. पुलिस की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक बलराम ने पुलिस को देखते ही फायरिंग शुरू कर दी. जवाबी कार्रवाई में वह गंभीर रूप से घायल हो गया और उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई.
एडीसीपी क्राइम पीयूष सिंह और क्राइम ब्रांच स्वॉट टीम प्रभारी अनिल राजपूत की टीम ने मुठभेड़ में एनकाउंटर को अंजाम दिया है. बलराम ठाकुर की तलाश लंबे समय से की जा रही थी और उसके खिलाफ कई संगीन मामले दर्ज थे. बलराम के साथ मुठभेड़ में तीन पुलिसकर्मी भी गोली लगने से घायल हुए हैं.
पुलिस ने कैसे किया एनकाउंटर?
शनिवार (20 सितंबर 2025) की देर शाम पुलिस को दुजाना गैंग के कुख्यात बदमाश बलराम ठाकुर की मौजूदगी की सूचना मिली थी. पुलिस ने तुरंत बदमाश को पकड़ने के लिए टीम तैयार की. पुलिस टीम जब वेव सिटी क्षेत्र में बने अंडरपास के पास पहुंची तो वहां पर बलराम ठाकुर ने पुलिस वैन को देखते ही गोलीबारी शुरू कर दी. गोलीबारी में पुलिस के वाहन को नुकसान हुआ है साथ ही तीन पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं. पुलिस ने तुरंत जवाबी फायरिंग शुरू की और बलराम को मार गिराया.
2 दिन में ढूंढा फिर किया ढेर
पुलिस ने बताया है कि 17 सितंबर को बदमाश ने गाजियाबाद के दो कारोबारियों को फोन किया था और उनसे करीब 75 लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी. रंगदारी नहीं देने पर उसने जान से मारने की धमकी भी दी थी. बलराम ठाकुर ने व्यापारियों से कहा था कि अगर पैसे नहीं दिए तो वह उन्हें परिवार के साथ भून देगा. पहला कॉल कविनगर के मदन स्वीट्स के मालिक ब्रह्मपाल को किया था और 50 लाख की मांग की थी. इसके बाद सिहानी गेट के लोहा मंडी के व्यापारी अभिषेक को कॉल किया था और 25 लाख की रंगदारी मांगी थी.
जब व्यापारियों ने पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दी तो पुलिस ने कॉल किए गए नंबर को सर्विलांस पर डाला और लोकेशन ट्रेस करना शुरू किया. आखिर में पुलिस ने सूचना के आधार पर बलराम ठाकुर को घेरा और एनकाउंटर में ढेर कर दिया.